________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1263 ) गुटिकास्त्रम् (नपुं०) 'Y' के आकार की एक यष्टिका | गलिकः (पुं०) 1. एक उपग्रह (शनि का पुत्र) जो केरल जिसके साथ एक डोरी बंधी होती है, इससे पक्षियों ] देश में माना जाता है 2. विष से बुझा तीर 3. दिग्गज पर पत्थर के टकड़े फेंके जाते हैं इसका नाम है --गुलिको मन्दतनये रसबद्धास्त्रदेशयोः, दिडनागे "गोफिया"। -- नाना० / सम०-काल: प्रतिदिन का वह समय जो गुटिकायन्त्रम् (नपुं०) बन्दूक, नलिका। अशुभ माना जाता है। गुगः [गुड्+अच् ] गोली, बटिका-शाङ्ग० 13 / 1 / पुलिका (स्त्री०) गोली-एकाऽपि गुलिका तत्र नलिका गुणः [गुण+अच् ] 1. किसी वस्तु की विशेषता चाहे | यन्त्रनिर्गता--शिव०।। अच्छी हो या बुरी 2. धागा, डोरी 3. शरीर के गुल्म: [ गुड़+मक, डस्य लः ] 1. युद्धशिविर 2. सैनिक(सत्त्व, रज तथा तम) धर्म। सम० कल्पना किसी तंबू / सम०-कुष्ठम् एक प्रकार का कोढ़। बाक्य का अर्थ करते समय आलङ्कारिक भावना को | गहा (वि.) [ गुह+यत् ] 1. छिपाने के योग्य 2. रहस्य, सङ्केत करना, कारः (गणित) गुणक, गुणा करने -ह्यम् (नपुं०) गुप्त स्थान---मैथुनं सततं घऱ्या वाला,--गौरी अपने उत्तम गणों से देदीप्यमान ___ गुह्ये चैव समाचरेत्-महा० 12 // 193 / 17 / सम० महिला.....अनृतगिरं गुणगौरि मा कृथा माम्--शि०, -विद्या गुप्त रूप से ... और लोगों से गुप्त रख कर ---भावः किसी अन्य बस्तु की तुलना में गौण पद --गुरुमंत्र की दीक्षा देना. अथवा अभ्यास कराना / ----परार्थता हि गणभाव:--मे० सं० 4 / 3 / 1 पर शा० गूढ (वि.) [गुह+क्त] 1. गुप्त, छिपा हुआ 2. आच्छाभा०,-बावः 1. गौण अर्थ को सूचित करने वाली दित 3. अदृश्य 4. रहस्य, - हुम् (नपुं०) एक शब्दाउक्ति 2. अन्य तर्कों का विरोध करने वाली उक्ति, लंकार / सम० अर्य (वि०) आन्तर अर्थ रखने -~-विभाग (वि.) [ब० स०] पदार्थ के अन्य पह वाला, आलेख्यम् कूटलेख,-को० अ० 1112 / लुओं में से किसी विशेषता को पृथक् करके दर्शाने गृत्समदः (0) एक वैदिक ऋषि का नाम (इसका वाला, विशेष: विशेष लक्षण, भिन्न प्रकार की पुराणों में भी उल्लेख है)। विशेषता, विशेषाः बाहरी ज्ञानेन्द्रियाँ, मन और | गृद्ध (वि.) [ ग+क्त ] इच्छुक, लालायित, उत्सुक, अहंकार गुणविशेषाः बालेन्द्रियमनोऽहङ्काराश्च - किसी वस्तु को अत्यन्त चाहने वाला-- गृद्धां वाससि -सां० का० 36, संग्रहः अच्छे गुणों का एक संभ्रान्तां महा० 1172 / 6 / त्रीकरण। गुद्धिन् (वि०) [गृद्ध - इन् ] दे० 'गृद्ध'। गुदनिर्गमः [ 10 त० ] अर्शादि रोग के कारण काँच बाहर गृद्धच (वि०) [ गृथ्-यत् ] जिसे उत्सुकता पूर्वक बहुत निकल आना। चाहा जाय, जिसके लिए प्रबल लालसा की जाय / गुप्तगृहम् (नपुं) शयनकक्ष, शयनागार / गृह, (चुरा० आ०) स्वीकार करना, प्राप्त करना, ग्रहण गुप्तधनम् (नपुं०) [ कर्म० स०] छिपा हुआ धन / करना, लेना, मिलाना, लीन करना। गुमटी (स्त्री०) अवगुण्ठनवती महिला, बुर्के वाली स्त्री।। गहम् [ग्रह+क] 1. घर, आवास, भवन 2. पत्नी गुरु (वि.) [ गृ+कु, उत्वम् ] 1. भारी (विप. लघु) 3. गृहस्थ जीवन 4. जन्मकुंडली का घर 5. (शतरंज 2. बड़ा 3. लम्बा 4. कठिन 5. आदरणीय 6. शक्ति- आदि खेल का) घर। सम० आरम्भः घर का शाली,-ह: (पुं०) 1. पिता, प्रपिता, पितामह, पूर्वज निर्माण,-ईश्वरी घर की स्वामिनी, गृहिणी,-चेतस्, 2. सम्माननीय महापुरुष 3. शिक्षक, अध्यापक -सक्त (वि.) अपने घर की याद करने वाला, 4. स्वामी 5. बृहस्पति / सम--उपदेशः 1. अध्यापक जिसका मन अपने घर की ओर ही लगा हो,-दारुः द्वारा दीक्षा 2. शिक्षकों या बड़ों द्वारा दी गई नसीहत, (नपुं०) घर में लगा खम्बा, स्तम्भ-- नरपतिबले .--कण्ठः मोर, - कुलम् 1. गुरु का वासस्थान पाश्र्वायाते स्थितं गृहदारुवत् --महा० 413, --पतिः सावास विद्यापीठ जहाँ अध्यापक और छात्र मिल कर 1. घर का स्वामी 2. गृहस्थ 3. गाँव का मुखिया रहें,-कुलवास: गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन करना, -~-मृच्छ० २,---पिण्डी भौंरा, भूगर्भ,-पोतक: भवन -गहम् 1. शिक्षक का घर 2. बृहस्पति का घर (जन्म- बनाने के लिए संकेतित स्थान,-पोषणम् गृहस्थ का पत्रिका में),---भावः महत्त्व, गुरुत्व, -ब!घ्नः नींब, निर्वाह,-मार्जनी 1. घर को झाड़ से साफ़ करने गलगल,--वर्तिता बड़ों के प्रति सम्मान भाव प्रदर्शित | बाली 2. बुहारी की मूठ,-शायिन् (पुं०) कबूतर / करना निवेद्य गुरवे राज्यं भजिष्ये गुरुवतितां-रा० ग्रहकम् [ गृह+कन् ] घर का बगीचा, बाटिका / .20115 / 19, ... श्रुतिः गायत्रीमंत्र-जपमानो गुरु- गद्य (वि०) [गृह+क्यप् ] 1. घरेलू 2. पालतू 3. प्रसं श्रुतिम् .. महा० १३१३६६,-स्वम् शिक्षक का धन, लक्ष्य, प्रत्यक्षशेय-श्वेता० 1111, गद्यम् (नपुं०) संपत्ति। घरेल काम, गृहस्थ का यज्ञीय अनुष्ठान / सम. 159 - For Private and Personal Use Only