________________ (72) सेठियाजैनग्रन्थमाला रहते समय जमीन से ऊँचा रहता हो, उसे उत्तम जाति का वोड़ा समझना चाहिए, वह घोड़ा अपने स्वामी की लक्ष्मी बढ़ाने वाला होता है। 42 घोड़ेके कानों का लक्षण --- जिस घोड़े के कान अखंडित तथा अनीवाले होते हैं, वह अति उत्तम जाति का घोड़ा धन और कीर्ति बढ़ाने वाला होता है / जिस वोड़े का दाहिना कान बाएँ कान से जरा बड़ा या छोटा हो या कान अकड़कर नहीं रहते होनव जाते हों, वह अपने स्वामी का नाश करने वाला होता है। जिस घोड़े के दाहिने कान में भौंर का चिह्न हो, वह अपने स्वामी के कुल का नाश करने वाला होता है / यदि उसके दाहिने कान में दक्षिणावर्त चक्रका चिह्न हो तो वह अपने स्वामी के राज्य आदि लक्ष्मी की प्राप्ति कराने वाला होता है / जिस घोड़े के दाहिने कान के अन्दर बाजू में सफेद दाग हो, वह उत्तम जाति का होता है / यदि उस सफेद दाग के बीच में लाल या काला दाग हो, वह अपने स्वामी के कुल तथा द्रव्य का नाशक होता है / जिस घोड़े का बाया कान दाहिने कान से जरा छोटा या बड़ा होता है, वह अशुभ होता है / जिस घोड़े का बायाँ कान थोड़ा फटा हो और भीतर बाजू में सफेद दाग वाला हो, वह धन धान्यादि का नाश करता है / जिस घोड़े के बाये कान के ऊपर बाजू में शंख का चिह्न हो, उस घोड़े का स्वामी विभवशाली होता है। जिस घोड़े के कान के अन्दर बाजू बहुत मसे हों, वह राज्य की हानि करता है