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সুস্বােস্কলে धनहरणटोमावदाराऽऽक्षेपिणः तत्र पग्धन हरनिये ते परधनारणाः, लोमान्यवहरन्ति ये ते लोमारहगापूरलुग्टनकारिण जाक्षेपिगशीकरणाग्निा चोर्यकारिण ' डसारगनिम्मदगगडयोग्गोचरअम्गनीरदासीचौरा 7 'हटका रकनिमर्दकगूढचोरगोगराधारदामीचौगश तन हट-लात्कार कुन्तीति इठकारकाः,निर्मदकाय=निरनिगयेन मर्दनकारिणः युद्धेन धनापहारिण ,गृहचौरा:गुप्तचौरा, गौ चौरा अधचोरा दासीचौराममग्यातात पर ' एगनोरा' एक चौराएकाकिन एर चोरयन्ति ये ते 'ओरगमपदायगा आपिगसत्यवायग, विलकोलीकारगा य ' अपकर्षक मम्मायाछिपक माश्चातकविलोलीकाररएकर चोरी करते हैं, सपिच्छेदक-भित्यादिक में मेंध करके चोरी करते है, (गठिभेयगा) ग्रन्धिभेदक - गांठ करते है ( परधण हरणलोमावहारअरसेवी ) परधनतरणटोमापहाराक्षेपी होते हैं परके धन को हरण करने वाले, बध करके वनको हरण करने वाले वशी करण मत्र से वश करके धन को हरण करने वाले होते हैं (हडकारगनिम्मदगगूढचोरगोचोरअस्सचोरदासीचोरा ) (हडकारग)यलात्कार से धन को हरण करने वाले, (निम्मदग) निर्मदक-युद्ध करके धन को हरण करने वाले, (गूढचोर ) गुप्तरूप में ररकर पर के धन को हरण करने वाले, (गोचोर ) गाय को हरण करने वाले, ( अस्सचोर ) अश्व को हरण करने वाले, (दामीचोर ) दासी को हरण करने वाले, (एगचोरा य ) अकेले रहकर पर के धन को ररण करने गले, (ओक अगसपदायगा ओछिपगसत्यघायगविलकोलीकारगा य ) (ओकड्डग) વેરામાં જઈને ચોરી કરનારા હોય છે, અધિદેવ-દિવાત આદિમાં કાણું પાડીને यो। ७२ना। डाय छ, “गठिभेयगा" यन्थिले-मिस्मा तिरे छे, " पर धणहरणलोभावहारअम्सेवी ” ५२धना २५ सोलापाराक्षेपी साय -५२५ નનું હરણ કરનારા, હત્યાકરીને ધનનું હરણ કરનારા વીકરણ મા થી વ शन धननु अ५९२ ४२॥२॥ छोय छे, " हडकारग निम्मङ्ग गृढचोरगाचार अस्सचोरदासीचोरा य " " हडकारग" माथी बनने देना, ' निम्म हग" निभ -युद्ध रीने धनने 3 सेना। “गढचोर " गुसरीत २डीन ५२नु धन ही बना२, “गोचर" गायनु अ५२६१ ४२ना२१, "अस्सवोर" घोडानी योरी ४२नार, “ दोसीचोर" भीनी योरी ४२ना२, " एगचोराय" सस ने पा२४ान धननु २५ ४२ना२३ " ओकडगमपदायगा पोछिंपग सस्थघायगविलकोलीकारगा य " " ओकडग " मा५३-मीना घरमाथा