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प्रश्नों के उत्तर
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आगे चलकर सर्वप्रथम घोड़े पर चढ़ने आदि की कला सिखाई.. जाने लगी । पहले माता-पिता सन्तान को जन्म देकर मर जाते : थे, किन्तु आगे चलकर प्रकृति के इस नियम में अन्तर आ गया, और माता-पिता अपने बाल-बच्चों का पालन पोषण करने लगे। पहले नदियों को पार करना किसी को नहीं पाता था, आगे चलकर इस कमी को भी दूर किया गया। नाव, पुल, ग्रादि द्वारा. . लोगों को नदी पार करने की कला सिखाई गई। , . . .. पहले कोई अपराध नहीं करता था, अतः उस समय दण्डव्यवस्था की भी आवश्यकता नहीं थी। किन्तु जब अपराव होने . लगे तो दण्ड-व्यवस्था की आवश्यकता भी अनुभव की जाने लगी। पहले तो कल्पवृक्षों से समस्त ऐच्छिक पदार्थ प्राप्त हो जाते थे,और किसी से किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता था, सब लोग सप्रेम और सानन्द रहते थे, ... किन्तु जब .. कल्पवृक्ष फल कम देने ।
लग गए और मनुष्य एक दूसरे से टकराने लगे तो दण्ड व्यवस्था ... कर के उस टकराव को. शान्त किया जाने लगा। सर्व प्रथम 'हा' ।
कह देना ही अपराधी के लिए काफी था। इसी शब्द से वह ..वजाहत की. भान्ति अपने को दण्डित समझता था, बाद में जब । ... इतने दण्ड से काम चलना बन्द हो गया तो "हा, अब ऐसा काम .
मत करना" यह दण्ड निर्धारित करना पड़ा, किन्तु आगे चलकर . जब इतने से भी काम. नहीं चला तो, 'धिक्कार' पद और जोड़ा गया। इस तरह कुलकरों ने मनुष्य की तात्कालिक कठिनाइयों ..
को दूर करके सामाजिक व्यवस्था का सूत्रपात किया । .. .. .. .. .... सामाजिक व्यवस्था को. कायम करने वाले कुलकर १५.माने : .... जाते हैं। पन्द्रहवें कुलकर का नाम. श्री.नाभिराय था। इन की।
पत्नी का नाम मुरुदेवी था। इन से ऋषभदेव का जन्म हुआ।