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गत्रमाणुजगेजायुपन्तमकमलजाविसामकरसमसचरिहाइसरगुरुवमपालिणास किरकोणउमई वाणायणदंसस्समुणा सक्षस्यायचलखीसहजासनिणिडल्डारउसासे
सिरिकरपबदलालिमकंधकामोजानासामधलापणुवासुझिएदिदिक्षिाख कोदंडा हंसाशिफयार तेत्तिरदिवणगुणमणिमडि गाविमलवाडडाउपडायडिड एलायोमजायो। संजाविठामुनमुहकमेयरहस्याविनायवर्णहरिएपसादिया जासदेहडासादि साकाम्याहकामिणिकयर्विचन मासुधा सिद्धग्चलबम याममाठमहायलिचदिन पहायकालेणपियहिउपुणुविजसशिपायाचदाण उपाण्डेपछिवर्यवाणणाधना उडमाणाऽसयश्कणासह पलासाहियागण हातहदिवानापनमजाविनकमडए कणिमाययहाअक्रियाजेविया पंचवासरहियस्तरियाई पुण्ाण्डोवलनलिया गईरहो धणसयायहिचंदणरिदहा वषयगाठाणवद्वपमाणही दिउसोकालेकमरविमाणहो पंचममनुषसासंडनई चावहिजयुजिपणणिवायदानसुमहिवश्वंजाय हवंदाह
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धनुषप्रमाण कहा जाता है ऐसे सीमंकर की आयु कमलांक-प्रमाण थी। उसके चरित का वर्णन बृहस्पति ही घत्ता-मैं, पचास अधिक ऋतुओं की संख्या के बराबर अर्थात् छह सौ पचास धनुषप्रमाण, उसके शरीर कर सकता है। नलिन के बराबर आयुवाले उसे कौन नहीं जानता ! जिनेन्द्र भगवान् ने जिसके शरीर की ऊँचाई की ऊँचाई गिनता हूँ और उनका जीवन-काल एक कुमुदप्रमाण बताता हूँ॥९॥ सात सौ पच्चीस धनुषप्रमाण बतायी है, तथा जिसके कन्धे लक्ष्मी के कर-पल्लवों से लालित हैं ऐसा सीमंधर कुलकर उत्पन्न हुआ। सीमन्धर की आयु से पच्चीस वर्ष कम अर्थात् सात सौ धनुषप्रमाण ऊँचाईबाला भाग्यशाली पण्डितों में चतुर, उतने ही गुणों से मण्डित विमलवाहन कुलकर उत्पन्न हुआ, जिसका जीवन यशस्वी की जितनी ऊँचाई बतायी गयी है, उसमें पच्चीस वर्ष कम, अर्थात् छह सौ पच्चीस धनुषप्रमाण एक पद्मप्रमाण था। उसने मरकर स्वर्ग प्राप्त किया। जिसके शरीर की ऊँचाई छह सौ पचहत्तर धनुषप्रमाण शरीरवाला अभिचन्द राजा हुआ जो शक्ति में हाथियों को तौलता था। उसकी आयु एक कुमुदांग के बराबर थी, कामिनियों को विस्मय में डालनेवाला सुप्रसिद्ध नाम चक्षुद्भव उत्पन्न हुआ। वह एक पद्म समय धरती निबद्ध थी। वह भी समय आने पर अमर विमान में चला गया। फिर सौ सहित पाँच सौ अर्थात् छह सौं पर जीवित रहा। बाद में क्षयकाल ने उसे समाप्त कर दिया। फिर पूर्णेन्दु के समान मुखवाला और राजाओं धनुषप्रमाण जिसका शरीर, जिनेन्द्र ने बताया है, पल्य के १० हजार करोड़ वर्ष के बराबर आयुवाला ऐसा में सिंह यशस्वी नाम का कुलकर हुआ।
विख्यात चन्द्राभ नाम का राजा हुआ।
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