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प्रश्नों के उत्तर ......
mmmmmmmmms रिक्त, पांच महाव्रत, तीन गुप्ति और पांच समितियों की जिसं. प्रकार एक पुरुष आराधना करता है उसी प्रकार नारी भी इन को परिपालना करती है। फिर पुरुष को मोक्ष मिल जाए और नारी उस से वञ्चित रहे, यह कहां का न्याय है ? ... ..........
जिस नारी को दुर्बल या सत्त्वहीन कहा जाता है वह नारी. जिस समय अपने अन्दर सोए अध्यात्म देवता को जगा लेती है तब .. वह इतनी ऊंची उठ जाती है कि पुरुष को भी मात कर जाती है। अध्यात्म-वाद की चोटियों को पार करके मानव को संयम का मंगल मयः महापाठ पढ़ाती है। उसकी सर्वदा अध्यात्म सुरक्षा करती है । संयम से भ्रष्ट हो रहे रथनेमि मुनि को संयम में स्थिर करनेः । वाली कौन थी. ? यही नारी थी। इसी नारी ने महांसती. राजी: मती के रूप में अपना आदर्श नारीत्व दिखलाया था। उपासकदशांसूत्र में ऐसी अनेकों श्रावक मिल जाते हैं, जिनका आध्यात्मिक .. नेतृत्व नारी के हाथों में रहा था। नारी ने उन को धर्म से भ्रष्ट होने से बचाया था। उन के मृत धार्मिक अनुष्ठानों को उस ने.. जोवनदान दिया था। ऐसो दशा में नारी को पुरुष से हीन बतलाना सत्यता को हत्या करना है । वस्तुतः दिगम्बर परम्परा नारी
के नारीत्व को प्रांक ही नहीं सकी है । इसीलिए उस ने नारी को .. मुक्ति के अयोग्य बतला कर एक भयंकर अन्याय किया है। ... ........ ........ . . शूद्र की मुक्ति .. .. ... .जैन इतिहास बतलाता है कि भगवान ऋषभदेव तथा उन के . ... पुत्र भरत ने मानव जगत को व्यवस्थित रूप देने के लिए: ब्राह्मण, ..
क्षत्रिय आदि चार वर्गों को स्थापना की थी। समाज को ज्ञान, ध्यान के मोतियों से मालामाल करना ब्राह्मणों का काम था.। .