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प्रश्नों के उत्तर
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से रखा जाता है ?
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उत्तर - रजोहरण शब्द रजस् + हरण से वना है । रजस् संस्कृत का शब्द है । हिन्दी में इसे रज सकते हैं । अतः रज को . हरण + दूर करने वाले उपकरण को रजोहरण कहते हैं । रज दो प्रकार की होती है - १ - द्रव्य रज और २ भाव रज द्रव्य रज. में सभी तरह का कूड़ा-करकट ग्रा जाता है । भाव रज का अर्थ हैआत्मा में अशुभ या पाप कर्म के कूड़े-करकट का थाना | द्रव्य रज हवा के साथ जाती है और भाव रज प्रविवेक पूर्वक की गई क्रिया से आती है । जैसे रास्ते में चल रहे हैं । मार्ग में किसी एक स्थान पर इतने जीव-जन्तु गति कर रहे हैं कि उन्हें लांघ कर जाने का रास्ता ही नहीं है । उस समय दो ही उपाय है- १ - यात्रा 'वन्द करके वापस लौट आएं। २ -उनके ऊपर से चल पड़ें । यदि उनके ऊपर से गति करते हैं तो उन जीवों की हिंसा होती है और उक्त क्रिया से पाप कर्म की रंज श्रात्मा के साथ चिपक जाती है । उस रज को दूर करने के लिए रजोहरण का उपयोग किया जाता है । अर्थात् रजोहरण से विवेक एवं यतना पूर्वक जीव-जन्तुओं को एक तरफ कर दिया जाता है । रजोहरण सुकोमल ऊन का बना होता है, अतः इस के स्पर्श से किसी जीव-जन्तु के प्राणों का नाश नहीं. होता । इस तरह साधु रजोहरा से जीवों की रक्षा कर के पाप कर्म की रज से सहज ही बच जाता है और द्रव्य रज को साफ करने की बात तो स्पष्ट हो है ।
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आज कल लोग मकान साफ करने के काम को छोटा समझते हैं । परन्तु यह काम बड़ा महत्त्व -पूर्ण है । विवेक और यतना के साथ भाव - पूर्वक मकान को साफ करते-करते इन्सान कर्म रज को