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प्रश्नों के उत्तर
. . से विचार करने पर मालूम होता है कि इस प्राक्षेप में कोई तथ्य
नहीं है, क्योंकि भारत का प्राचीन इतिहास :यह प्रमाणित करता है कि जबतक इस देश में अहिंसकों का शासन वना. रहा, तब तक
यहां की प्रजा सर्वथा समुन्नत थी, उसमें शौर्य और पराक्रम की कोई · कमी नहीं थी। उन अहिंसक, शासकों ने अपने देश की रक्षा के लिए ...
शक्तिशाली शत्रुओं के साथ वीरतापूर्ण युद्ध किए और कायरता से उन्हों ने कभी अपना मस्तक उनके आगे नहीं झुकाया। सम्राट
चन्द्रगुप्त और अशोक से ऐतिहासिक लोग: पूर्णतया परिचित हैं। ये .. अहिंसा धर्म के सबसे बड़े उपासक और प्रचारक थे। उनके शासन- ..
काल में भारत कभी पराधीन नहीं हुआ । बल्कि भारत की जितनी । विशाल सीमाएं उस काल में थीं उतनी कभी नहीं रहीं हैं और न .. निकट भविष्य में होने की संभावना ही की जा सकती है। ....
राष्ट्रपिता महात्मा गान्धी का जीवन ऊपर के आक्षेप का - जीता जागता उत्तर है। गांधी जी अहिंसा के उपासक थे । क्या गांधी .. जी को कायर कहने का कोई साहस कर सकता है ? गांधी जैसा
निर्भीक जीवन आज के युग में कोई दूसरा नहीं मिल सकता।
गांधी जीने अहिंसा के दिव्य शस्त्र को लेकर शक्तिशाली ब्रीटिश ... सरकार का डट कर सामना किया और रक्त की एक बूंद बहाए ।
बिना ही उसके पैर उखाड़ दिए, अंग्रेज सत्ता को सदा के लिए भारत .. की पुण्य भूमि से निकाल दिया । सैंकड़ों वर्षों की भारत की दासता
का अन्त पाया तो आखिर अहिंसा के ही प्रभाव से । अहिंसा के ही
प्रताप तथा उसकी प्रासाधारण शक्ति से ही भारत परतन्त्रता की . ' ... बेड़ियों को तोड़ कर स्वतन्त्र वन सका है। अहिंसा एक निराला . - शस्त्र है, वीरता इसकी दासी है। स्वयं गांधी जी कहा करते थे कि .... ...मेरी अहिंसा एक विधायक शक्ति है। कायरता या दुर्बलता को उसमें , . : कोई स्थान नहीं है । गांधी जी का विश्वास था कि एक हिंसक से ...