Book Title: Sanskrit Hindi Kosh
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Nag Prakashak

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Page 1328
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1319 ) अनुसार, प्रत्यहम् (अ०) योग्यता के अनुसार। 7. कौवा 8. 'दो' की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति - प्रविष्टम् (अ०) जैसा अनुकूल हो, जैसा कि 9. लगाम 10 चालक, रथवान,-मम् 1. जोड़ा उपयुक्त हो, ...-प्रस्तावम् (अ०) सबसे पहले उपयुक्त 2. संयुक्त व्यंजन,-मी यमुना नदी,-- मौ (०अवसर पर, प्रस्तुतम् (अ.) 1. अन्त में 2. प्रस्तुत द्वि० व.) 1. युगल, जोडुआ---धूति संयमौ यमौ विषय के अनुरूप,--भूयस् (अ०) वरीयता के -~-कि० 236 2. अश्विनीकुमार। सम० अनुजा अनुकूल,-मूल्यम् (अ.) मूल्य के अनुसार,---रसम् यमुना नदी, घण्ट: ज्योतिष का एक अशुभ योग, (अ०) रस या स्वाद के अनुकूल, लब्ध (वि०) -- द्रुमः सप्तपर्ण वृक्ष, पटः, पट्टिका कपड़े की जैसा कि वस्तुतः प्राप्त हो चुका है, विनियोगम एक पट्टी जिस पर यम, यम के अनुचर तथा नार(अ.) निर्दिष्ट प्राथमिकता के अनुसार,-... व्युत्पत्ति कीय यातनाओं का चित्रण अङ्कित रहता है . याव(अ०) ज्ञान की गहराई के अनुकूल,-शब्दार्यम् देतद् गृहं प्रविश्य यमपटं दर्शयन् गीतानि गायामि शब्द के अर्थों के अनुसार-- यथाशब्दार्थ प्रवृत्तिः, मै० -- मुद्रा० ॥१८,-बतम् 1. यम को प्रसन्न करने के सं० 1111 / 26 पर भाष्य,----संस्थम् (अ०) परि- लिए व्रत रखना 2. निष्पक्ष दण्ड विधान-मनु. स्थिति के अनुकूल,- सवनम् ऋतु के अनुकूल, ९।३०७,--शासनः शिव, यमशासनालयक्षमापरस्पर्ष सारम् गुण के अनुसार, स्थूलम् (अ०) जैसा नमाचचार स:--रा० च०२।१२,-श्रायम् यम का कि अतिरिक्त रीति से कहा गया है, स्व (वि०) वासस्थान / अपने अपने आवास या स्थान के अनुसार / यमककाव्यम् यमक-प्रधान कविता, वह काव्य जिसमें यदवधि (अ०) जिस समय से। यमक अलंकार की बहुतायत हो। यदात्मक (दि०) जिस सत्ता परक / पमलार्जुनौ दो अर्जुन के वृक्ष (जिनको कृष्ण ने बचपन में यद्वद (वि०) इच्छानुसार बोलने वाला। उखाड़ दिया था)। यदीय (वि.) [यद् +-छ] जिसका, जिससे संबद्ध / यमिका एक प्रकार की सूखी खाँसी। यन्त्रम् [यन्त्र +अच्] 1 जो रोकता, 'या बांधता है | यमेतका एक प्रकार का घण्टा जिस पर आघात करके 2. सहारा, थूनी 3. बेड़ी, हथकड़ी 4. शल्य क्रिया का | समय की सूचना दी जाती है। उपकरण (शस्त्र) 5. मशीन, संयत्र 6. कुंडी, ताला, | यवः [ य+अच] 1. जो 2. महीने का पहला पक्ष 3. गति, चाबी 7. प्रतिबन्ध, शक्ति 8. ताबीज़ 9. छिद्र करने चाल 4. ज्योतिष का एक योग 5. जव, वेग 6. दुगना की मशीन / सम०- आरुतु (वि.) घूमने वाली उन्नतोदर शीशा 7. एक टापू का नाम / सम०-दीप: मशीन पर चढ़ा हुआ, भ्रामयन सर्वभूतानि यन्त्रा. वर्तमान जावा टापू,-नालः एक प्रकार का साथ रूढानि मायया-भग०,-कोविदः यन्त्रकार, मशीन पौधा। पर कार्य करने वाला-रा० २१८०२,-गहम् | यवनाचार्यः ज्योतिष के ताजिक' नाम की कृति का यन्त्रागार, जहाँ किसी को यन्त्रणा दी जाती है,। विख्यात प्रणेता।। ---धारागृहम् वह स्थान जहाँ फौवारा लगा हआ हो, ! यवनिका--यवनी पर्दा। -सूत्रम् गुड़िया या पुत्तलिका को रंगमंच पर हिलाने यशस (नपुं०) [अश् स्तुती असुन धातोः स्युट च] वाली डोरी। 1. कीति ख्याति, प्रसिद्ध 2. पूज्य व्यक्ति 3. प्रसाद यन्त्रकम् [ यन्त्र+कन् ] 1. हाथ से चलायी जाने वाली 4. धन 5. आहार 6. जल 7. विरल गुणों का एकत्र मशीन, खैराद 2. सामान का बंडल निधीयमाने | संग्रह 8. परोक्ष कीर्ति-छा० उ० 3 / 18 / 3 / सम० भरभाजि यन्त्रके-कि० 12 / 9 / धा कीर्ति प्रदान करने वाला। पन्त्रिका [ यन्त्र + ण्वुल ] छोटो साली, पत्नी की छोटी | यष्टि: (स्त्री०) [यज्+क्तिन् नि० न संप्रसारणम् ] बहन। 1. लकडी 2. गदा 3. स्तम्भ 4. सहारा, टेक 5. ध्वजयन्त्रित (वि.) [ बन्त्र+क्त ] 1. भड़काया हआ 2. नियमों / दंड 6. डोरी, धागा 7. हार, लड़ी / सम-आषातः से नियन्त्रित या प्रतिबद्ध 3, तनाव को बढ़ाने के डंडे की मार,-- उत्थानम् लकड़ी की सहायता से लिये निकाला हुआ 4. आकृष्ट अथवा मदभिस्नेहा- | उठना,-यन्त्रम् समय को मापने के लिए ज्योतिष द्भवत्यो यन्त्रिताशया भाग० 10 / 29 / 23 / का एक साधन / यम (वि०)| यम+धन 11. यमल, जोड आ 2. दोहरा, यस्मात (अ०) 1. जिससे, जब से, जिस बात से 2. ताकि, ---मः 1. प्रतिबन्ध, नियन्त्रण, दमन 2. आत्मसंयम 3. कोई नैतिक कर्तव्य (विप० नियम) 4. योग के | या (अदा० पर०) विदा करना। आठ अङ्गों में से एक 5. मृत्यु का देवता 6, शनि | यागः [ यज्+घश, कुत्वम् ] 1. यज्ञ, णाहुति 2. उपस्थान For Private and Personal Use Only

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