Book Title: Sanskrit Hindi Kosh
Author(s): Vaman Shivram Apte
Publisher: Nag Prakashak

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Page 1345
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1336 ) विद्योत (वि०) [विद्युत+पा ] चकाचौंध करने वाला, | विनग्न (वि.) [वि+न+क्त] बिल्कुल नंगा, विवस्त्र / चमचमाने वाला। विदिन (वि.) [विनर्द -णिनि] गरजने वाला (साम विद्युतिः [वि+द्रु+क्तिन् ] दौड़ जाना, भाग जाना। विद्राण (वि० ) [वि+द्रा+क्त, नस्य णत्वम् ]] विनयः [वि-+-नी+अप] 1. दण्ड - शीलवृत्तमविज्ञाय 1. जागरूक, निद्रारहित 2. निराश, उदास-द्रविण- धास्यामि विनयं परम् महा० 3 / 306 / 19 2. कार्याविद्राणवणिजि-हर्ष०७। लय। विवरगोष्ठी) विद्वान् पुरुषों की सभा विद्वन्मण्डली। विनयकर्मन् (नपुं०० त०] निर्देश, शिक्षण / विकृत्सवस् / विनाशकाल: [ष० त०] विपत्ति का समय / विद्वत्समा ) विनाशहेतु (वि०) [ब० स०] जो नाश का कारण हो / विषन (वि० [प्रा.ब.1 निधन, धनहीन / पिनाकृत (वि.) [विना++क्त] 1. वञ्चित, रहित, विधर्म (वि.) 1. अधर्मी, अन्यायी 2. अधर्मकार्य जो मुक्त 2. वियुक्त, एकाकी। ___ अच्छे आशय से किया गया हो। विनामाकः वियोग-व्यक्तं देवादहं मन्ये राघवस्य विनाविमिन् (वि.) [ विधर्म+इनि ] 1. भिन्न बर्ग से संबंध / भवम् रा. 75014 / रखने वाला (विप० समिन) 2. अधर्मी। विनायक: [वि+नी+ण्वुल] नेता, अग्रणी। विषा (जुहो० उभ०) लीन करना, उपभोग करना। विनिकृत (वि.) [वि+नि++क्त] दुर्व्यवहारग्रस्त, विषा [विधा+क्विप् ] उच्चारण / आहत, विकलीकृत / विधात (पुं०) [वि+घा+तृच ] माया, भ्रान्ति / विनिगमना[वि+नि+गम्+युच+टाप] संकल्प, निश्चित विधानम् [विधा+ल्युट्] 1. प्रयत्न, प्रयास 2. उपचार उपसंहार, कुछ स्वीकार करके शेष को निकाल देना 3. भाग्य, नियति 4. विधि 5. (नाटक) विभिन्न -मै० सं० 1015 / 59 पर शा० भा० / रसों का संघर्ष। विनिबर्हण (वि.) [नि+नि+बह + ल्यट] परास्त करने विषिः [वि+धा+कि] 1. उपयोग, प्रयोग 2. अनुष्ठान, वाला, हराने वाला। अभ्यास 3. प्रणाली, रीति, ढंग 4. नियम 5. कानून | विनियुज (रुधा० उभ०) (बाण) छोड़ना, (बाण) मारना / | विनियोक्त (वि०) [वि+नि+युज+तुच काम देने रण 1. सृष्टि 10. निर्माण 11, भाग्य 12. हाथी का / बाला, स्वामी। आहार 13. वैद्य 14. उपाय, तरकीब। सम० अन्तः | विनियोग: [वि--नि युज+घञ] 1. प्रयोग, उपयोग विधिपरक मूल पाठ का उपसंहारात्मक भाग,--- अर्थ: 2. सहसम्बन्ध। विधि का आशय, कर (वि०) विधान को कार्य में विनिर्वत्त (वि.) [वि नि:+वृत्+क्त] 1. पैदा हुआ, ____ निकल आया 2. संपूर्ण हुआ, पूरा हुआ। अनुष्ठित यज्ञ. - लक्षणम विधि का स्वरूप, लोपः | विनिवेशनम् [विनि+विश् +-णिच् + ल्युट्] उठान, निर्माण / विधान का अतिक्रमण,-विपर्ययः,---विपर्यासः दुर्भाग्य, | विनिहित (वि.) [विनि+ धात] 1. रक्खा हुआ, -विभक्तिः / स्त्री० ) विधिलिड के प्रत्यय पड़ा हुआ 2. नियुक्त 3. जड़ा हुआ। --बशात (अ०) भाग्य से,---विधिवशाद्दूरबन्धुगंतोहम् | विनिहनत (वि.) विनि+न+वत] 1. मुकरा हुआ, मेघ०६। न अपनाया हुआ 2. छिपा हुआ, छिपाया हुआ / विषुः [व्य-1-कु] 1. चन्द्रमा 2. कपूर 3. राक्षस 4. प्राय-विनी (भ्वा० पर०) दूर रहना, दूर करना--विनीय भय श्चित्ताहुति / सम० परिध्वंसः चन्द्रग्रहण, मण्डलम् मात्मनः-- महा० 9 / 31129 / चन्द्रमा का परिवेश,-मासः चान्द्र महीना। विनीत (वि.) [विनी+क्त] फैलाया हुआ / पुर (वि.) [विगता धूर्यस्य अच समा०] 1. विवश, विनीतवेष: सामान्य वेषभूषा। असहाय-प्रतिक्रियायै विधुरः-कि० 17141 2. अशक्त, | विनेयः [वि+नी+ण्यत्] शिष्य, छात्र विनीतविनेय अवसन्न-हयश्च विधुरग्रीवः--महा० 7.146 / 25 / भङ्गाः। विपरित (वि.) विघर+इतच] विवर्ण, कान्तिहीन / विनोदपर: / क्रीडाशील, मनोरंजन में व्यस्त, आमोदविषम (वि.) [प्रा० ब०] धुएँ से रहित / विनोदरसिक: / प्रिय / विधारणम् [वि+णिच् + ल्युट्] गिरफ्तार करना, विनोदस्थानम् मनोरंजन का स्थान, वन विहार। विन्यसनम् [विनि-|-अस् + ल्युट] रखना, घरना / विप्र (वि०) [विखि+क्रन्, नलोपश्च] निष्कलंक, कलंक-विन्यास: [विनि+अस्+घा] 1. (शस्त्र) धारण करना रहित / 2. बीच में घुसेड़ना 3. गति, (अंगों की) स्थिति / For Private and Personal Use Only

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