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प्रश्नों के उत्तर १५. श्री धर्मनाथ जी,
२०. श्री मुनिसुव्रत जी, १६. ,, शान्तिनाथ जी, २१:,, नमिनाथ जी; १७. , कुन्थुनाथ जी; .२२. , अरिष्टनेमि जी, १८. ,, अरहनाथ जी, .:. २३. , पार्श्वनाथ जी, १६. ;, मल्लीनाथ जी, . ..२४: , महावीर जी,
प्रश्न-२४ तीर्थ करों का कालकृत कितना-कितना अन्तर है ? . .. . ... .. . ... .... ....
उत्तर-इस समय अवपिणी काल चल रहा है। इससे पहले उत्पपिणी काल होता है । उत्सपिणी काल की चौवीसी के अन्तिम २४वें तीर्थंकर के निर्वाण के पश्चात् अठारह कोडाकोड़ी सांगरोपम* व्यतीत हो जाने पर भगवान आदिनाथ का जन्म हुया था । इन की आयु ८४ लाखx पूर्व की थी। इन से ५० लाख करोड़ सागरोपम के अनन्तर भगवान अजितनाथ का जन्म हुआ।
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.. पहला पारा ४ कोडाकोड़ी सागरोपम का दूसरा.३.कोडाकोड़ी साग
रोपम का और तीसरा पारा २ कोडाकोड़ी सागरोपम का इस प्रकार ९ कोडाकोड़ी उत्सर्पिणी काल का, और है कोडाकोड़ी सागरोपम अवसपिणी । काल का, इन को-मिलाकर, छहों यारों के १८ कोडाकोड़ी सागरोपम काल तक तीर्थ कर. के उत्पन्न होने का उत्कृष्ट अन्तर होता है।....... . . करोड़ की संख्या को करोड़ की संख्या से गुणा करने पर जो गुण-. नफल आवे उसे कोडाकोड़ी (कोटाकोटि) कहते हैं ! : . ... *सागरोपम शब्द की व्याख्या प्रस्तुत पुस्तक के इसी अध्याय में श्रागे दी जा रही है। .
x७० लाख, ५६ हजार वर्ष को एक करोड़ से गुणा करने पर . . ७०५६०००००००००० वर्षों का एक पूर्व माना जाता है। ......... -