Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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असमय में पीपल के पेड़ के पुष्पित होने का फल इन्द्रधनुष के रंगों द्वारा फल कथन चन्द्रोत्पातों का फलादेश शिव और वरुण की प्रतिमाओं के उत्पातों का फल बलदेव की प्रतिमा के छन भंग का फल वासुदेव, प्रद्युम्न और सूर्य की प्रतिमा के उत्पातों का कथन लक्ष्मी की मूर्ति और श्मशान भूमि के उत्पात विश्वकर्मा, भद्रकाली, इन्द्राणी की प्रतिमा में उत्पातों का फल धन्वन्तरि और परशुराम की प्रतिमा के विकारों का फल सन्ध्याकाल में कबन्ध निमित्त का फल सुलसा और सूत मूर्ति के विकारों का फल अर्हन्त प्रतिमा के विकारों का फल रति प्रतिमा के उत्पात का फल सूर्य के वर्ण के अनुसार फल कथन चन्द्रोत्यात का विचार ग्रहों के परस्पर भेदन का विचार ग्रहों के वर्णोत्पात का कथन ग्रहयुद्ध और ग्रहोत्पात का कथन देवों के हैंसने, रोने आदि उत्पातों का कथन पृथ्वी के नीचे धैसने का फल धूल और राख बरसने का फल पशुओं की हड्डी और मांसादि के बरसने का फल विकृत और विचित्र आकार के मनुष्यों का फल सियारिनों के नगर में प्रवेश करने का फल विभिन्न ग्रहों के प्रताड़ित मार्ग में विभिन्न ग्रहों के गमन का फल निर्जीव पदार्थों के विकृत होने का फल पूजादि के स्वयमेव बन्द होने का फल
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