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प्रश्नों के उत्तर
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थी । ग्राप के पिता महाराज अश्वसेन और माता वामादेवी थी । आप का जन्म पौष कृष्णा दशमी को, दीक्षा पौष कृष्णा एकादशी को; केवल–ज्ञान चैत्र कृष्णा चतुर्थी श्रौर निर्वाण श्रावण शुक्ला अष्टमी को हुआ । श्राप की निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है । आप विवाहित थे । ३० वर्ष तक आप गृहस्थाश्रम में रहे । ७० वर्ष तक संयम का पालन किया और एक हज़ार मुनियों के साथ ग्राप ने मुक्ति-लाभ प्राप्त किया।
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भगवान महावीर
सत्य, अहिंसा के अमर दूत, विश्ववन्दय भगवान महावीर आज से लगभग २५५६ वर्ष पूर्व इस पवित्र भारत-भूमि पर अवतरित हुए थे । ग्रापने अपने अलौकिक व्यक्तित्व और दिव्य प्राध्यात्मिक ज्योति से भारतीय संस्कृति के इतिहास में एक क्रांतिकारी युग का श्रीगणेश करके धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय क्षेत्र में नव स्फूर्ति, नव उत्साह तथा नव जीवन का संचार किया था । प्रविवेक चौर ग्रज्ञान के भीषण गर्त में पड़े हुए मानव को मानवता का आदर्श.. प्रकाश दिखला कर उसे सत्य, ग्रहिसा के सुखंद सिंहासन: पर विठ लाया था । तथा दम तोड़ रहो मानवता को जीवन का दान दिया था. ।
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भगवान महावीर का जन्म विहार प्रान्त की वैशाली नगरी (कुण्डलपुर ) के राजा सिद्धार्थ के घर में हुआ । इन की माता त्रिशला महाराजाधिराज चेटक की वहिन थीं । महावीर का जन्म चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को हुआ था । भारत वर्ष के इतिहास में
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दिगम्बर मान्यता के अनुसार भगवान महावीर की माता वैशालीनरेश राजा चेटक की पुत्री थी ।