________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अन्तरम् छाती--- बाह्वन्तरे मजितः श्रितकौस्तुभे, बिसिनीपत्रम् कमल का पत्ता। या--- कनक०, तरणम् भुजाओं से तैर कर नदी | बीजम् | वि+जन -1-3, उपसर्गस्य दीर्घः] 1. बीज, बीज पार करना,-निःसृतम् युद्ध की एक विधा जिसके | का दाना 2. बीजाण, तत्त्व 3. मल, सोत 4. बीर्य अनुसार शत्र के हाथ की तलवार नीचे गिरवा दी 5. कथावस्तु का बीज 6. बीजगणित 7. सचाई जाती है, प्रचालकम् ( अ०) भुजाएँ हिलाना, / 8. आशय 9. प्राथमिक जननाणु का संकलक . लोहम् घण्टी बनाने के काम आने वाला धातु, 10. विश्लेषण 11. जन्म के समय शिशु के हाथों की ---विघट्टनम्, विघट्टितम् मल्लयुद्ध की एक विशेष मद्रा। सम० अंघ्रिक: ऊँट,-अर्थ (वि०) प्रजननार्थी, मुद्रा / निर्वापणम् बीज बोना, प्ररोहिन (वि.) बीज से बाह्य (वि.) [बहिर्भवः-प्या] 1. बाहर का, बाहरी उगने वाला.-बापः बीज बोना, स्नेहः ढाक का 2. जाति बहिष्कृत 3. सार्वजनिक, ह्यः (पं०) वृक्ष / 1. विदेशी 2. बिरादरी से निष्कासित 3. प्रतिलोम | बीजाकृत (वि.) (खेत) जिसमें बोने के पश्चात् हल संबंध से उत्पन्न सन्तान / सम० अर्थः शब्द का चला दिया जाय। अतिरिक्त, फाल्तू अर्थ. -- कक्षः बाहर की ओर काबद्ध (वि.) वध वा] 1. ज्ञात 2. जागरित 3. प्रकाशित कमरा,--करणम् बाहरी ज्ञानेन्द्रिय,—प्रयत्नः ध्वनियों 4. बिक्रमित,-द्धः (0) 1. विद्वान पुरुष 2. (बद्ध के उच्चारण के समय बाह्य प्रयत्न / मतानुसार) वह व्यक्ति जिसने 'सत्य ज्ञान' जान लिया बिठकम् (नपुं०) आकाश निरु०६।३० / है तथा जो स्वयं निर्वाण प्राप्त करने से पूर्व संसार को विडालवतिक (वि.) [ब० स०] पाखण्डी, कपटी, धूर्त / / मोक्ष का मार्ग बतलाता है 3. परमात्मा / / बिन्दुः [बिन्द-+उ] 1. बंद, कण 2. गोल चिह्न 3. हाथी | बद्धिः (स्त्री०) बिध-क्तिन] 1. प्रत्यक्षीकरण, समझ के शरीर पर रंगीन निशान 4. शन्य, सिफ़र 2. प्रज्ञा, मति. मेधा 3. सूचना, जानकारी 4. विवेक 5. (ज्या० में) ऐसा चिह्न जिसकी लम्बाई, चौड़ाई 5. मन 6. मति, विश्वास, विचार 7. इरादा, प्रयोजन, कुछ भी न हो 6. पानी की एक बूंद 7. अक्षर के अभिकल्प 8. होश में आना, सुधबुध प्राप्त करना ऊपर लगा बिन्दु जो अनुस्वार का कार्य करता है 9. सांख्य के 25 पदार्थों में दूसरा 10. प्रकृति 8. पांडुलिपियों में मिटाये गये शब्द के ऊपर शून्य 11. उपाय 12. ज्योतिष की दष्टि से पाँचवाँ घर / चिह्न (जो प्रकट करता है कि यह शब्द मिटाया नहीं सभ०--अधिक (वि.) श्रेष्ठ बुद्धि से युक्त, ... च्छाया जाना चाहिए था) 9. (नाट्य० में) विशिष्ट चिह्न बद्धि की आत्मा पर प्रतिवर्त क्रिमा,-प्रागल्भी समझ जो किसी गौण घटना का आकस्मिक विकास प्रकट की स्वस्थता,-मोहः विचार महता, .. लाघवम करता है 10. (दर्शन में ) चिच्छक्ति की विशिष्ट निर्णयविषयक हलकापन, न्यायलघिमा, नासमझी, अवस्था / सम० च्यतक: एक प्रकार की शब्दक्रीडा / -वजित (वि०) निर्बुद्धि, बुद्धिहीन, वैभवम् वुद्धि -0 ९।१०४,-प्रतिष्ठामय (वि.) अनुस्वार पर की शक्ति, बुद्धि का ऐश्वर्य / आधारित,-माधवः विष्णु का रूप / बुभूषु (वि.) [भू+सन्-+ उ, धातोद्वित्वम्] 1. समृद्ध होने मिम्बः [वी-वन, नि०] 1. सूर्य या चन्द्र का मंडल का इच्छुक 2. कल्याण चाहने वाला। 2. कोई भी थाली की भाँति गोल तलीय वस्तू बुरुडः (पुं०) टोकरी बनाने वाला / 3. प्रतिमा, छाया, अक्स 4. दर्पण 5. मर्तबान 6. तुलित बुसा (स्त्री०) [बुस् + अच् +टाप्] (नाटय० में) छोटी पदार्थ (विप० प्रतिबिम्ब) 7. मूर्ति, आकृति 8. साँचा, बहन ! उभरा हुआ चित्र / बसय (वि.) (वेद०) प्रबल, बलशाली, बड़ा-बसयशब्दो विम्बिनी [बिम्ब +इन् + छोप्] आँख की पुतली। बृहच्छब्दार्थ गमयति मी० सू०१०।१।३२ पर शा० बिम्बिसार: मगध के एक राजा का नाम जो गौतमबुद्ध का भा० / समसामयिक था। बृहत् (वि.) [बह+अति] 1. बड़ा, विशाल 2 चौड़ा, बिरुदः 1. एक पदक या उपाधि जी श्रेष्ठता का द्योतक है प्रशस्त विस्तृत 3. पुष्कल 4. प्रबल, शक्तिशाली 2. स्तुतिपाद, प्रशस्ति / 5. लंबा, ऊँचा 6. पूर्ण विकसित 7. संपृक्त, सटा हुआ बिलायनम् [ष० त०] अन्तर्भामिक गुफा / 8. प्राचीनतम, सबसे पुराना 9. उज्ज्वल 10. स्पष्ट; बिसम् [बिस+क] 1. कमलतन्तु 2. कमल का तन्तुमय (पुं०) विष्ण; --ती (स्त्री०) 1. बड़ी वीणा 2. नारद काण्ड 3. कमल का पौधा। सम.---ऊर्णा कमलतन्तु की वीणा 3. छत्तीस की संख्या का प्रतीक 4. पीठ और की ऊन, गुणः कमलतन्तुओं से बनी रस्सी, प्रसूनम् | छाती के बीच का भाग 5. आशय 6. वाणी 7. सफ़ेद कमल फल, - वत्तिः कमलतन्तु से बनी बत्ती। अंडाकार बैंगन (नपुं०) 1. वेद 2. ब्रह्मा 3. नैष्ठिक For Private and Personal Use Only