________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मोविका (स्त्री०) [ जीव+अकन्, अत इत्वम् ] जिन्दगी | ८३।१२,-पूर्व (वि०) खूब सोचा हुआ, पहले से .. कृपणा वर्तयिष्यामि कथं कृपणजीविका - रा०२।। पूरी जानकारी प्राप्त किए हुए, पूर (वि.) ज्ञान 2047 / या जानकारी में बड़ा-बूढ़ा। अकुटम् (नपुं०) सफ़ेद बैगन का पौधा। जानिन (वि.) [शान+इनि ] बुद्धिमान्, समझदार, जुगप्सितम् [गप+सन्+क्त ] घणित कार्य, अरुचिकर / ---(पुं०) बुध ग्रह- ज्ञानी सर्वज्ञसौम्ययो:-- नाना। कृत्य-कर्मजुगुप्सितेन ... भाग 11742 / ज्मन् (20) पृथ्वी पर, धरती पर (केवल अधि० में अर्य (वेद०) (वि०) [ +य]पुरामा --ऋक 6 / 17 / प्रयोग) - अभिऋत्वेन्द्र भूरधज्मन्-ऋक्० 72116 / जोषवाकः (0) निरर्थक बात करना-जोषवाकं बदत: ज्या ज्या+अ+टापु ] 1. एक प्रकार की लकड़ी की ~ऋक्० 659 / 4 / सोटी 2. सेना का पृष्ठभाग-ज्या भूमिमौयों: अतिः (स्त्री०)[जु+क्तिन् ] मन का संकेन्द्रीकरण-ऐत. शम्यायां वाहिन्याः पृष्ठभागके नाना। उ० 5 / 2 / ज्येष्ठः [वृद्ध (प्रशस्य)-इष्ठन, ज्यादेश: 1 1. सबसे जैमिनिः (0) एक प्रसिद्ध मुनि जो दर्शन शास्त्र की बड़ा 2. सर्वोत्तम 3. उच्चतम,--(पुं०) एक चांद्र पूर्वमीमांसा के प्रवर्तक थे। सम०-भागवतम् भाग- मास का नाम / सम.--- राज् (पुं०) प्रभुसत्ता बत का आधुनिक संस्करण, -भारतम् महाभारत , संपन्न राजा-ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पति--ऋक. का आधुनिक संस्करण,-शाला मामवेद की एक श२३॥१, सामन् एक विशेष साम / शाखा,-सूत्रम् एक ग्रन्थ का नाम / ज्येष्ठा (स्त्री०) 1. लक्ष्मी देवी की बड़ी बहन वारुणी जैमिनीय (वि.) जैमिनि+छ] जैमिनी द्वारा रमित, 2. एक देवी का नाम / या उनसे संबद्ध। ज्योक (अ.) (वेद०) चिरकाल तक, दीर्घ समय तक यटः (पुं०) कयट के पिता का नाम / -ज्योक् च सूर्य दृशे - ऋक्० 1123321 / जोमसला (स्त्री०) जी। | ज्योग्जीवनम् (नपुं०) दीर्घकाल तक जीना, लम्बी आयु बोषम् (अ०) [जुष्+घन ] चुपचाप, जैसा कि ('जोप- होना। मास्व'-चुप रहो) में / / ज्योतिस् (नपुं०) [बुत् इसुन, आदेर्दस्य ज: ] 1. प्रकाश, जोष्य (वि) [जुष्+ण्यत् ] प्रिय, स्नेहाहं / .. कान्ति, आभा, चमक 2. बिजली 3. गाय --मी० सू० अंमन्य (वि०) अपने आप को बद्धिमान् समझने वाला।। 103 / 41 पर शा. भा०।। माताम्बयः (0) प्रसिद्ध कुल में उत्पन्न होने वाला पुत्र। ज्वरः [ ज्वर-+2 ] 1. ताप, बुखार 2. मानसिक ताप / जातिलम् (नपुं०) नीच कुल में उत्पन्न व्यक्ति ..विभिन्न- सम०-- अन्तकः शिव का विशेष रूप,-अरिः ज्वर कर्माशयवाक् कुले नो मा शातिचेलं भुवि कस्यचित् / / नाशक औषधि, ·हर (वि.) ज्वरप्रशामक, ज्वर भूत-भट्टि. 12178 / / नाशक मातिप्रायः (पुं०) संबन्धियों के लिए आहार, जातिभोजन | ज्वलनाश्मन् (पुं०) मूर्यकान्त मणि / --प्रक्षाल्य हस्तावाचम्य ज्ञातिप्राय प्रकल्पयेत् -- मनु० ज्वाला [ज्वल++टाप] 1. आग की लपट, अग्नि३।२६४ / गिखा 2. दग्धान्न। सम०--मालिन् (पुं०) शिव नामम् [ज्ञाल्यट] जानकारी का साधन-मै० सं० / देवता, मालिनी (स्त्री०) दुर्गा का एक रूप 1115 2. सम्मति.... वलदेवस्थ वाक्यं तु मम ज्ञानेन -ज्वालामालिनिकाक्षिप्तवत्रिपाकारमध्यगा-ललिता, युज्यते-महा० 5.13 / मग. अग्निः ज्ञान की - मुखी (स्त्री०) दुर्गा का एक विशेष रूप-- आग मानाग्निः गर्वकर्माणि भामसात्कृरतेऽर्जन ज्वालामुखी नखज्वाला अभेद्या मवंसन्धिपु--- -भग० 4 / 37.-- घनः (पुं०) शुद्ध ज्ञान, केवलज्ञान वाराह पुराण में देवोकवच, रासभकामयः . निविशेषाय साम्याय नमा जानधनाय न भाग० मम्मानित: (पु.) ओलों की बौछार, आँधी के साथ / खाने वाला,-साल: एक प्रकार की संगीत की ताल, ओलों का पड़ना। गायन की माप, अत्यम् एक प्रकार का नाच। सम्पः, अम्पा [प्रम् +4. स्त्रियां टाप] 1. उछल-कदमलमल: (मलमल:) (पं.) (लाभूषणों की ) चौंधि 2. मारपी। . अशिन (10) मस्याउ, मछली याने वाली चमक / For Private and Personal Use Only