Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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यात्रा काल में विद्युत्पात आदि का फल यात्राकाल में शस्त्र, पक्कान, घृत आदि के दर्शन का फल प्रयाणकाल में द्विपद, चतुष्पद की आवाज का विचार द्विपदादि के गर्जनों का फल प्रयाणकाल में सेना के अस्त्र-शस्त्र का फल
अतिथि सत्कार की आवश्यकता पर जोर द्विपदादि पक्षियों की दिशा, वार आदि के फल गमनकाल में पक्षियों के शब्दों का विचार गमनकाल में घोड़ों का घास खाना छोड़ देने का फल गमन समय में घोड़े के शब्द पर विशेष विचार गमनकाल में घोड़ों के रङ्ग, आकृति आदि का फल गमनकाल में घोड़े के शयन का फल गमनकाल में हाथी के स्वर का फल गमनकाल में हाथी और घोड़ों के विभिन्न प्रकार के दर्शनों का फल विशेष स्थान के अनुसार फलादेश यात्राकाल में अनेक प्रकार के वृक्षों का फल कुवेशधारी और रोगी व्यक्ति के दर्शन के अनुसार फलादेश राज्य, धर्मोत्सव, कार्यसिद्धि आदि के निमित्तों का निरूपण यात्रा के लिए विचारणीय बातें यात्रा के लिए शुभ नक्षत्र दिकुशलू और नक्षत्रशूल तथा प्रत्येक दिशा के यात्रा-दिन योगिनीवास विचार चन्द्रमा का निवास चन्द्रमा का फल राहु विचार यात्रा के लिए उपयोगी तिथि चक यात्रा मुहूर्त चक्र
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