Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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मेघ गर्भो से जलवृष्टि का विचार मैट गौं पर विशेः शिवार मेघ गर्भ के अभाव का फल वराहमिहिर के अनुसार मेघ गर्भ का फल मेघ गर्भ के समय का विशेष विचार चारों दिशाओं में गर्भ धारण का परिज्ञान मेघविजय गणित के अनुसार मेघ गर्भ का विचार तिथि और नक्षत्रों के अनुसार मेघ गर्भ का विचार
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त्रयोदश अध्याय
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राजयात्रा के वर्णन की प्रतिज्ञा सफल यात्रिक का लक्षण असफल यात्रिक यात्रा करने की विधि यात्रा में विचारणीय निमित्त यात्रा में निमित्त विचार की आवश्यकता राजा की चतुरग सेना और उसके लिए निमित्त शनिश्चर की यात्रा का फल सेनापति के वधसूचक यात्रा शकुन नैमित्त, राजा, वैद्य और पुरोहितरूप विष्कम्भ नैमित्तिक के लक्षण राजा का लक्षण वैद्य का स्वरूप पुरोहित का लक्षण पुरोहितादि के योग्य होने की बात नैमित्तिक के बिना राजा की दुरावस्था का कथन यात्रा के लिए शुभ योग
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