________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1283 ) नदीमार्गः [ष० त०] नदी का जलमार्ग / / नर्मय (ना० धा०) रिझाना, दिल बहलाना / नदीमुखम् [ष० त०] नदी का महाना, जहाँ से नदी | नौयितम् [ नर्मय+क्त ] खेल, क्रीडा। निकलती है, नदी का उद्गम-स्थान / नल: (पुं०) [नल-अच् ] 1. संवत्सर 2. लम्बाई की ननान्दृपतिः [ष० त०] ननदोई, पति की बहन का पति। माप जो चार हाथ के बराबर होती है। सम०-सूला नन्दकः [नन्द +पवुल] एक रत्न का नाम कौ० एक प्रकार का जलीय जन्त, पाकः राजा नल द्वारा अ० 2 / 11 / तैयार किया गया स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ / नन्दन (वि.) [नन्द् + ल्युट ] आनन्द देने वाला, प्रसन्न नलिका (स्त्री०) नली। करने वाला, ... नः (पु.) 1. पुत्र 2. मेंढक,---ना नलिनी (स्त्री०) [नल-णिनि-डीप] 1. कमल का पौधा (स्त्री) पुत्री, -नम् इन्द्र का नन्दन बन / सम० 2. कमलों से सुवासित सरोवर 3. धुंध 4. नथना 5. इन्द्र जम् पीली चन्दन की लकड़ी,-द्रुमः नन्दन वन का पुरी,(शक्रपुरी)। सम०-वलम्,-पत्रम् कमल का पत्ता / पृक्ष, पारिजातवृक्ष, कल्पवृक्ष, वनम् दिव्य वाटिका, | नवद्वीपः (पुं०) एक टापू का नाम / यह गङ्गा और इन्द्र का उपवन / जलङ्गी के संगम पर बंगाल में एक स्थान है जिसे नन्दिः (पुं०, स्त्री०) [नन्द-|-इन् ] हर्ष, प्रसन्नता, खुशी, आजकल 'नदिया' कहते हैं।। --दिः (पु.) 1. विष्णु 2. शिव 3. शिव का गण | नवश्राद्धम (नपुं०) मत्य के पश्चात विषम दिनों में अन4. (नाटक में) नान्दी का पाठ करने वाला। सम० ष्ठित श्राद्ध / -- देवी हिमालय की एक चोटी,-नागरी एक लिपि नवीभावः [ नव+च्चि-+-भू+घञ ] नया होना। (लिखावट) का नाम,- पुराणम् एक उपपुराण, | नवन् (सं० वि०) [नु+कनिन्, बा० गुणः] (ब० व०) -वर्धनः मित्र / नौ, नौ की संख्या / सम-कपालः नौ कपाल जैसे नन्विसुतः [ नन्दिन+सतः, नलीपः ] व्याडि मुनि / ठीकरों में पकाए हुए पिण्ड का उपहार, - ग्व (वि०) नन्दी (स्त्री०) [ नन्दि +डीप ] दुर्गा देवी। नौगुणा, नौ तह का,-चण्डिका (स्त्री०) दुर्गादेवी के नभिः [नभ् +इन् ] पहिया। नौ रूप (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघण्टा, कूष्मांडा, नमोरूप (वि०) [नह ---असून भश्चान्तादेश:-ब० स०] स्कन्दमाता, कात्यायनी, महागौरी, कालरात्रि और अन्धकारयुक्त, काला। सिद्धिदा),--धातुः (पुं०) नौ धातु (हेमतारारनानभोवीथी [ नभस्+वीथी] सूर्य का मार्ग, हवाई मार्ग। गाश्च ताम्ररङ्गे च तीक्ष्णकम् / कांस्यकं कान्तलोहं च नमश्चमसः (पुं०) [ नमस्+चमसः ] 1. एक प्रकार का धातवो नव कीर्तिताः), --पञ्चमम विवाह के विषय यज्ञपाक 2. चन्द्रमा / में जन्मकुण्डली में एक अमंगल योग जब कि दुल्हन नम्रनासिक (वि.) [ब० स०] चपटी और मोटी नाक की जन्मराशि दूल्हे की जन्मराशि से पांचवें या वाला। नवें हों। नयनम् [नी+ ल्युट् ] 1. नेतृत्व करना 2. निकट ले नष्ट (वि०) [नश्+क्त ] 1. खोया हुआ, अन्तहित, जाना 3. आँख / सम० - अञ्चल: 1. आँख का कोना ओझल 2. मृत, ध्वस्त 3. विकृत, बिगड़ा हुआ 2. कटाक्ष, कनखी, -चरितम् 1. कटाक्ष, कनखी 4. वञ्चित 5. भ्रष्ट,-ष्टम् (नपुं०) 1. नाश 2. अन्त2. दृकपात, दृष्टिपात, - जम् आँसू, बुबुदम् आँख र्धान / सम० ...चन्द्रः भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि का गोलक। जब कि चन्द्रमा का देखना निषिद्ध है, - दृष्टि (वि.) नरः [ न+अच ] 1. मनुष्य 2. व्यक्ति / सम-चिह्नम् अन्धा,-.धी (वि.) भूल जाने वाला, ध्यान न देने मूंछ,- देवः राजा। वाला, बीज (वि.) नपुंसक, पुंस्त्वहीन, - रूप नरकचतुर्दशी दीपावली का दिन / (वि.) अदृश्य / नरकवासः (पुं०) नरक में रहना / नशाक; (पुं०) एक प्रकार का कौवा। नराचः (पुं०) एक छन्द का नाम / नाकः [न कम् अकं दुःखम, तन्नास्ति यत्र 1 1. स्वर्ग नर्दटकः (0) एक छन्द का नाम / 2. अन्तरिक्ष 3. सूर्य। सम... नदी स्वर्गीय नदी, नर्मस्फोट: [ नर्मन+-स्फोट:, नलोपः ] 1. प्रेम के आदि- स्वगंगा, नारी, अप्सरा,---लोकः स्वर्गलोक, दिव्यचिह्न 2. मुहासा। लोक / नर्मालापः [ नर्मन+आलापः, नलोपः] प्रेम वार्ता, आमोद-नाकुः (0) वाल्मीकि म नि / / प्रमोद की बातचीत / | नागः [न गच्छति इति अगः, न अग इति नागः 11. सांप मोक्तिः (स्त्री०) [नर्मन्+उक्तिः, नलोपः] हास्यपरक 2. हाथी 3. बादल 4. बिगुल,म् 1. टीन 2. जस्ता अभिव्यक्ति। 3. रांगा 4. एक प्रकार का रतिवन्ध / सम -आस्ट For Private and Personal Use Only