________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1303 ) प्रयोक्त (पुं०) [प्र-+-युज् +-तृच ] प्रापक, समाहर्ता / / प्रवेशः [प्र-+-विश्-4-घञ] 1. रीति, विन्यास 2. रोजगार प्रयोगः [प्र+युज---धा] 1. उपयोग में लाना, इस्ते- जैसा कि (मुसलप्रवेशः) में। माल करना, काम 2. यथावत् रूप, सामान्य उपयोग प्रविषयः (पुं०) क्षेत्र, परास, पहुँच / 3. फेंकना, फेंक कर मार करना, (विप० संहार) प्रवृत्त (वि.) [प्र.+व+क्त] 1. बहने वाला-प्रवृत्तमुदकं 4. प्रदर्शन, अनुष्ठान 5. अभ्यास, परीक्षणात्मक उप- वायु - महा० 14 / 46 / 12 2. आघात करने वाला, योग 6. प्रक्रिया क्रम 7. कार्य 8. सस्वर पाठ 9. आरम्भ चोट पहुँचाने वाला 3. परिचारित, घुमाया हुआ। 10. योजना, तरकीब 11. साधन, उपाय। सम० सम०-चक्रता (स्त्री०) प्रभुसत्ता-याज्ञ० 11266 / --ग्रहणम् व्यावहारिक शिक्षण प्राप्त करना, चतुर | प्रवृत्तिः प्र+वृत्+क्तिन्] 1. गुणक (गणित०) 2. उदय, (वि.), निपुण (वि.) व्यवहार में प्रयुक्त करने उद्गम 3. प्रकट होना 4. आरम्भ 5. आचरण में दक्ष, स्वयं अभ्यास करने में होशियार,---शास्त्रम् 6. काम, रोजगार 7. प्रयोग 8. सार्थकता, अर्थ कल्पसूत्र, विद् (वि०) जो किसी वस्तु के व्यवहार 9. समाचार 10. भाग्य, किस्मत 11. प्रत्यक्ष ज्ञान / को जानता है। सम०-पुरुषः समाचारों का अभिकर्ता.. लेख: प्रलम्बबाहु / (वि.) [ब० स०] जिसकी भुजाएँ / अध्यादेश, विज्ञानम् बाहरी संसार का ज्ञान / प्रलम्बभुज / लम्बी है। प्रव्याहरणम् [प्र+वि+आ+ह-+ ल्युट] वाकशक्ति / प्रलयः[प्र+ली+अच ] 1. आध्यात्मिक लय 2. मूर्छा, प्रवज्यायोगः [ष० त०] ज्योतिष का एक योग जो संन्यास बेहोशी। लेने का निर्देश करता है। प्रलापिता [प्रलाप -- इनि +-तल्+टाप् ] प्रेम संबंधी प्रशंस् (भ्वा० आ०) भविष्यवाणी करना। बातचीत / प्रशंसालापः [ष० त०] अभिनन्दन, जयघोष / प्रलुप्त (वि.) [प्र+लुप्+क्त ] लूटा हुआ / प्रशस्तिः [प्रशंस+क्तिन] प्रचार, विज्ञापन / प्रलुब्ध (वि.) [प्र+लुभ् +क्त ] 1. ठग, वञ्चक प्रशमनम् [प्र.+शम् + ल्युट्] शान्ति की स्थापना (किसी 2. लोभ में फंसाया हुआ। राजनीतिक संकट के पश्चात्)। प्रलोपः [प्र+लप्+घा] नाश, संहार / प्रशन (वि.) [प्र+शू+क्त, तस्य नत्वम्] सूजा हुआ। प्रवणम् [घु-+ल्युट] पहुँच, पैठ / प्रश्नः [प्रच्छ+नङ्] 1. सवाल, पृच्छा, पूछताछ 2. न्यायिक प्रवणायितम् [प्रवण+क्यच्+वत] इच्छा, झुकाव / पूछताछ 3. विवादास्पद बिन्दु 4. समस्या 5. किसी प्रवावः [ प्र-विद्+घा ] झूठा आरोप शिश पुस्तक का छोटा अध्याय। सम०--कथा पूछताछ पर समाप्त होने वाली कहानी,-वाविन ज्योतिषी, प्रवर (वि.) [प्र+व+ अप्] 1. मुख्य, प्रधान, श्रेष्ठ, आगे होने वाली बात बताने वाला, --- विचारः उत्तम 2. सबसे बड़ा, ... रः(०) 1. बुलावा 2. अग्नि- भविष्यकथन विषयक ज्योतिष की एक शाखा। होत्र के अवसर पर ब्राह्मण द्वारा अग्नि का विशेष प्रसक्त (वि००) [प्र+सञ्ज+यत] अत्यन्त आसक्त, किसी आवाहन 3. पूर्वज 4. कुल, बंश 5. गोत्र प्रवर्तक बात से चिपका हुआ। ऋषि 6. सन्तति 7. चादर,--रा (स्त्री०) गोदावरी प्रसङ्गः [प्र+सङ्ग्+घ ] 1. बढ़ाया हुआ प्रयोग में गिरने वाली एक नदी,-रम् (नपुं०) अगर की -- अन्यत्र कृतस्यान्यत्रासक्ति: प्रसङ्गः मी० सू० लकड़ी, चंदन / सम०-धातुः मूल्यवान् घातु, 12 / 111 पर शा० भा० 2. गौण घटना या कथा- ललितम् एक छन्द का नाम / वस्तु। सम०-समः तर्कसंगत हेत्वाभास जहाँ स्वयं प्रवासपर (वि०) परदेश में रहने का व्यसनी। 'प्रमाण' भी सिद्ध किया जाता है। प्रवास्य (वि.) [प्र+वस---णिच+ ण्यत ] निर्वासित | प्रसञ्जित (वि.)[प्र+सञ्ज-+ णिच्+क्त] सत्ताप्राप्त, किये जाने के योग्य / ___ अस्तित्व में आया हुआ-प्रसह्य वर्षासु ऋतौ प्रसप्रवातशयनम (न) ऐसे स्थान पर सोना जहाँ खिडकी | जिते-ने० 9496 / / ___या वातायनों के द्वारा हवा खूब आती जाती हो। प्रसादः [प्र--सद्+घञ] भोजन पचने के पश्चात् उसका प्रविचारः [प्र+वि+च+घा] विवेक, प्रभाग, जाति, / पोषक रस / प्रकार। प्रसेदिवस् (वि.)[प्र+सद्+वस्] जो प्रसन्न हो चुका है। प्रविचारित (वि.) [प्रविचार-+-इतच्| परीक्षित, साव- प्रसन्दानम् [प्र+सम् +दो+ल्युट] रज्ज, रस्सी, बेड़ी। धानतापूर्वक विचार किया गया। प्रसह्य (अ०) [प्र-+-सह.+ल्यप] 1. जीत कर 2. अवश्य प्रविरत (वि०) [प्र---वि-रम्+क्त] जो किसी बात ही, निश्चित रूप से। सम० - कारिन् (वि.) से पराङ्मुख हो गया हो, दूर रहने वाला। भीषण कार्य करने वाला प्रबल वेग से क्रियाशील / 164 For Private and Personal Use Only