________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 613 ) पिंडकः, का [पीड्+ण्वल, नि 10 साधुः] छोटा फोड़ा, . वृक्ष 2. चीन का गुलाब 3. अनार (ष्पम्) 1. अशोक फुसी, फफोला / वृक्ष पर फूल आना, मंजरी 2 चीनी गुलाब का फूल पिर (भ्वा० आ०, चुरा० उभ०---पिंडते, पिंडयति-ते, 3. कमल फूल,-भाज् (वि०) पिंड प्राप्त करने का पिडित) 1. इकट्ठा करके पिडी या गोला बनाना 2. अधिकारी (पुं०, ब० ब०) स्वर्गीय मृत पुरुष या जोड़ना, मिलाना 3. ढेर लगाना, इकट्ठा करना। पितर--श० ६।२५,-भूतिः (स्त्री०) जीविका, पिंड (वि.) (स्त्री०---डी) [पिण्ड्+अच्] 1. ठोस, धन जीवन निर्वाह का साधन, मूलम, --- मूलकम् गाजर, 2. मिला हुआ, सघन, सटा हुआ, ...,-- डम् 1. पिंडी, -- यज्ञः श्राद्ध करके पितरों को पिंडदान देना-याज्ञ. गोला, गोलक (अयः पिंडः, नेत्र पिंड आदि) 2. लौंदा, ३।१६,-लेपः पिंड का वह अंश जो हाथ में चिपका ढेला (मिट्टी का) 3. कौर, ग्रास, महभर कवल रह जाता है (यह अंश प्रपितामह से ठीक पूर्ववर्ती -रघु० 2159 4. श्राद्ध में पितरों को दिया जाने तीन पितरों को दिया जाता है),-लोपः (संतान न वाला चावलों का पिंड--- रघु० 1166, 1 / 26, मनु० होने के कारण) पिंडदान का अभाव,--संबंधः जीवित 3 / 216, 9 / 132, 136, 140, याज्ञ. 13159 तथा मृत व्यक्ति के बीच का संबंध जिससे कि पिंड5. भोजन सफलीकृतभर्तपिंडः - भालवि० ५,'नमक- दाता की पिंडभोक्ता के प्रति पात्रता का निर्धारण हलाल' 6. जीविका, वृत्ति, निर्वाह 7. दान किया जाय। --पिडपातवेला . मा० 2 8. मांस, आमिष 9. गर्भ पिंडक:-कम् [पिण्ड+के+क] 1. लौंदा, गोला, गोलक धारण की आरंभिक अवस्था का गर्भ 10. शरीर, / 2. गूमड़ा या सूजन 3. भोजन का ग्रास 4. टांग की शारीरिक ढांचा---एकांतविध्वंसिष मद्विधानां पिंडेष्व- | पिंडली 5. गंधद्रव्य, लोबान 6. गोजर-क: बैताल, नास्था खल भौतिकेषु-रघु 2 / 57 11. ढेर, संग्रह, पिशाच / समच्चय 12. टांग की पिंडली-मा० 5 / 16 पिंडनम् [पिड़+ल्यट] गोले या पिण्ड बनाना / 13. हाथी का कुंभस्थल 14. मकान के आगे का पिंडलः [पिंड्+कलच] 1. पुल, बाँध 2. टीला, ऊर्ध्वभूमि निकाला हुआ छज्जा 15. धूप, या गंध द्रव्य 16. (अंक / या शैलशिला। ग० में) जोड़, कुलयोग 17. (ज्या० में) घनत्व, पिंडसः [पिंड+सन्+ड] भिक्षुक, भिक्षा पर जीवन यापन -डम् 1. शक्ति, सामर्थ्य, ताक़त 2. लोहा 3. ताजा करने वाला साधु / मक्खन 4. सेना (पिंड कृ गोले बनाना, निष्पीडित पिंडातः [पिंड +-अत्+अच] लोबान, गंधद्रव्य / करना, ढेर लगाना, पिंडीभू गोले या लौंदे बनाना)। पिंडारः [पिंड-1-ऋ+अण्] 1. साधु, भिक्षुक 2. ग्वाला सम० ----अन्वाहार्य पितरों को पिंड दान के पश्चात् 3. भैसों को चराने वाला 4. विकंकत वृक्ष 5. निन्दा खाने के योग्य-मनु०३।१२३,-अन्याहार्यकम् पितरों की अभिव्यक्ति / के उद्देश्य से दिया हुआ भोजन,---अभ्रम ओला, , पिडि:-डी (स्त्री० [पिड़+इन, पिडि-1-डीष] 1. पिन्नी, ---अयसम् इस्पात,—अलक्तकः महावर, लाल रंग, गोला 2. पहिये की नाभि 3. टांग की पिडली -अंशनः,-आशः,--आशकः,-आशिन् (पुं०) 5. लौकी, धीया 6. घर 7. ताड़ की जाति का वृक्ष / भिक्षुक,-उदकक्रिया मतव्यक्तियों के निमित्त पिण्डदान सम०--पुष्पः अशोक, वृक्ष,--लेपः एक प्रकार का लेप तथा जलदान,--श्राद्ध और तर्पण,--उबरणम पिंडदान या उबटन,--शूर: गेहेशूरः' पेट्, डींग हाकने वाला, में भाग लेना,--गोसः रसगंध, लोबान की तरह का कायर, आत्मश्लाघी, भीरु, मेहरा-तु. गेहेनदिन् सुगंधित गोंद,-तैलम,-तैलक: गंधद्रव्य विशेष, आदि। लोबान,-द (वि.) 1. जो भोजन देता है, जीवन | पिडिका [पिण्ड्+ण्वुल, इत्वम्] 1. घूम, गोलाकार सूजन निर्वाह के लिए आहार देने वाला---इवा पिंडदस्य 2. टांग की पिडली-दे० ॐ० पिडि'। कुरुते गजपुंगवस्तु धीरं विलोकयति चाटुशतश्च भुंक्ते पिडित (वि.) [पिण्ड्+क्त 1. दबा 2 कर बनाया गया भत० 2031 2. मृत पितरों को पिण्ड देने का... गोला या पिण्डा 2. पिंडाकार बकाया हुआ, लौंदे अधिकारी याज्ञ० 21132 (वः) पिंडदान करने जैसा 3. ढेर किया हुआ, बटौड़ा 4. मिश्रित 5. जोड़ा वाला निकटतम संबंधी पुरुष 2. स्वामी, अभिरक्षक, हुआ, गुणा किया हुआ 6. गिना हुआ, संख्यात / --वानम् 1. अन्त्येष्टि क्रिया के समय पिंड देना ! पिडिन् (वि.) [पिंड+ इनि] 1. पिंड प्राप्त करने वाला 2. अमावस्या की संध्या के समय पितरों को पिंडदान (पितर) (0) भिखारी 2. पितरों को पिण्डदान... देना,-निर्वपणम् पितरों को पिंडदान देना,-पातः / देने वाला। भिक्षा देना, मा० १,-पातिकः भिक्षा से जीविका / पिडिलः [पिण्ड+इलच ] 1. पुल, बांध 2. ज्योतिषी. चलाने वाला,--पाकः-पाचः हाथी, पुष्पः 1. अशोक / गणक / For Private and Personal Use Only