________________ [16] सेठिया जैन ग्रन्थमाला 146 पानी का विश्वास न करना चाहिए। 147 पर के द्रव्य की इच्छा न करनी चाहिए। 148 गुरु-गम अर्थात् गुरु-धारणा विना सूत्र का उपदेश न करना चाहिए। 149 सोते उठते ही सामायिक करना चाहिए। अर्थात् प्रभात काल ( पिछली रात) में किसी काम में लगने के पहले सामायिक करना चाहिए। 150 निर्ग्रन्थ-पंचमहाव्रतधारी साधु का दर्शन करना चाहिए। 151 मन लगा कर धर्म की दलाली करना चाहिए। 152 मा बाप और सासू मुसरे आदि बड़ों को दुःखन . पहुंचाना चाहिए / 153 पाप कार्यों में आगे न बढ़ना चाहिए / 154 धर्मकार्य में प्रालस्य न करना चाहिए। 155 निश्चय और व्यवहार दोनों को ही मानना चाहिए। 156 हिसाब किताब करते समय, स्वाध्याय करते समय बीच में कोई चीज़ न देना चाहिए, और न बोलना चाहिए। यदि बोले तो काम करने वाले को बुरा लगता और भूल हो जाती है।