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जानता है या उनका परम्परा प्राप्त शिक्षा, उपास्या
का पुत्र) Z
+अण्] एक सुगंध
( २३० ) ऐणेय (वि.) (स्त्री०-पी) [एणी+ठक्] काली हरिणी | ऐरावणः [ इरा आपः ताभिः वनति शब्दायते-इरा+वन्
या तत्संबंधी किसी पदार्थ से उत्पन्न,-यः काला हरिण, | +अच् इरावणः--ततः अन् ] इन्द्र का हाथी। -यम् रतिबंध, रतिक्रिया का एक प्रकार ।
ऐरावतः [ इरा आपः तद्वान् इरावान् समुद्रः, तस्मादुत्पन्नः ऐतदात्म्यम् । एतदात्मन्+ज्या । इस प्रकार के अण् ] 1. इन्द्र का हाथी 2. श्रेष्ठ हाथी 3. पाताल गुण या विशिष्टता को रखने की अवस्था।
निवासी नागजाति का एक मुखिया 4. पूर्व दिशा का ऐतरेचिन् [ ऐतरेय+इनि ] ऐतरेय ब्राह्मण का अध्येता। दिग्गज 5. एक प्रकार का इन्द्रधनुष,-सी 1. इन्द्र की ऐतिहासिक (वि.) (स्त्री०--की) [ इतिहास+ठक] हथिनी 2. बिजलो 3. पंजाब में बहने वाली नदी, राप्ती
1. परम्परा प्राप्त 2. इतिहास संबंधी,--क: 1. इति- (इरावती)। हासकार 2. वह व्यक्ति जो पौराणिक उपाख्यानों को ऐरेयम् [झायाम् अन्ने भवम्-इरा+क]
भोज्य पदार्थ से तैयार की जाय) । ऐतिहम् [इतिह+व्या] परम्परा प्राप्त शिक्षा, उपाख्या- | ऐलः [इलाया अपत्यम्-अण्] 1. पुरुरवा (इला और बुध
नारमक वर्णन,-ऐतिह्यमनुमानं च प्रत्यक्षमपि चाग-1 का पुत्र) 2. मंगलग्रह । मम्--रामा०, किलेत्यतिकें (पौराणिक 'ऐतिह्य' को | ऐलबालुकः [एलवालुक+अण्] एक सुगंध-द्रव्य । प्रत्यक्ष, अनुमान आदि के साथ प्रमाण का एक भेद | ऐलविलः [इलविला+अण् ] 1. कुबेर-शि० १३।१८ मानते हैं दे० 'अनुभव')।
2. मंगलग्रह। ऐबम्पर्यम् [इदम्पर+ध्य ] आशय, क्षेत्र, संबंध (शा. ऐलेयः [इला+ढक] 1. एक प्रकार का गन्ध-द्रव्य 2. मंगल
इदंपर होने की अवस्था अर्थात अर्थ, आशय या क्षेत्र रखना)-इदं त्वदम्पर्यम्-मा० २१७ ।
ऐश (वि.) (स्त्री०-शी) [ईश+अण] 1. शिव से ऐनसम् [ एनस्+अण् ] पाप ।
सम्बन्ध रखने वाला-रघु० २७५ 2. सर्वोपरि, ऐसद (वि.) (स्त्री०-ची) [ इन्दु+अण् ] चंद्रमा राजकीय । संबंधी, - चांद्रमास ।
ऐशान (वि.) [ईशान+अण] शिव से सम्बन्ध रखने ऐण (वि०) (स्त्री०-ऐन्त्री) [ इन्द्र-+अण् ! इन्द्र वाला,-नी 1. उत्तरपूर्वी दिशा 2. दुर्गादेवी। संबंधी या इन्द्र के लिए पवित्र, रघु० २।५०,-: | एश्वर (व.) (स्त्रा०
| ऐश्वर (वि०) (स्त्री०-री) [ईश्वर+अण] 1. शानदार अर्जुन और बाली, द्री 1. ऋग्वेद का मन्त्र जिसमें इन्द्र 2. शक्तिशाली, ताकतवर 3. शिव से सम्बन्ध रखने को संबोधित किया गया है-इत्यादिका काचिदैन्द्री वाला-रघु० १११७६ 4. सर्वोपरि, राजकीय समाम्नाता-जै० न्या. 2. पूर्व दिशा (इस दिशा का 5. दिव्य,-री दुर्गादेवी। अधिष्ठातृदेवता इन्द्र है) कि० ९.१८ 3. मुसीवत, | ऐश्वर्यम् [ईश्वर+ष्य] 1. सर्वोपरिता, प्रभुता--एकैश्वर्यसंकट 4. दुर्गा की उपाधि 5. छोटी इलायची।
स्थितोऽपि-मालवि० १११2. ताकत, शक्ति, आधिपत्य ऐमजालिक (वि.) (स्त्री०-की) [इन्द्रजाल+ठक] 3. उपनिवेश 4, विभव, धन, बड़प्पन 5. सर्वशक्तिमत्ता
1. धोखे में डालने वाला, 2. जादू-टोना विषयक 3. तथा सर्वव्यापकता की दिव्य शक्तियाँ । मायावी, भ्रान्ति जनक 2. जादू-टोने का जानकार. | ऐषमस् (अव्य०) [अस्मिन् वत्सरे इति नि० साधः इस -क: बाजोगर-शि० १५।२५ ।
वर्ष में, चालू वर्ष में। ऐखालुप्तिक (वि०) (स्त्री०-की) [ इन्द्रलुप्त+ठक् ] | ऐषमस्तन, मस्त्य (वि.) [ऐषमस् + तनप्, त्यप् वा] गंजरोग से पीड़ित, गंजा।
चालू वर्ष से सम्बन्ध रखने वाला । ऐन्द्रशिरः [ इन्द्रशिर-+-अण् ] हाथियों की एक जाति। ऐष्टिक (वि.) (स्त्री०--की) [इष्टि+ठक] यज्ञसम्बन्धी, ऐन्त्रिः [ इन्द्रस्यापत्यम्-इन्द्र+इन 11. जयन्त, अर्जुन, ___ संस्कार विषयक । सम-पूर्तिक (वि.) इष्टापूर्त (यज्ञ
बानरराज वालि 2. कौवा- ऐन्द्रिः किल नखैस्तस्या अथवा अन्य धार्मिक कृत्य) से सम्बन्ध रखने वाला। विददार स्तनो द्विजः--रघु० १२।२२।
ऐहलौकिक (वि०) (स्त्री०-को) [इहलोक+ठा] इस ऐम्झिय,—यक (वि.) [इन्द्रिय+अण, वुझ वा] 1. इन्द्रियों संसार से सम्बन्ध रखने वाला, या इस लोक में घटित
से संबंध रखने वाला, विषयो 2. विद्यमान, ज्ञानेन्द्रियों के ___ होने वाला, ऐहिक, दुनियावी (विप० पारलौकिक) ।
लिए प्रत्यक्ष इन्द्रियगोचर,-यम् ज्ञानेन्द्रियों का विषय। ऐहिक (वि.) (स्त्री०-को) 1. इस लोक या स्थान से ऍषन (वि.) (स्त्री०-नी) [ इन्धन+अण् ] जिसमें सम्बन्ध रखने वाला, सांसारिक, दुनियावी, लौकिक इन्धन विद्यमान हो,-मः सूर्य ।
2. स्थानीय,-कम् व्यवसाय (इस संसार का)। ऐयत्पम् [ इयत् +व्या ] परिमाण,संख्या ।
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