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प्रमव्याकरणम् विशुद्ध-निर्दोषम् , एपामेव नामचर्य तिोप भरतीनि मात्र, तथा-' भन्न भव्य-कल्याणरूपम् , ' भव्यमणाणुचरित्र' भव्यजनानुचरितम् भव्यजनसमारा धितम् , तथा-'निम्मकिय ' निगडित, नामचारी हि विषयगृहान्यत्वान नाना मध्ये निःशयनीयो भातीति नामचर्यमपि निगदिगम् , तथा 'निमय निर्भय, ब्रह्मचारिणो हि निर्भया भान्ति, निर्भयताकारणत्वात् ब्रह्मचर्यमपि निर्भ यम् तथा- नितुम' निस्तुप-विशुद्धमित्यर्थः, यथा-सुपनिर्गत तण्डल शुभ्र भवति भी बीच में धीर कहे जाने वाले शरों का अत्यत मारसप्तपन्न व्यक्तियों के, धार्मिक पुरुषों के, और धैर्यशाली पुरुषों को यह सदा-कुमार आदि अवस्थाओं में भी सुविशुद्ध-निर्दीप रहता है। ( मन्च) यह ब्रह्मचर्य कल्याणरूप है। (भन्यजणाणुचरिय ) भन्यपुरुपो द्वारा या आराधित किया हुआ है । (निस्सकिय) यह व्रत्मचर्य निश्शकिन रोता है। क्यों कि ब्रह्मचारी विषयलालसा से शून्य होने के कारण मनुष्यों के भीतर किसी भी तरह से शकास्पद नही होता है अतः यह प्रभाव उसके ब्रह्मचर्य का ही है इमीलिये यहां पर सूत्रकार ने निशक्ति वृत्ति का कारण होने से ब्रह्मचर्य को भी निश्शकित कहा है। इसी तरह यर ब्रह्मवर्य (निभय ) निर्भय होता है। क्यों कि ब्रह्मचर्य को पालन करने वाले पुरुप रत्न सर्वत्र निर्भय रहा करते है, अतः निर्भयता का कारण होने से ब्रह्मचर्य को निर्भय विशेपण से सूत्रकार ने विशिष्ट किया है । तथा यह ब्रह्मचर्य (नित्तुस) निस्तुप है-तुपविहीन तण्डुल जिस प्रकार शुभ्र होता है उसी प्रकार यह ब्रह्मचर्य भी विषय लालसा તરીકે ઓળખાતા શુરે, અત્યત સાહસયુક્ત વ્યક્તિઓ, ધાર્મિક પુરુ, અને, પૈર્યશાળી પુરુષોને તે સદા કુમાર આદિ અવસ્થામાં પણ સુવિશુદ્ધ નિર્દોષ २९ छे “ भव्य " मा प्रायः स्या३५ छ " भव्यजणाणुचरिय " मध्य पुरुषी द्वारा तेनु अराधन थाय छ " निस्सकिय " मा ब्रह्मययनिति હોય છે, કારણ કે બ્રહ્મચારી વિષય લાલસા રહિત હોવાથી મનુબેમાં કઈ પણ પ્રકારે શકાને પાત્ર થતું નથી આ તેના બ્રહ્મચર્યને જ પ્રભાવ હેવાથી અહી સૂત્રકારે નિ હાનિત વૃત્તિનું કારણ હોવાથી પ્રહાચર્યને પણ નિ શક્તિ पुछे से प्रभारी मा प्राय " निभय " मय जाय छ १२०५४ બ્રહ્મચર્યનું પાલન કરનાર પુરુષે સર્વત્ર નિર્ભય રહી શકે છે તેથી નિર્ભ– યતાનું કારણ હવાથી બ્રહ્મચર્યને સત્રકારે નિર્ભય વિશેષણ લગાડયું છે તથા मा प्रहाययं " नित्तुस " निस्तुप-तुप विहीन (शात विनाना) या જેમ શુભ્ર હોય છે તેમ આ બ્રહ્મચર્ય પણ વિષય લાલસા રૂપી તુર વિહીન