________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir / 708 ) बिछौना-(पुं०) 1. आग 2. प्रकाश, दीप्ति (नपुं०)। __ में अव्यवस्था, गदर, विद्रोह,---चक्रम् 1. उपनिवेश, 1. जल 2. यज्ञ / सम०-केश.----ज्योतिः (पुं०) साम्राज्य 2. सेना, समूह, जम् 1. नगर का फाटक, आग का विशेषण,---मुखः (बहिर्मुखः) 1. आग का मुख्यद्वार 2. खेत 3. अनाज, अन्न का ढेर, शि० 1417 विशेषण 2. देवता (जिसका मुख अग्नि है),-शुष्मन् 4. युद्ध, लड़ाई 5. वसा, मज्जा ( जा) 1. पृथ्वी (पु.) आग का विशेषण,-- सद् (बहिषद्) (f 2. सुन्दरी स्त्री 3. एक प्रकार की चमेली, दः बैल, कुशनामक घास के आसन पर बैठा हुआ (पुं०) बलीवर्द,-दर्पः शक्ति का अभिमान,-देवः 1. वायु, पितर (ब०व०)। - -हवा 2. कृष्ण के बड़े भाई का नाम दे० नी० i (भ्वा० पर. बलति) 1. सांस सेना, जीना 'बलराम',.. द्विष् (पुं०)- निषूदनः इन्द्र के विशेषण 2. अनाज संग्रह करना ii (भ्वा० उभ० बलति-ते) —बलनिषूदनमर्थपति च तम् रघु० ९१३,--पतिः 1. देना 2. चोट पहुंचाना क्षति पहुँचाना, मार डालना 1, सेनापति, सेनानायक 2. इन्द्र का विशेषण,-प्रद 3. बोलना 4. देखना, चिह्न लगाना। प्रेर०-(बालयति (वि०) ताकत देने वाला, बलवर्धक,-- प्रसः बलराम ते) पालना-पोसना, भरणपोषण करना। की माता रोहिणी, भद्र: 1. बलवान् मनुष्य 2. एक प्रकार का बैल 3. बलराम का नाम, दे० नी० बलम् [बल+अच् ] 1. सामर्थ्य, शक्ति, ताकत, वीर्य, 4. लोध्र नामक वृक्ष, भिद् (पुं०) इन्द्र का विशेषण ओज 2. जबरदस्ती, हिंसा जैसा कि 'बलात्' में 3. सेना, चम्, फौज, सैन्यदल-भवेदभीष्ममद्रोणं -- श० 2, भत् (वि.) बलवान्, शक्तिशाली, .... रामः 'बलवान् राम' कृष्ण के बड़े भाई का धृतराष्ट्रबलं कथम्-वेणी० 3 / 24,43, भग० 1110, नाम (यह वसुदेव और देवकी का सातवाँ पुत्र रघु० 16 // 37 4. मोटापन, पुष्टि (शरीर की) 5. शरीर, आकृति, रूप 6. वीर्य, शुक्र 7. रुधिर था, कंस की क्रूरता का शिकार होने से बचाने 8. गोंद, रसगंध (लोबान की तरह का सुगंधित गोंद) के लिए यह रोहिणी के गर्भाशय में स्थानान्तरित 9. अंकुर, अँखुवा, (बलेन 'सामर्थ्य के आधार पर', कर दिया गया। यह और कृष्ण दोनों का 'की बदौलत' बाहुबलेन जितः, वीर्यबलेन'.", बलात् गोकुल में नन्द द्वारा पालन-पोषण किया गया। जब 'बलपूर्वक' 'जबरदस्ती' 'हिंसापूर्वक' 'इच्छा के विरुद्ध' यह बालक ही था तो इसने शक्तिशाली राक्षस धेनुक बलानिंद्रा समायाता-पंच० 1, हृदयमदयें तस्मिन्नेवं और प्रलंब को मार गिराया, तथा अपने भाई कृष्ण पूनर्वलते बलात्-गीत०७),--ल: 1. कौवा 2. कृष्ण की भांति अनेक आश्चर्यजनक काम किये। एक बार के बड़े भाई का नाम- दे० नी० 'बलराम' 3. एक मदिरा के नशे में जिसका कि वह बहुत शौकीन था राक्षस का नाम जिसे इन्द्र ने मारा था / सम० यमुना नदी को निकट आने का आदेश दिया जिससे -अग्रम् अत्यधिक सामर्थ्य, शक्ति (--ग्रः) सेना कि वह स्नान कर सके; जब उसकी आज्ञा पर ध्यान का प्रधान, अंगकः बसन्त-हेम० १५६,—अञ्चिता नहीं दिया गया तो उसने अपने हल की फाली से बलराम की वीणा,---अट: एक प्रकार का शहतीर, यमुना नदी को खींचा; अन्त में यमना ने मनुष्य का -अधिक (वि०) सामर्थ्य में बढ़चढ़ कर, अत्यंत रूप धारण कर उससे क्षमा मांगी। एक दूसरे अवबलशाली,- अध्यक्षः 1. सेनापति मनु० 7 / 182, सर पर उसने दीवारों समेत समस्त हस्तिनापुर को 2. युद्धमंत्री,-अनुजः कृष्ण का विशेषण,-अन्वित अपनी ओर खींचा। जिस प्रकार कृष्ण पांडवों के (वि०) सामर्थ्य से युक्त, बलवान्, शक्तिशाली, प्रशंसक थे, उसी प्रकार बलराम कौरवों के प्रशंसक ---अबलम् 1. तुलनात्मक सामर्थ्य और असमर्थता, थे जैसा कि उसकी इस बात से प्रकट होता है कि आपेक्षिक सामथ्र्य तथा दुर्बलता-- रघु० 17159 वह अपनी बहन सुभद्रा का विवाह दुर्योधन से करना 2. आपेक्षिक सार्थकता तथा नगण्यता, तुलनात्मक चाहता था न कि अर्जुन से। इतना होते हुए भी महत्त्व तथा महत्त्वशून्यता-समय एव करोति बला- उसने महाभारत के युद्ध में न पांडवों का पक्ष लिया बलम्-शि०.६६४४,अनः बादल के रूप में सेना, और न कौरवों का। इसका वर्णन नीली वेशभूषा -अरातिः इन्द्र का विशेषण,-अवलेपः सामर्थ्य का धारण किये हुए 'हल' से जो कि उसका अत्यंत प्रभावअभिमान,---अश:,—असः 1. क्षयरोग, तपेदिक 2. कफ शाली शस्त्र था, सुसज्जित किया जाता है। उसकी का आधिक्य 3. गले में सूजन (आहार नली का पत्नी का नाम रेवती था। कई बार इसे शेषनाग अवरोष), आत्मिका एक प्रकार का सूरजमुखी फूल, का अवतार और कई बार विष्णु का आठवाँ अवहस्तिशृंडी,-आहः पानी,- उपपन्न,- उपेत (वि.) तार समझा जाता है-तु० गीत०),--विन्यासः सन्य सामध्ये से युक्त, मजबूत, शक्तिशाली,-ओघः सैन्य- दल की व्यहरचना,-व्यसनम् सेना की हार,--सूदनः बल का समह, असंख्य सेना-शि० ५।२,-क्षोभः / / इन्द्र का विशेषण,-स्थः योद्धा, सैनिक,--स्थितिः For Private and Personal Use Only