Book Title: Sanskrit Hindi Kosh
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Nag Prakashak

View full book text
Previous | Next

Page 1356
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1347 ) श्रौतस्मात (द्वि०व०) वेद और स्मति से संबंध रखने / श्वयोचिः [ श्वयतेः चित् ] चन्द्रमा / वाला। श्वसुरगृहम् श्वसुरालय। श्लथवन्धनम 1. पुठों का विश्राम देना 2. ढीली गांठ।। श्वसनमनोग (वि०) वाय और मन की भांति चंचल / श्लाघाविपर्ययः शेखी बघारने का अभाव, प्रशंसा या चाप- श्वसनरन्ध्रम् (नाक का) नथना / लूसी का न होना। श्वसनसमीरणम् श्वास, साँस / शिलष्टरूपकम् श्लेषयुक्त रूपक अलंकार, जिस रूपक के श्वास: [श्वस्---घा व्यञ्जनों के उच्चारण में महाएक से अधिक अर्थ होते हों। प्राणता। श्लेषः [श्लिष्+घञ ] 1. आलिंगन, मैथुन 2, व्याकरण श्वसप्रभृति (अ०) आगामी कल से लेकर / विषयक आगम संयोग 3. एक शब्दालंकार जहाँ एक श्वोवसीयस् (वि०) प्रसन्न, शुभ, मङ्गलमय / शब्द के कई अर्थों द्वारा काव्य में चमत्कार उत्पन्न श्वेत: [श्वित्-+अच, घा वा] 1. सफेद बकरी 2. धूमकेतु, होता है। पुच्छलतारा 3. चाँदी का सिक्का 4. जीरे का बीज श्लेषोपमा उपमा अलंकार जिसके दो अर्थ होते हों।। 5. शंख 6. सफेद रंग 7. शक तारा। सम० . अंशः श्लेष्मकटाहः थूकदान। चन्द्रमा,---अश्व: अर्जुन, - कपोतः 1. एक प्रकार का श्लोक्य (वि.) [ श्लोक + ण्यत् ] प्रशंसनीय / चूहा 2. एक प्रकार का साँप, क्षारः यवक्षार, शोरा, श्वजीविका कुत्ते का जीवन, दासता। --रसः छाछ और पानी बराबर-बराबर मिले हुए श्वदंष्ट्रा 1. कुत्ते की दाढ़ 2. गोखरू का पौधा / --वाराहः कल्प का नाम जो आजकल बीत रहा है। - - षडंशः छठा भाग। षडण्टकम फलित ज्योतिष का एक योग / षडमिः अस्तित्व की छ: लहरें। षट्पदः 1. मधुमक्खी, भौंरा 2. गीति छन्द / षड्ऋतुः (पुं०, ब० व०) छः ऋतुएँ। षड्भाववादः 'द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष और समवाय' इन छः द्रव्यों की स्वीकृति पर आधारित सिद्धान्त / षाडव: 1. रसराग की एक जाति जिसमें केवल छ: स्वर जाते हैं 2. मिठाई, हलवाई का कार्य / षोडशाहः शाक्तशाखा का एक चक्र / संयत् (स्त्री०) [सम्+यत्-- किम्] युद्ध, लड़ाई, संग्राम।। संयुतिः[सम-य--क्तिन] (गणित) दो या दो से अधिक सम०-वाम (वि०) उस सबको एकत्र करने वाला संख्याओं का योगफल / जो सुखद है। संरभ (भ्वा० आ०) डरना---प्रवत्तं रज इत्येव तन्न संरम्य संयन्त्रित (वि.) [संयन्त्र+इतन्] रोका हुआ, बन्द किया चिन्तयेत्-- महा० 121194132 / / हुआ। संरब्धनेत्र (वि.) जिसकी आँखें सूज गई हों। सयम (म्वा० पर०) 1. रोकना, दमन करना, दबाना संरब्धमान ( वि० ) जिसके अभिमान को आघात लग 2. सटाना, भींचना। चुका है। संयतमथुन (वि०) जिसने मैथुन करना त्याग दिया है। संरम्भः [सम् +र+घञ् , मुम्] 1. घृणा, द्वेष-संरम्भसंयतिः [सम्-+यम-+-क्तिन तपश्चर्या, निरोध, संयमन। योगेन विन्दते तत्स्वरूपताम् / भाग०७।१।२८2. (युद्ध संयमः [सम् -- यम्+अप प्रयत्न, उद्योग / का) वेग, आक्रमण की प्रचण्डता / संयोगः [सम् +युज / घा] 1. (दर्शन) भौतिक संपर्क संराद्धिः सिम्+राध+क्तिन] निष्पत्ति, सफलता। 2. शारीरिक संपर्क 3. योगफल / सम-विधिः / संरुद्ध (वि.) [सम् + रुघ+क्त] 1. बाधायुक्त (गति) 1. सम्मिश्रण की प्रणाली 2. जीव और ईश्वर के ...-फाल्गुनो गात्रसंरुद्धो देवदेवेन भारत-महा० 3 // सायुज्य को दर्शानेवालो वेदान्त की उक्ति / 39 / 62 2. कारावरुद्ध / For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 1354 1355 1356 1357 1358 1359 1360 1361 1362 1363 1364 1365 1366 1367 1368 1369 1370 1371 1372