________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1215 ) रक्षण और वर के देने वाला-त्वदन्यः पाणिमभयवरदो | अभिप्लुत (वि०) [अभि+प्लु+क्त ] 1. (भावनाधिक्य देवतगणः-सौ०। से) अभिभूत, व्याकुल 2. स्वीकृत। अभवत् (वि.) [अ-+भूशित ] अविद्यमान / सम० अभिमन्यमान (वि०) [अभिमन्-+-शानच् ] किसी वस्तु -मतयोगः-संयोगः, (काव्य) रचना का दोष पर अवैध अधिकार का इच्छुक-ब्राह्मणकन्यामभिम--इसके अनुसार शब्द और अर्थ का अभिप्रेत संबंध / न्यमानः-कौ० अ० 16 / अपेक्षित रहता है जैसे .. ईक्षसे यत्कटाक्षेण तदा धन्वी | अभिमन्युः (पुं०) चाक्षुष मनु के एक पुत्र का नाम / मनोभव:--में 'यत' और 'तदा' का संबन्ध / अन्य | अभिरम्भित (वि.) [ अभिरभ-+क्त ] पकड़ा हुआ, जकड़ा उदाहरणों के लिए दे० सा० द०५७५ पृष्ठ / हुआ-कश्मलं महदभिरम्भितः - भाग० 5 / 8 / 15 / अभवनिः जन्म का न होना-हरि०७। अभिराधनम् [ अभिरा+ल्युट् ] प्रसन्न करना, अनुकूल अभागिन् (वि.) [न० ब०] 1. अनभ्यस्त-सहते यातना- करना--महा० 3 / 303 / 14 / / मेतामनर्थानामभागिनी -रा० 5 / 16 / 21 2. जिसका अभिलम्भनम् [ अभिलम्भ+ल्युट् ] अधिग्रहण करना कोई भाग न हो। -~-शशंस पित्रे तत्सर्व वयोरूपाभिलम्भनम्-भाग० अभिकर्षणम् [ अभि + कृष् + ल्युट् ] कृषि का एक 9 / 3 / 23 / उपकरण। अभिवक्त (वि०) [ अभिवच्+तच ] जो अभिमानपूर्वक अभिगृघ्न (वि०) प्रबल लालसा से युक्त, इच्छुक / या हेकड़ी के साथ बोलता है-महा० 12118048 / अभिजित् (पु०) [ अभि+जि---विप् ] पुनर्वसु का पुत्र अभिशीत (-श्यात) (वि.) [ अभि-श्य+क्त-पा० -हरि०, पुनर्वसु के पिता का नाम वि० पु०। 6 / 1 / 26] शीतल, ठण्डा। अभिज्ञात (वि.) [ अभि-+-ज्ञा+क्त ] जानकार, ज्ञाता, | अभिश्रुत (वि.) [अभिश्रु+क्त ] प्रख्यात, प्रसिद्ध / जानने वाला। अभिश्वत्य (वि०) [ अभितः श्वत्यं शुद्धचारित्र्यादिर्यस्य अभित्वरमाणकः [ अभि+ त्वर+शानच्, कन् ] दूत, -न० ब०] विशुद्ध चरित्र वाला, सदाचारी। संदेशहर। अभिषक्त (वि०) [अभि+सञ्+क्त ] 1. भूत प्रेतादि अभिदेवनम् [अभि+दिव् + ल्युट ] पासे से खेलने की से आविष्ट 2. अपमानित, पराभूत 3. तिरस्कृत, बिसात-महा० / / अभिशप्त / अभिग्ध (वि.) [अभिद्रह +क्त ] आहत, सताया हआ। | अभिषङ्गः [ अभिसञ्ज+घा ] मानसिक क्षोभ की स्थिति अभिमानम् [ अभि+धा+ल्यूट ] गीत, गायन-षट्पाद- -उच्चारितं मे मनसोऽभिषङ्गात्- महा० 5 / 30 / 1 / तन्त्रीमघुराभिधानम् - रा० 4 / 28 / 36 / सम० | अभिषिक्त (वि.) [ अभिषिच्+क्त] राजसिंहासन पर -विप्रतिपत्तिः शब्द और अर्थ का बेतुकापन, असंगति बिठाया हुआ, अभिमन्त्रित जलों से स्नान, राजगद्दी -मी० सू० 9 / 3 / 13 पर शा० भा० / पर आसीन कराया गया। अभिनन्दः (पुं०) 1. अमरकोश के एक टीकाकार का नाम | अभिषेचनम् [ अभिषिच् -- ल्युट् ] राजतिलक करने की 2. योगवासिष्ठसार के रचयिता का नाम / तैयारी-रा०२।१८।३६) अभिनवकालिदासः आधुनिक कालिदास, यह पद किसी अभिष्टवः [ अभि+स्तु+अच् ] स्तुति-रामाभिष्टव उत्तम कवि को दिया जाता है; माधवीय शंकर ___संयुक्ताः -रा० 2 / 6 / 16 / / विजय का नाम। अभिष्टुत (वि.) [अभि+स्तु+क्त ] 1. जिसकी स्तुति अभिनवगुप्तः नाट्यशास्त्र और ध्वन्यालोक का प्रसिद्ध की गई हो, जिसका कीर्तिगान किया गया हो 2. जिसका भाष्यकार / राज्याभिषेक कर दिया गया हो-ओङ्काराभिष्टुतं अभिनिष्यन्वः-[अभि नि+स्यन्द्+घा] टपकना, चूना। सोमसलिलं पावनं पिबेत्-याज्ञ० 31306 / / अभिनुन्न (वि०) [ अभि+द+क्त ] आहत, क्षुब्ध। | अभिसहरणम् [ आभ+सम् + ल्युट्क्षातपूात -खिन्नदण्डकाष्ठाभिनुन्नाङ्गी-महा० 14158 / 29 / अ० 5 / अभिपन्न (वि.) [अभि+पद+क्त ] 1. स्वीकृत, अभिसंहित (वि.) [ अभि+सम् +धा-क्त ] सम्मिलित, स्वीकार किया हुआ (अथवा उपपन्न) 2. प्ररक्षित सम्बद्ध रा० 7/80 / 11 / -- महा० 1150 / 20 / अभिसमापन्न (वि.) अभिसम+आ+पद+क्त] आमने अभिपातः [ अभिपत+णिच+पश11. उन्नत होना, सामने होने वाला, सामने होकर मुकाबला करने उछलना वियदभिपातलाघवेन 2. पतन, विनाश / वाला-तुदत्यभिसमापन्नमडगुल्यग्रेण लीलया--रा. अभिपूर्तम् [ अभि+१+क्त ] जो पूर्णतः सम्पन्न हो चुका 3 / 19 / 3 / है-अथ० 9 / 5 / 13 / अभिसरी (रिः) (स्त्री०) 1. पीछा करना-असुरपुरवधे For Private and Personal Use Only