Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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शनि के कृष्णवर्ण का फल शनि के युद्ध का फल शनि के अस्तोदय का फल द्वादश राशियों में शनि की स्थिति का फल शनि के उदय का विचार शनि के अस्त का विचार नक्षत्रानुसार शनि का फल
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सप्तदश अध्याय
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गुरु के उदयास्त के कथन की प्रतिज्ञा बृहस्पति के मंडल का अशुभत्व बृहस्पति के मेचकवर्ण के मंडल का फल बृहस्पति के तीन चार नक्षत्रों के बीच के गमन का फल बृहस्पति के मध्यम मार्ग का कथन बृहस्पति के दक्षिण मार्ग के नक्षत्र बृहस्पति का दक्षिणोत्तर मार्ग बृहस्पति और केतु के दक्षिण मार्ग का कथन बृहस्पति और केतु के दक्षिण मार्ग का फल बृहस्पति में दीप्त होकर उत्तर की ओर से स्वाति नक्षत्र के गमन का फल बृहस्पति के हस्वमार्ग, प्रतिलोम और अनुलोम मार्ग का कथन बृहस्पति के संवत्सर वर्ष का फल बृहस्पति के पुष्यादि दो नक्षत्रों के गमन का फल बृहस्पति के गुरुपुष्य योग के समान योग करने वाले नक्षत्र बृहस्पति के नक्षत्रों के अनुसार अंग-प्रत्यंगों का विवेचन बहस्पति द्वारा कत्तिका और रोहिणी के घात का फल पुष्य नक्षत्र के घात का फल सौम्यायन संवत्सर में विशाखा नक्षत्र पर बृहस्पति के गमन का फल
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