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प्रश्नों
के उत्तर
पिस हो जाते, पर उन्होंने वाड़ा खुलवा कर उन को वहां से मुक्त क्यों करवाया ? वाड़े से मुक्त कराने का उद्देश्य केवल उन को सं-.. रक्षित करना था । यदि भगवान अरिष्टनेमि की इच्छा जीवों को बचाने की न होती तो बेचारे सारथि की क्या ताकत थी, जो वहं .. महाराज उग्रमेन के वाड़े में बन्द पशु, पक्षियों को मुक्त कर देता। कदाचित् सारथि ने उन की इच्छा न होने पर भी पशु-पक्षियों को .. छोड़ दिया था तो भगवान अपने आभूपण पारितोपक रूप से उस . को क्यों देते ? यदि वैराग्य आने से दिए तो मुकुट क्यों न दे दिया?
भगवान पार्श्व नाथ और महावीर के लिए वे कहते हैं कि नाग-नागिन तथा गोशालक को बचा कर भगवान ने भूल की हैं। तेरहपन्थियों की इस अविवेक-पूर्ण वातं से किस को आश्चर्य न होगा ? तीर्थकर जन्म से ही तीन ज्ञान के धारक होते हैं । तेरहपन्थी साधुओं में दो ज्ञान भी पूरे नहीं हैं । तथापि तीर्थंकरों द्वारा . की गई जीव-रक्षा को भूल कहना कितनी बड़ी भूल है.? भगवान . पार्श्वनाथ की भूल या पाप, भगवान स्वयं न जान सके । भगवान . महावीर भी न जान सके तथा भगवान महावीर की गलती भगवान महावीर को अन्त तक न दिखाई दी। लेकिन तेरहपन्थी साधु इन :: तीर्थंकरों की भूल को समझ गए?x पाचारांग सूत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भगवान महावीर ने संयम लेकर न तो स्वयं . पाप किया, न दूसरों द्वारा कराया और नाँहो पापमय कार्य का . -~~~immmmmmmmmmmm
xणाच्चा ण से महावीरे, णो चिय पावगं सयमकासी.] अन्नेहिं वा कारित्या, कीरन्तं वि नाणुजाणित्या ।।
.......... . . -प्रा० अ० ९, २०४.