________________ (74) सेठियाजैनग्रन्थमाला भाख के पलक पर शंख का चिह्न हो, वह घोड़ा राज्य आदि की सम्पत्ति प्राप्त कराता है / जिस घोड़े की दाहिनी आँख फूटी हो मथवा हमेशा अत्यन्त मैली रहती हो, वह घोड़ा बहुत हानिकारक होता है / जिस घोड़े की दोनों आखों के पलकों पर दूज के चन्द्र के आकार का चिह्न होता है, वह घोड़ा सिर्फ चक्रवर्ती के ही काम में आता है, अर्थात् उस पर दूसरा कोई सवारी नहीं कर सकता। जिस घोड़े की बांई आँख के पलक पर सफेद दाग हो, वह घोड़ा धन का नाशक होता है / जिस घोड़े की दोनों आँखें हमेशा मैली रहती है उस घोड़े पर सवारी करने से प्राणों की जोखिम रहती है। जिस घोड़े की आँखें सुनहरी चमकीली और नुकीली होती हैं; उस पर किसी तरह का सन्देह नहीं रहता / जिस घोड़े की आँखें भयंकर होती हैं, वह घोड़ा हानिकारक होता है / जिस घोड़े की दाहिनी माख पर एक ही मसा हो तो उसके स्वामी के कुटुम्ब की कीर्ति बढ़ती है, लेकिन एक से ज्यादा मसे होने पर वह धन धान्य का नाश करता है / जिस घोड़े की दोनों आँखों के पलकों पर बहुत मसे होते हैं, वह अग्नि आदि का भय पैदा करता है। * 44 घोड़े की नासिका का लक्षण- जिस घोड़े की नाक के दोनों नथनों (द्वार) के बाहर का चमड़ा लाल रंग का हो, वह उत्तम जाति का अश्व होता है, काले रंग का हो तो मध्यम जाति का होता है जिसके वह चमड़ा हरी माई वाला तथा कोमल हो, वह