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प्रश्नों के उत्तर
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साथ ग्राप मोक्ष पधारे थे ।
भगवान संभवनाथ जी
आप तीसरे तोर्थंकर हैं । आप का जन्म श्रावस्ती नगरी में हुआ । ग्राप के पिता इश्वाकुवंशीय महाराज जितारि थे और सेनादेवी नाम की प्राप की पूज्य माता थी । आप ने पूर्व जन्म में विपुलवाहन राजा के भव में प्रकाल - ग्रस्त प्रजा का पालन किया था और अपना सब कोष प्रजा के हितार्थ लुटा दिया था । ग्राप का जन्म मार्गशीर्ष शुक्ला चतुर्दशी को दीक्षा मार्गशीर्ष शुक्ला पूर्णिमा, केवल ज्ञान कार्तिक कृष्णा पंचमी और निर्वाण चैत्र शुक्ला पंचमी को हुआ । ग्राप की निर्वारण-भूमि भी सम्मेतशिखर है । आप विवाहित थे | आप ५६ लाख वर्ष पूर्व तक गृहस्थ अवस्था में रहे और एक लाख पूर्व आपने संयम का पालन किया । तथा एक हजार साधु ग्राप के साथ मुक्ति में गए थे ।
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भगवान अभिनन्दननाथ जी
श्री अभिनन्दननाथ जी जैन धर्म के चौथे तीर्थंकर हैं । ग्राप का जन्म अयोध्या नगरी के इश्वाकुवंशीय राजा संवर के यहां हुआ । आप की माता का नाम सिद्धार्था था । आप का जन्म माघ शुक्ला द्वितीया को, दीक्षा माघ शुक्ला द्वादशी, केवल - ज्ञान पौष कृष्णा चतुर्दशी और निर्वाण वैशाख शुक्ला ग्रष्टमी को हुआ । श्राप की निर्वारण-भूमि सम्मेतशिखर है। आप विवाहित थे । श्राप ४६ लाख पूर्व गृहस्थ अवस्था में रहे । और एक लाख पूर्व आपने संयम का पालना किया तथा एक हजार साधुओं के साथ प्राप मोक्ष में
पधारे थे ।