________________ नीति-शिक्षा-संग्रह 18 भौंरा कमल को काटकर उड़ जा सकता है; किन्तु वह उस की खुशबू के लालच में पाकर उसी के अन्दर बन्द रहकर जीवन खो देता है, अर्थात् भौंरा अपनी घ्राणइन्द्रिय- नाक के अधीन होकर मारा जाता है। ., 16 विषय विष के समान है / एक एक विषय प्रकेला हो जीवन का नाश कर देता है / अगर पाँचों विषय एक साथ मिल जायँ, तो प्राणों का नाश कर देने में क्या शक है / 20 पर-स्त्रियों पर मन न डिगाना चाहिये, पर- स्त्रियों की इच्छा करने वाले राजा इन्द्र नहुष और रावण भादि बड़ों 2 का भी अन्त में नाश ही हुआ है। __ 21 जो मनुष्य स्त्री के वश में नहीं होता, उसी को स्त्री से सुख मिलता है / घर का काम-काज स्त्री विना नहीं चल सकता / 22 यदि किसी भादमी से अपराध हो जावे और वह माफी माँगे तो उसे अवश्य क्षमा कर देना चाहिए; क्योंकि क्षमा बड़े पुरुषों का लक्षण है। 23 जो मनुष्य अधिकार पाकर उपकार नहीं करता है, उस के अधिकार' शब्द में के 'म' का लोप हो कर 'क' का द्वित्व हो जाता है / अर्थात् अधिकार के बदले में धिक्कार होजाता है। 23 विद्या पढ़ा हुआ मनुष्य यदि उस के अनुसार काम न