________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1252 ) कास्यम् [कंस+छ (ईय)+या छलोपः] कांसी का बना / लेकर क्ष् की समाप्ति तक जो अक्षर आयं) कादि हुआ, पीतल का बना जल पीने का जलपात्र, गिलास / क्षान्तसमस्तवर्णजननी अन्न। सम-उपदोह (वि.) बर्तन भर कर दूध देने वाला | कानिष्ठपम [ कनिष्ठ+व्या ] सबसे छोटा होने की -दोह (वि०),-दोहन (वि.) दे० 'कांस्योपदोह' | स्थिति। --नीलम,-नीली तुत्यांजन, कासीस / / कान्तनावकम् (नपुं०) चमड़े का एक भेद को० अ० काक: [के+कन्] 1. कौवा 2. पानी में केवल सिर डुबोकर 2 / 11 / नहाना / सम० .. अवनी गुजा का पौधा, - उडम्बरः | कान्तिः [कम् +क्तिन् ] लक्ष्मी-ददौ कान्तिः शुभां उदुम्बरिका अंजीर का पेड़, गुलर, ... जम्युः गुलाब- स्रजम्-भाग०१०।६५।२९। जामुन का पेड़,--तुण्डम् विशेष रूप से बनाई हुई बाण | कान्दिश् (वि.) [ काम दिशम् 1 भगाया गया, (युद्धाकी नोक,-तिक्ता, तुशिका,--नासा,-नासिका दिमें डर कर) भागने वाला, दौड़ने वाला। वृक्षों के विभिन्न प्रकार,---चर्या (स्त्री०) जो कुछ कापुरुषः [कुत्सितः पुरुषः कोः कदादेशः ] नीच व्यक्ति, उपलब्ध हो उसी को पीकर रहने को कौवे की आदत कायर, ओछा आदमी। का अनुसरण करना और केवल निरी आवश्यकता | कापेयम् [कपेर्भावः कर्म वा-- कपि+हक ] बन्दर का पूरी करना एवं गोमृगकाकचर्यया वजन्-भाग. व्यवहार या आदत / 5 / 5 / 34, - मैथुनम् कौओं की रति क्रिया जिसको काबन्ध्यम [ कबन्ध+व्या ] बिना सिर के धड़ का देखने पर प्रायश्चित्त करना पड़ता है,-स्नानम कौवे _होना। की भांति स्नान करना, - स्पर्शः 1. कौवे को छूना कामः [ कम्+घञ ] 1. इच्छा, चाह 2. स्नेह, प्रेम जिससे कि फिर स्नान करना पड़ता है 2. मृत्यु के 3. जीवन का एक उद्देश्य (पुरुषार्थ)। सम० पश्चात् दसवाँ दिन जब चावल का पिण्ड कौवों को -आश्रमः वह आश्रम जहाँ कामदेव ने तपस्या की दिया जाता है। थी,-ईश्वरी कामाक्षी जिसने शिव में कामोत्तेजना काकिणिक (वि.) [काकिणी+ठक] कौड़ी के मूल्य का जगाने के लिए कामदेव का रूप धारण किया, निकम्मा, अनुपयोगी। कारः कार्य करने की स्वतंत्रता, अपनी इच्छा के काक्षीयः (पुं०) एक वृक्ष का नाम, शोभाजन, सौहंजणा। अनुसार काम करना-नात्मनः कामकारो ऽस्ति काचः [कच्+घन कुत्वाभावः] वह मकान जिसमें दक्षिण पुरुषोऽयमनीश्वर:-रा०२।१०१।१८,-कोटिः (स्त्री०) और उत्तर की ओर कमरे बने हों --ब० सं०५३।४०। 1. इच्छाओं की चरम सीमा 2. अभिलाषाओं की सम-कामलम् आँख का एक रोग, काच बिन्दू। पराकाष्ठा 3. दक्षिण में काञ्चीपुरी में शङ्कराकाधिमा (पु.) एक पवित्र वृक्ष (जो मन्दिर के पास चार्य द्वारा स्थापित आध्यात्मिक संस्था,-तन्त्रम् उगा हो)। एक रचना, कृति, दहनम् फाल्गुन मास में मनाया काल्पः [कच्छप+अण कछवे से सम्बन्ध रखने वाला / जाने वाला एक पर्व जिसमें शिव के द्वारा काम को काण्टिक (वि०) सुगंधपूर्ण द्रव्यों का निर्माता। फुसला कर भस्म कर दिया जाता है,---वानम काजम् (नपुं०) लकड़ी की मोगरी। 1. इच्छित पदार्थ का उपहार 2. वेश्याओं द्वारा काञ्चीगुणः [ष० त०] 1, तगड़ी की डोर 2. काञ्ची मनाया जाने वाला एक पर्व,-धर्मः श्रु गारसिक्त चेष्टा नामक नगरी की समृद्धि-काञ्चीगुणाकर्षितसार्थलोका या व्यवहार,-भाक विषय भोगों में भाग लेने वाला दिग्दक्षिणा कर्कशयलभोग्या-जानकी० 1116 / -कामानां त्वा कामभाजं करोमि कठः 1-24 / काठक (वि.) [कठ+ वुश्] कृष्ण यजुर्वेद की कठ संहिता कामठकः [ कमठ+अण्, स्वार्थेकन् ] 1. धृतराष्ट्र का से संबंध रखने वाला। नाम 2. एक सांप का नाम जो 'सर्पसत्र' में भस्म हो कामपुष्पम् (नपुं०) 'कुन्द' फूल / गया था। कायमायनः (पुं०) एक वैयाकरण का नाम / कामन्दकिः (पुं०) कामन्दकीय नीति का प्रणेता / कामानुसमयः (पुं०) पहले एक वस्तु, व्यक्ति या देवता | कामला [ कम्+णिड+कलच्+टाप् ] केले का पौधा। से सम्बद्ध समस्त प्रक्रिया पूरा करना, फिर दूसरे से | कामिकागमः (पुं०) आगम शास्त्र का एक अन्य। संबद्ध, फिर तीसरे से, इसी प्रकार चलते रहना। कामिनी (स्त्री०) [काम+इनि+की ] मादक शराब। . पान्डेरी (स्त्री०) हल्दी का पौधा, मजिष्ठा का पौधा। |कामील: (पुं०) एक प्रकार का सुपारी का वृक्ष / बाबायनसूत्रम् (नपुं०) कात्यायन का श्रौतसूत्र / काम्बलिकः [कम्बल+ठक] दलिया, जों की लपसी। कादम्बरी बाण प्रणीत एक मब काव्य (उपन्यास)। काम्बोजा [कम्बोज+अण्] 1. शंख 2. पुन्नाग नामक कारिताला [क आदि -अन्त ] व्यन्जन (क से .J For Private and Personal Use Only