________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यक्त होती है। भीमसेन प्रमथितानाभ 1. ( 1261 ) खजूरिका (स्त्री०) एक प्रकार की मिठाई। खल्वः (पुं०) फली, बाल / खडूरम् (नपु०) नारियल की गिरी, गोला, खोपा। खा [खर्व +ड-टाप् ] 1. पार्वती 2. धरती 3. लक्ष्मी खमम् (नपुं०) 1. रेशम 2. शौर्य 3. कठोरता / 4. वक्तृता-खोमा क्षमा कमला च गी:- एकार्थः / खवंटः [खर्व-+-अटन् ] एक इस प्रकार की बस्ती जो पर्वत | खानपानम् (नपुं०) खाना पीना। की तलहटी या नदी के किनारे बसी हो और जिसके खानोदकः (पु०) नारियल का पेड़। निवासियों का व्यवसाय प्रायः वणिजव्यापार हो। खुरशाल: (पुं०) खुरशाल देश में उत्पन्न एक उत्तम नस्ल यह गाँव और नगर के बीच की बस्ती के लक्षणों से का घोड़ा--गालि० 107 / खेखोरकः (पुं०) खोखला बाँस / खर्वाट दे० 'खल्वाट' भीमसेन प्रमथितार्योधनवरूथिनी, खेचरी (स्त्री०) एक प्रकार की योगसिद्धि जिसके द्वारा शिखा खर्वाटकस्येव कर्णमूलमुपागता नाभ। योगी आकाश में उड़ सके--एवं सखीभिरुक्ताहं खेचखवित (वि.) [खर्व+इतच ] जो बौना बन गया हो। रीसिद्धिलोलपा कथा०२०११०५ / खर्वेतर (वि.) [त० स०] जो नगण्य न हो, जो छोटा | खेटः | खिट् +अच, खे अटति -- अट्+अच् ] प्राम, न हो। गाँव। खलिन् (वि.) [खल-+इनि] खल से युक्त, तलछट | खोरकः (पुं०) किसी जानवर के खुर में होने वाला वाला, लो (पुं०) शिव / विशेष रोग। सलीकृत (वि.) [खल+च्चि++क्त ] अपमानित | स्यातिः (स्त्री०) [ख्या+क्तिन् ] दर्शनशास्त्र का एक -ब्राह्मणस्त्वया खलीकृत:---नाग०३। सिद्धान्त-विकल्प: ख्यातिवादिनाम ---भाग० 1 // ललिशः एक प्रकार की मछली। 16 / 24 / खल्लिशः गः [ग+क] 1. शिव 2. विष्णु -गः प्रीताभवः श्रीपति- | गजिन् (वि०) [गज+इनि ] गजारोही, हाथी की सवारी रुत्तम:-एकार्थ करने वाला। गगनम् [ गच्छत्यस्मिन् गम् + ल्युट, ग आदेशः ] 1. आकाश, गड्डुकः [= गडुक, पृषो०] 1. तकिया 2. एक प्रकार का अन्तरिक्ष 2. शुन्य 3. स्वर्ग / सम० रोमन्थः असङ्गति, जलपात्र / व्यर्थ पदार्थ, लिह. (वि०) आकाश तक पहुंचने वाला | गणः [गण+अच् ] 1. समूह, संग्रह, समुदाय, रेवड़, लहंडा - दे० अभंलिह। 2. श्रेणी 3. शिव के अनुचर, जिनका अधीक्षक गणेश गङ्गासप्तमी (स्त्री०) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष का सातवाँ है, उपदेव 4. समाज 5. मण्डल 6, जाति / सम० --रत्नमहोदधिः व्याकरणगत गणों पर वर्धमान कृत गजः [गज+अच ] 1. हाथी 2. आठ की सख्या 3. लम्बाई एक ग्रन्थ,--वल्लभः सेनापति-रा०२।८।१२। नापने का गज 4. एक राक्षस जिसे शिव जी ने मार | गणनपत्रिका संगणक, जिसमें विशेष प्रकार के शोधित अङ्गों दिया था। सम० गणिका हथिनी जिसका प्रयोग ___ की सारणी दी हुई होती है-राज० 6 // 36 // जंगली हाथी को पकड़ने के लिए किया जाता है स्व- गणितम् [गण्+क्त ] व्यवहार- वेत्तुमर्हति राजेन्द्र स्वातनुवितरणेन तं प्रलोम्य द्विपमिव वन्यमिहोपनेतुकामा ध्यायगणितं महत् महा० 12162 / 9 / सखि गजगणिकेव चेष्टितासि-जानकी० 1652, गण्यमानम् [गण्+यक+शानच् ] किसी रचना या निर्माण .- गौरीव्रतम् भाद्रपद मास में स्त्रियों द्वारा मनाया की सापेक्ष ऊँचाई। जाने वाला व्रत, निमोलिका किसी वस्तु की ओर | गण्डः [गण्ड+अच् ] 1. गाल 2. हाथी की कनपटी 3. बुलझूठ-मूठ देखना, जानबूझ कर न देखना,-पुष्पी एक बुला 4. फोड़ा, रसौली 5. जोड़, गांठ / सम-कृपः लता का नाम- गजपुष्पीमिमां फुल्लामुत्पाटप शुभ- पहाड़ की सतह, अधित्यका,-भेवः चोर--गण्डभेदलक्षणाम् ... रा० 4 / 12 / 39, --- बन्धः 1. थूड़ी जिससे दास्याः शीलं जानन्नपि अवि०२। हाथी बांधा जाता है 3. एक प्रकार की संभोग मुद्रा | गण्डकः[गण्ड+ऊषन् ] एक प्रकार की शराव / 3. जंमली हाथी को पकड़ने की प्रकिया- नाना.। / गत (वि.) [गम् + क्त] 1. गया हुआ, वीता हुआ 2. मत, For Private and Personal Use Only