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प्रश्नों के उत्तर , ~~~.........~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~rrrrrrrrrrrrrrrrrrrr.in सरकारें तो महावीर-जयन्ती की छुट्टी करें और अपनी ही सरकार जिस अहिंसा द्वारा प्राप्त स्वतंत्रता का आनंद लूट रही है उस अहिंसा के मूलस्रोत भगवान महावीर को छुट्टी के लिए संकोच करे? :
बीरनिर्वाण-महापर्व (दीपमाला). वीर निर्वाण महापर्व आज दीपमाला के नाम से प्रख्यात हो .. रहा है। इसके सम्बंध में कई एक विश्वास पाए जाते हैं। कोई इसका सम्बंध वनवासकाल समाप्त करके वापिस आए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अयोध्या-प्रवेश से जोड़ता है। कोई इसे
सम्राट अशोक को दिग्विजयं का सूचक मानता है। किंतु जैन जगत .. इन में से किसी बात पर भी विश्वास नहीं रखता, क्योंकि इस के .. सम्बन्ध में जैनजगत् की अपनी स्वतंत्र मान्यता है।
. कल्पसत्र में लिखा है कि कार्तिक अमावस्या की रात्रि थी। .. ....उस समय पावापुरी नगरी की विशाल पौपवेशाला में नव मल्ल... की जाति के काशी-देश के राजा और नव लिच्छवी जाति के
कोशल देश के राजा इस प्रकार १८ देशों के राजा भगवान महावीर की.चरण-सेवा में पीपध व्रत धारण करके उनके उपदेशामृत का
पान कर रहे थे। इसी रात्रि को भगवान महावीर का निर्वाण होता - है। सूर्यास्त हो जाने पर जैसे जगतीतलं पर अन्धकार अपना शासन ...जैमा लेता हैं, वैसे ही सत्य, अहिंसा के दिवाकर भगवान के निर्वाण : हो जाने से उन का भामण्डला समाप्त होने पर सर्वत्र अन्धकार .. ....... अष्टमी, चतुर्दशी अादि पई तिथियों में किया जाने वाला जैन गृहस्थ का एक व्रत. विशेष पोषध कहलाता है।
आध्यात्मिकता की चोटियों के शिखर पर विराजमान महापुरुष के सिर : के पीछे एक गोलाकार प्रकाशपुंज सदा अवस्थित रहता है जो उनके आध्यात्मिक ... ..' साधनाजनित अध्यात्म प्रकाश का एक. पुण्य प्रतीक समझा जाता है। से ही। .. भामण्डल कहते हैं।