________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1249 ) कटटारिका (स्त्री०) कसाई की छरी।। प्रकार की ककड़ी 2. एक सुन्दर महिला, -- गर्भः कठः [ कठ+अच् ] एक ऋषि का नाम जो वैशम्पायन केले का गूदा। के शिष्य थे। सम० -उपनिषद् एक उपनिषद् का कनकम् [ कन+वुन् ] सोना, -कः (पं० ) 1. पलाश नाम, ----कालापाः कठ और कालाप की शाखाएँ वृक्ष 2. धतूरे का पौधा / सम० .- कदली एक प्रकार -~-पा० 2 / 4 / 3 पर महाभाष्य-ये च मे कठकालापा का केला जिस के पत्ते भरे होते हैं -क्रीडाशैल: कनक--रा० 2 / 32 / 18, -धूर्तः यजुर्वेद की कठ शाखा कदलीवेष्टनप्रेक्षणीयः - मेघ० ७९,-कारः सुनार, में प्रवीण ब्राह्मण / -पट्टम् कपड़ा जिस पर सोने या जरी का काम हुआ कठिनम् [ कठ इनन् ] 1. कुदाल-प्लवे कठिनकाजं च हो-पीतं कनकपट्टाभं स्रस्तं तद्वसनं शुभम् - रा० -रा० 2 / 55 / 17 2. मिट्टी का बर्तन --महा० 5 / 15 / 45, -पर्वतः मेरु पहाड़ / 3 / 29741, 3. कंधे पर जमाया हुआ फीता या बाँस कनपः [ कनो दीप्तिर्गतिः शोभा वा पाति सः ] एक प्रकार जिससे बोझा ढोया जाय-पा० 4 / 4 / 72 / __का अस्त्र .. महा० 3 / 20134 / कठिकल्लः (पुं०) एक प्रकार का सेव / कनिष्कः एक राजा जो पहली शताब्दी में हुआ। कठुर (वि.) [ कठ-उरच ] कठोर, क्रूर / कनिष्ठा [ अतिशयेन युवा–युवन्+इष्ठन् कनादेशः ] कठोरित (वि०) [ कठोर+इतच् ] कड़ा किया गया, / छोटी पत्नी। सवल बनाया गया। कनीनिकम् [ कनीन+कन्, इत्वम् ] कुछ साममन्त्रों का कडुली (स्त्री०) एक प्रकार का ढोल / समूह। कडेरः एक देश का नाम / कनीयस् (पुं०) [ युवन् + ईयसुन्, कनादेश: ] छोटा भाई कणः [ कण +अच् ] मगरमच्छ / -कलत्रवानहं बाले कनीयांसं भजस्व में रघु० 12 कणवीरकः (पुं०) एक प्रकार का संखिया / 2. कामोन्मत्त, प्रेमी। कण्टकः [ कण्ट् + वुल ] मन दुखाने वाला भाषण / कन्तुः [कम्+तु] प्रेमी। कण्टकिलः [ कण्टक + इलच् ] बाँस / कन्दरालः [ कन्दर+आलच ] अखरोट का वृक्ष / कष्टाफलः [ कण्टा-फल्+अच् ] सेमल का फल, सेमल कन्दर्पः [ के कुत्सितो दो यस्मात् -ब० स०] काम देव। का पेड़। सम०-वर्पः कामदेव की शक्ति,-वह्निः कामातुरता कण्ठः [ कण्ठ-+-अच् ] गला, कण्ठ। सम० --त्रः हार, के कारण होने वाली गर्मी। शुल्ककेयूरकण्ठत्रा: महा०५।१४३।३९,-नालम्क न्वाश:/ब० स०] जो कन्द अर्थात् जड़ें खाकर जीवित कण्ठ की नाली, ग्रीवाप्रदेश, ---माला, एक रोग का रहता है। नाम जो प्रायः गले में होता है, ----रोधम् आवाज़ कन्दुकधातः[ष० त०] गेंद को उछालना-आरामसीमनि को कम करना। __ च कन्दुकघातलीलालीलायमाननयनाम्-नारा० / कण्ठला (स्त्री०) बेत से निर्मित एक टोकरी। |कन्यका [ कन्या+कन्, ह्रस्वता] दुर्गा। कण्डिल (वि.) [ कण्ड+इलच ] 1. पीए हए, शराबी, कन्यका परमेश्वरी कन्या कुमारी की अधिष्ठात्री देवता / 2. चंचल, उच्छजल कण्डिललड्डका मे प्रतिष्ठाः कन्यस (वि.) 1. छोटा 2. निम्नतर, नीचे का। . प्रतिज्ञा० 3 / कन्यसः (पुं०) सबसे छोटा भाई, सा (स्त्री०) सबसे कण्वोपनिषद् (स्त्री०) एक उपनिषद् का नाम / छोटी अँगुली,-सी सबसे छोटी बहन / कत्ताशब्दः (40) पासे फेंकने का शब्द - अरे कत्ताशब्दो कन्या [ कन्+या+टाप् ] 1. अविवाहित लड़की या निर्माणकस्य हरति हृदयं - मच्छ० 2 / 5 / पुत्री 2. कुमारी 3. दुर्गा / सम०-दूषकः जो कुमारी कथ (चुरा० उभ.) स्तुतिगान करना। कन्या से हठसंभोग या जबरजिनाह करता है, कयकटीका (स्त्री०) रामायण पर टीका। -भैश्यम् लड़की को उपहार के रूप में मांगना, कयन्ता [ कथम् +तल ] अवर्णनीय बेचैनी / -प्रतस्था मासिकधर्म वाली स्त्री-मयि कन्याव्रतस्थायां कयामात्र (वि.) जो केवल कथा में ही रह गया हो, -कथा। मृत। कपाटबन्धनम् [10 त०] दरवाजा बन्द करना / कवम्बः [ कद्+अम्बच् ] 1. चूल 2. सुगन्धि-कदम्ब: कपाटिका (स्त्री०) दरवाजा। - पुंसि वीपे स्यात्तिनिशे वरुणद्रुमे / धूल्यां समूहे गन्धे कपालमोक्षः [ष० त०] निर्वाण होने पर संन्यासी की च -- नाना० / सम० -युटम् एक प्रकार शृंगाररस कपालक्रिया जो उसके उन्नत जीवन का सूचक है। का नाटक-वात्स्या। कपिमुष्टि: (सी०) बन्दर की बंधी मुट्ठी, या तना हुआ कबली [कदल+होष ] केला / सम० ---मता 1. एका धूसा, (मालं.) दृढ रुख / For Private and Personal Use Only