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....... प्रश्नों के उत्तर .
nirmirmirmir दिल्ली, को एक प्रश्न-पत्र भेजा था । उस का जवाब उन्होंने २५-११-५८. मंगलवार के उर्दू-मिलाप के. "पाप के सवाल, और उन का जवाब यह है, इस स्तंभ में दिया है। वह मननीय, तथा चिन्तनीय होने से यहां दिया जाता है। वह ज्यों का त्यों इस प्रकार है
प्रश्न-हमारे ग्रंथों में लिखा है कि पहले ज़माने में ऋषियों, महात्माओं और दूसरे साधारण लोगों की आयु बहुत लम्बी होती थी, हज़ारों और लाखों वर्षों की । यह
भी लिखा है कि ग्राज को अपेक्षा उन के शरीर अधिक .. लम्बे और चौड़े होते थे । क्या यह बात सत्य है ?. ....... ., उत्तर-हमारे ग्रन्थों के अनुसार सृष्टि को प्रारंभ हुए पौने
दो अरव वर्ष व्यतीत हो चुके हैं । छ: मन्वन्तर समाप्त हो चुके हैं। . अव सातवें मन्वन्तर के २८वें महायुग (या चतुर्युग) का आखिरी .. .. युग कलियुग चल रहा है। इस के भी पांच हजार से अधिक वर्ष .. व्यतीत हो चुके हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक मन्वन्तर में
७१. महायुग होते हैं। प्रत्येकं महायुग में चार युग, एक महायुग का समय ४३,२०,००० वर्ष होता है । एक मन्वन्तर का काल
३०,६७,२०,००० वर्ष है। इन्हीं शास्त्रों में यह भी लिखा है कि ... प्रत्येक मन्वन्तर के पश्चात् पृथ्वी पर एक लघु प्रलयः पाती है। ...
प्रायः सभी मनुष्य और पशु नष्ट हो जाते हैं। नाश का यह समय .. एक महायुग अर्थात् ४३,२०,००० वर्ष होते हैं। इन ४३,२०,००० वर्षों में जो कुछ भी पुराना है, वह प्रायः सब नष्ट हो जाता है। तब अगले मन्वन्तर के प्रारम्भ होने पर पुनः सव तत्त्वों की उत्पत्ति होती है । फिर शास्त्रों में यह भी लिखा है कि प्रत्येक महायुग के ।