________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1320 ) उपहार, प्रदान / सम०- कण्टक 1. बुरा यजमान / जमाया हुआ 7. संबद्ध 8. सिद्ध, अनुमित 9. सक्रिय, 2. जो यज्ञ को बिगाड़ता है,--संप्रदानम् यज्ञीय परिश्रमी 10. (ज्यो०) संयुक्त, मिला हुआ। सम० पदार्थ को लेने वाला-पा० 4 / 2 / 24 पर काशिका, --चेष्ट (वि.) उचित कार्य में संलग्न,-वादिन् ---सूत्रम यज्ञीय यज्ञोपवीत, जनेऊ।। (वि.) उपयुक्त बात कहने वाला। याच्या चाच+ना ] 1. मांगना। 2. साधता 2. प्रार्थना युक्तकम् [ युक्त+कन् ] जोड़ा। सम-जीविका,-जीवनम भिक्षावत्ति पर जीने | युगम् [ युज्+घञ , कुत्वं, न गुणः ] 1. जूआ 2. जोड़ा वाला,- भङ्गः प्रार्थना को ठकरा देना। 3. चन्द्रमा की सापेक्ष स्थिति / सम० धुर् (स्त्री०) याजुक: यजमान, यज्ञ करने वाला / जूए की कील, मात्रम् जुए की लंबाई के बराबर वाझसेनः / शिखण्डी का पैतृक नाम / माप अर्थात् चार हाथ की लम्बाई,-परत्रम् जूए का माशसेनिः महा० 7 / 14 / 44 फीता या तस्मा। याज्या [यज्+णिच् +यत्+टाप् ] आहुति देते समय युगन्धरः, रम् गाड़ी की वह लकड़ी जिसमें जूआ लगा प्रयुक्त किया जाने वाला यज्ञीय नियम / रहता है। यातिक: [ यात+ठक् ] यात्री। यगन्धरा एक देवी योगिनी योगदा योग्या योगानन्दा यातुनारी राक्षसी, पिशाचिनी - वभ्राम त्रिजगती या तु युगन्धरा-ललिता० / यातुनारी-रा० च० 7 / 10 / युगी (स्त्री०) बहुतायत योषयुग्या शूरसमृद्ध्या युजे बात्य: नरक में रहने वाला। - रोणादिक: कि:- कुत्वमार्षम्-महाभाष्य 5 / 63 / 3 यात्राकर (वि.) जीवन का सहारा देने वाला (साधन) पर टीका। यात्रादान यात्रा पर जाते समय दिया गया उपहार। युग्म (वि.) [ युज-मक्] सम, दो से भाग होने वाली याथात्म्यम् [ यथात्मा+ष्य ] वास्तविक स्वभाव या संख्या, मम् 1. जोड़ा 2. संघ, जंकशन 3. संगम प्रयोजन। 4. युगल 5. मिथुन राशि / सम०-चारिन् (वि.) यानम् [ या+ल्युट् ] 1. जलयान, पोत 2. जन्म-मरण के जोड़े के रूप में घूमने वाला -विपुला एक छंद का चक्र से मुक्ति का उपाय -- तु० महायान, हीनयान नाम,- शुक्तम् आँखों में दो सफेदी के बिन्दु / 3. वायवी रथ, हवाई गाड़ी। सम०-- आस्तरणम् | युग (म्वा० पर०) छोड़ देना, त्याग देना / गाडी की गही, बैठने का आसन-मृच्छ०, --स्वामिन युञ्ज गाड़ी का मालिक। युङ्गिन ( पुं०) [ युङग् + इनि ] एक संकर जाति / याम (वि.) (स्त्री०-मी) [ यम+अण् ] यम से | युछ, युञ्छ (म्वा० पर०) 1. भूल करना, भटक जाना संबन्ध रखने वाला—याभिश्चिरं यातना:--मकुन्द० 2. बिदा होना, चले जाना। 10, - मः (पुं०) देवों का समुदाय-यामैः परिवृतो | युद्धम् [ युध् + क्त ] 1. लड़ाई, संग्राम. झड़प, संघर्ष, समर देवैः–भाग०८।१।१८ / सम० नादिन मर्गा,-पाल: 2. ग्रहों का विरोध या संघर्ष / सम० अबहारिकम् समय पालक, * भद्रः मंच / युद्ध में जीतने पर प्राप्त सामग्री, संपत्ति, - गान्ध-म् यामिकाचर] रणभेरी, युद्ध का गीत, तन्त्रम् युद्ध विज्ञान, सैनिक यामिनीचरः शिक्षा, ध्यान: युद्ध का आनन्द, योजक (वि.) यामलम् तन्त्रग्रन्थ / युद्ध भड़काने वाला, व्यतिक्रमः यद्ध कला के नियमों यामिः,-मो, [या+मि, डीप् वा ] 1. दक्षिणी दिशा का उल्लंघन / 2. भरणी नामक नक्षत्र / युद्धकम् | युद्ध+कन् ] संग्राम, रण, समर, लड़ाई। यावकः--कम् | यव+अण, स्वार्थे कन् ] एक ब्रत जिस में | युधिक (वि.) [युध् +ठन् ] लड़ाकू, योद्धा, लड़ने वाला। जो खाकर रहना पड़ता है। योद्धु (पुं०) [ युध् +तच ] योद्धा, सिपाही। यावदध्ययनम् (अ) पढ़ने के समय, विद्यार्थी अवस्था में। युयुक्खुरः चीता या भेड़िये की जाति का जन्तु, क्षुद्र व्याघ्र, पावत्संपातम् (अ0) जहाँ तक संभव हो। पावतिय (वि०) जहाँ तक, जिस बिन्दु तक, जिस अंश तक। युवन् (वि०) [ यु+कनिन् ] 1. जवान 2. हृष्ट-पुष्ट यावनीप्रिया पान की बेल। 10 युवा)4. साठ वर्ष का हाथी 5.एक यावसिक: [यवस+ठक ] घसियारा, घास काटने वाला। संवत्सर। सम० जानिः वह पुरुष जिसकी पत्नी युक्त (वि०) [युज्+क्त ] 1. जुड़ा हुआ, मिला हुआ। जवान है, युवजानिधनुष्पाणिः - भटि० 5 / 13, बाँधा हुआ 2. जुए में जोड़ा हुआ 3. व्यवस्थित 4. सम-1 --पलित (वि) समय से पूर्व जिसके बाल पक गये बेत 5. संपन्न, भरा हुआ 6. स्थिर किया हुआ, / है,-पा० 2 / 1 / 67 पर भाष्य, हन् शिशु हत्या। For Private and Personal Use Only