________________
प्रश्नों के उत्तर
६०८
इन की ग्रायु एक लाख वर्ष की थी । फिर याधा पत्योपम वीत जाने पर श्री कुन्थुनाथ जी हुए। इन की आयु ६५ हजार वर्ष की थी । फिर एक करोड़ और एक हजार वर्ष कम पाच पत्योपम
..
*
बीत जाने पर श्री अरहनाथ जी का जन्म हुआ । इन की आयु ८४. हज़ार वर्ष की थी । फिर एक करोड़ और एक हज़ार वर्ष बीत जाने पर श्री मल्लीनाथ जी का जन्म हुआ। इन की ग्रायु ५५. हज़ार वर्ष की थी । फिर ५४ लाख वर्ष बीत जाने पर मुनि सुव्रतजी हुए। इनकी श्रायु ३० हजार वर्ष की थी। फिर ६ लाख वर्षो के बाद श्री नमिनाथ जी हुए। इन की ग्रायु दस हजार वर्ष की थी । फिर ५ लाख वर्षों के बाद श्री अरिष्टनेमि जी हुए । इन की आयु एक हज़ार वर्ष की थी । फिर ८४ हजार वर्ष बीत जाने पर श्री पार्श्वनाथ जी हुए। इन की आयु सौ वर्ष की थीं। तत्पश्चात् २५० वर्षों के बाद श्री महावीर स्वामी उत्पन्न हुए। इन की आयु ७२ वर्ष की थी ।
.
7
.
प्रश्न – कौन तीर्थंकर कहां उत्पन्न हुआ ? तीर्थंकरों की जीवन- सम्बन्धी कुंछ जानकारी कराएं ?
उत्तर- प्राचीन धर्म-ग्रंथों में चौबीस ही तीर्थंकरों के जीवनचरित्रों का बड़े विस्तार के साथ वर्णन किया गया है । परन्तु यहां विस्तार में न जाकर संक्षेप में ही केवल जानकारी के लिए क्रमशः चौबीस तीर्थंकरों का जीवन-परिचय कराया जाएगा।
भगवान ऋषभदेव जी
वर्तमान काल को ग्रवसपणी काल कहते हैं । उस के ६ आरे होते हैं, पहले और दूसरे आरे में न कोई धर्म होता है, न कोई राजा और न कोई समाज । एक परिवार में पति पत्नी ये दो
'..
.