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प्रश्नों के उत्तर
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के उजेले की तरह साफ है कि शक्ति-संवर्धक मांसाहार नहीं, शाका. हार है । शरीर विशेषज्ञों ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है।
और भारतीय संस्कृति के विचारकों ने शाक शब्द का प्रयोग उसके शक्ति संवर्धक गुण को देख कर ही किया है । शाक शब्द की परिभाषा... करते हुए लिखा है- "शकनात् शाकः" या "शाकः शक्ति-प्रदो ज्ञेयः" . अर्थात्-शाक जीवन शक्ति, साहस एवं स्फूर्ति का संचार करता है। .. यह कहना भी युक्तिसंगत नहों कि सैनिक देश ताक़तवर ही . होते हैं। वास्तव में देखा जाए तो उनके पास जो ताक़त दिखाई देती ... है, वह उनकी शारीरिक एवं आत्मिक शक्ति नहीं, बल्कि हथियारों की शक्ति है । यह हम पहले बता चुके हैं कि, मांसाहारी में साहस .. एवं सहिष्णुता का अभाव होता है । हम स्वयं देखते हैं कि मांसाहारो ... कितना डरपोक एवं बुज़दिल होता है । वह विना हथियार के एक....... कदम नहीं रख पाता। बड़े-बड़े ताक़तवर देशों के राजनेताओं की ..
सुरक्षा के लिए उनके आस-पास पुलिस एवं मिलट्रों का जाल बिछा · रहता है। फिर उन्हें भय बना रहता है । उनके मन में हर समय .. "खतरा बना रहता है। .. : . .. ... ... .. ..., . . असहयोग प्रांदोलन के समय की बात है। जय प्रकाश नारायण, क्रांतिकारी पार्टी में थे । सरकार को उनसे बहुत खतरा था। उन पर बहुत कड़ी निगाह रखी जाती थी। जय प्रकाश बाबू एक दिन रेल में यात्रा कर रहे थे । एक अंग्रेज औफिसर ने उनके सूटकेस का निरीक्षण
करना चाहा । जय प्रकाश जी ने कहा-इसमें ऐसी कोई वस्तु नहीं जिस . .. पर सरकार की पावन्दी लगी है । पर औफिसर को विश्वास नहीं ।
आया। उसने सूटकेस खोला, परन्तु मजबूत कागज में मजबूती के ... _... ' साथ लपेटी हुई वस्तु को देख कर वह कांपने लगा। उसका साहस