________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1318 ) मांसीयते (ना० घा० पर०) मांस के लिए लालायित रहना।। मात्स्यन्यायः एक सिद्धान्त जिसमें बड़ा छोटे को दबाता है, माक्षिकधातुः एक प्रकार का खनिज धातु / हर बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है। मागधः [ मगध अण् ] 1. मगध देश का राजा 2. साहित्य माधवनिदानम् आयुर्वेद की एक कृति / क्षेत्र में काव्यशैली का एक प्रकार / माधवी पशुओं की बहुतायत। मातङ्गलीला हस्तिविज्ञान पर एक कृति / मानः [मन +घञ 11. आदर, सम्मान 2. घमंड. अभिमातुलाहिः एक प्रकार का साँप। मान, अहंकार 3. आत्माभिमान, आत्मगौरव,-सम मातृ (स्त्री०) [मान्+तृच, नलोपः] 1. माता, जननी 1. माप 2. निष्ठित मापदण्ड 3. आयाम / सम. 2. स्त्रियों के प्रति आदर या सम्मान सूचक संबोधन --अन्य (वि.) घमंड के कारण अंधा,-अह (वि०) 3. गाय 4. लक्ष्मी या दुर्गा का विशेषण 5. धरती सम्मान के योग्य, आदर का अधिकारी,--अवमनः माता। सम०-दोषः माता का दोष, भक्तिः माता प्रतिष्ठा भङ्ग होना, क्रोध का नाश,-विषमः खोटे के प्रति आदर सम्मान, -शासितः मूर्खव्यक्ति, सीधा बाँटों से तोलकर या मिथ्या मापकर गबन करना, सादा, भोंदू। ठगना--को० अ० 22826, सारः अभिमान की मातका ग्रीवा की 8 नाड़ियाँ, शिराएँ। बड़ी मात्रा। मातृतः (अ०) मातृपरक पक्ष की ओर / मानसपूजा मानसिक पूजा / मात्र (वि०) [मा+न् ] आरम्भिक विषय / मानुषम् [मनोरयम्-अण् सुक् च] 1. मानवता, मनुष्यत्व मात्रा [ मात्र+टाप् ] 1. परिमाण 2. क्षण 3. अणु 4. अंश। 2. मनुष्य की परिपक्वावस्था, पूर्ण पुरुषत्व। सम. 5. वृत्त, विचार 6. धन 7. तत्त्व 8. भौतिक संसार -अधमः नीच पुरुष, ओछा मनुष्य / 9. नागरी अक्षरों में स्वरों का चिह्न 10. कान की | मन्धव्याजः [10 त०] रोग का बहाना / बाली 11. आभूषण 12. इन्द्रियों का कार्य 13. विकार। माया 1. दुर्गा का नाम 2. दक्षता, कला। सम० - अङगलम् लगभग एक इंच की माप / य यकृत [यं संयमं करोति कृ+क्विप तुक च] जिगर / / यत्रकामावसायः योग की एक शक्ति जिसके द्वारा मनुष्य सम०-वैरिन् (पुं०) औषध का एक पौधा, रक्त- अपने आपको जहाँ चाहे ले जा सकता है।। रोहड़ा। | यत्रसायंगृह (वि०) जहाँ सन्ध्या हो जाय या सूर्यास्त हो यक्षः | यक्ष+घञ ] 1. देवयोनि विशेष, जो 'कुबेर के जाय वहीं ठहर जाने वाला व्यक्ति / सेवक है 2. भूतप्रेत 3. इन्द्र का महल 4. कुबेर यथा (अ.) [यद प्रकारे थाल] जिस ढंग, जिस रीति से, 5. पूजा 6. कुत्ता। सम०-धूपः गूगल, लोबान / जैसे, जिस प्रकार / सम०-अनूक्तम् (अ.) जैसा यज्ञः [यज्+न] 1. यज्ञ, यज्ञीय संस्कार 2. पूजा की कि बतलाया गया है, या निर्देश किया गया है-मया प्रक्रिया 3. अग्नि 4. विष्णु / सप०-आयुधम् यज्ञ यथानक्तमवादि ते हरेः 'चेष्टितम् - भाग० 3 // 19 // में प्रयुक्त किया जाने वाला उपकरण, --गुह्यः कृष्ण, 32, आश्रयम् ( अ०) आधार के अनुसार-~-पत्नी यजमान की पत्नी,-शिष्टम् यज्ञ का अव- सां० का० 41, उद्गत (वि.) ज्ञानशून्य, मूर्ख, शिष्ट अंश-यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मच्यन्ते सर्वकिल्विषः -उद्गमनम् (अ०) आरोह अनुपात के अनुसार, ----भग० 3 / 13, -- संस्तरः यज्ञ की वेदी की स्थापना --उपचारम् (अ०) औचित्य के अनुरूप, शिष्टाचारतथा इष्टकाचयन / सापेक्ष, - उपविष्ट (वि.) जसा निर्देश दिया गया यज्ञायज्ञीयम् 1. सामसूक्त 2. गरुड के दोनों पंखों का हो, या जैसा परामर्श दिया गया हो,-कारम् (अ०) प्रतीकात्मक नाम / जिस किसी रीति से,-पा० 3 / 4 / 28,-- बलप्ति यत्नवत् (वि.) क्रियाशील, परिश्रमी, प्रयत्न करने वाला। (अ०) समुचित रीति से, क्षिप्रम् (अ०) जितनी यतगिर (वि०) [ब० स०] चुप रहने वाला, जिसने जल्दी हो सके,---चित्तम् (अ०) अपनी इच्छा के अपनी वाणी को नियन्त्रित रक्खा है। अनुसार, तथ्यम् (अ०) सचमुच, वास्तव में, यतमैथुन (वि०) [ब० स०] जिसने मैथुन त्याग दिया है। ..-न्यासम् (अ०) जैसा कि विधान है, जैसा कि मूल यतिचान्द्रायणम् विशेष प्रकार का तपश्चरण / पाठ में है,-न्युप्त (वि०) जैसा कि धरती में डाला यत्रकामम् (अ०) जहाँ किसी का मन चाहे, इच्छानुसार।। गया है,पण्यम् (अ०) विक्रेय वस्तु के मूल्य के For Private and Personal Use Only