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त्रयोदश अध्याय
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६०७ इनकी आयु ७२ लाख पूर्व की थी । इनसे ३० लाख करोड़ सागरोपम के पश्चात् श्री संभवनाथ जी हुए। इन की ग्रायु ६० लाख पूर्व की थी। तत्पश्चात् १० लाख करोड़ सागरोपम के व्यतीत हो हो जाने पर श्री अभिनन्दन नाथ जी का जन्म हुआ । इन की प्रायु ५० लाख पूर्व की थी। तदनन्तरं 8 लाख करोड़ सागरोपम वीत जाने पर श्री सुमतिनाथ जी का जन्म हुआ । इन की ग्रायु ४० 'लाख की थी। फिर ६० हजार करोड़ सागरोपम के पश्चात् श्री पद्मप्रभ जी हुए। इन की प्रायु ३० लाख पूर्व की थी । इन के बाद 8 हज़ार करोड़ सागरोपम बीत जाने पर श्री सुपार्श्वनाथ जी हुए । इनकी आयु २० लाख पूर्व की थी। इनके ग्रनन्तर ६०० करोड़ सागरोपम व्यतीत होने पर श्री चन्द्रप्रभ जी हुए। इन की आयु १० लाख पूर्व की थी। इनके पश्चात् 80 करोड़ सागरोपम वीत जाने पर श्री सुविधिनाथ जी हुए। इनकी आयु दो लाख पूर्व की थी । इनके पश्चात् 8 करोड़ सागरोपम व्यतीत हो जाने पर श्री शीतलनाथ जी हुए । इन की ग्रायु एक लाख पूर्व की थी । इन के पश्चात् एक अरव, छयासठ लाख २६ हजार वर्ष कम एक करोड़ सागरोपम बीत जाने पर श्री श्रेयांस नाथ जी पैदा हुए। इन की आयु ८४ लाख वर्ष की थी । फिर ६४ सागरोपम के बाद श्री वासुपूज्य जी हुए। इन की आयु ७२ लाख वर्ष की थी । इनके पश्चात् ३० सागरोपम के व्यतीत हो जाने पर श्री विमल नाथ जी हुए । इन की आयु ६० लाख वर्ष की थी । इनके अनन्तर नौ सागरोपम बीत जाने पर श्री अनन्त नाथ जी हुए। इन की की थी । इन के पश्चात् चार सागरोपम बीत नाथ जी हुए । इन की आयु १० लाख वर्षं पत्य कम तीन सागर वीत जाने पर श्री
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ग्रायु ३० लाख वर्ष जाने पर श्री धर्म
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की थी। फिर पौनशान्ति नाथ जी हुए ।