Book Title: Prashno Ke Uttar Part 2
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Atmaram Jain Prakashan Samiti

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Page 600
________________ प्रश्नों के उत्तर पहले देवलोक में जघन्य स्थिति एक पल्योपम की,उत्कृष्ट दो सागरोपम की दूसरे , , कुछ अधिक एक ....:कुछ अधिक दो, तीसरे , , . दो सागरोपम की, , सात सागरोपम की। चौथे , , कुछ अधिक दो . , , कुछ अधिक सात , पांचवें .... ,,, सात ,, ,, दस सागरोपम को.. छठे .. ", " . . . . . दस , , १४ , . सातवें , , ,..., १४, १७ ,..." पाठव. .. ... ॥ १७ ॥. . १८ ... ..." -: नववें ,, १८ ॥ ॥ २० ॥ .. दसवें , , ॥ १८ , , . २० . . . . . ." .. ग्यारहवें , , २० , . ,, २२ , .. " .... बारहवें . :. २०, २२ :.::... ..... नव ग्रैवेयकों की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति निम्नोकत है - . .. |वेयक जघन्य आयु . उत्कृष्ट प्रायु ... १ २२ सागरोपम २३ सागरोपम : २ . . २३ सागरोपम २४ सागरोपम ... Goli ".... ८. . . २९ ३० ............ ................:३०... :.. . . .. ३१.. .... . . ... २२वें देवलोक : से लेकर २५वें देवलोक तक के देवों की जघन्य आयु. ३.१:सागरोपम और उत्कृष्ट आयु ३२ सागरोपम है। . . . . तत्त्वार्थसूत्र के मतानुसार .. .. .. .. :: ..

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