________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1062 ) उत्तम यादव, कृत कार पूर्वक स्व. पूजित, (नपुं०) 1. गुणयुक्त. या पुण्यकार्य 2. सद्गण, मानता, अस्तित्व 2. वस्तुस्थिति, वास्तविकता पावनता 3. आतिथ्य, काण्डः बाज, चील, कारः 3. सवृत्ति, अच्छा स्वभाव, सौजन्य 4. भद्रता, 1. कृपा तथा आतिथ्यपूर्ण व्यवहार, सत्कारयुक्त | साधुता,-मातुरः (सन्मातुरः) धर्मपरायण माता का स्वागत 2. सम्मान, आदर 3. देखभाल, ध्यान पुत्र,--मात्रः (सन्मात्रः: जिसका केवल अस्तित्व माना 4. भोजन 5. पर्व, धार्मिक त्योहार, कुलम् सत्कुल, जाय, जीव, आत्मा, मानः (सन्मानः) भद्रपुरुषों का उत्तम कुल, कुलीन (वि०) उत्तम कूल में उत्पन्न, सम्मान, मित्रम् (सन्मित्रम्) विश्वासपात्र मित्र, उच्चकुलोद्भव, कृत (वि०) 1. भलीभांति या उचित युवतिः (स्त्री०) सती साध्वी स्त्री, वंश (वि.) ढंग से किया गया 2. सत्कार पूर्वक स्वागत किया अच्छे कुल का, कुलीन,-- वचस् (नपुं०) रुचिकर गया 3. पूज्य, प्रतिष्ठित, सम्मानित 4. पूजित, तथा सुखद भाषण,--वस्तु (नपुं०) 1. अच्छी वस्तु अलंकृत 5. स्वागत किया गया, (तः) शिव का 2. अच्छी कथावस्तु-विक्रम. १०२,-विद्य विशेषण, (तम्) 1. आतिथ्य 2, सद्गुण, शुचिता (वि०) सुशिक्षित, बहुश्रुत,-- वृत्त (वि.) 1. अच्छे ---कृति, (स्त्री०) 1. सादर व्यवहार, आतिथ्य, व्यवहार का, सदाचारी, पुण्याचरण करने वाला, आतिथ्यपूर्ण स्वागत 2. सद्गुण, सदाचार,-क्रिया खरा 2. विल्कुल गोल, वर्तुलाकार सद्वत्तः स्तन1. सद्गुण, भलाई शकुन्तला मूर्तिमती च सत्क्रिया- मण्डलस्तव कथं प्राणर्मम क्रीडति-गीत०३, (यहाँ श० 5 / 15 2. धर्मार्थता, सत्कर्म, पुण्यकार्य दोनों अर्थ अभिप्रेत है, (त्तम्) 1. सदाचार, पुण्याचरण 3. आतिथ्य, आतिथ्यपूर्ण स्वागत 4. शिष्टाचार, 2. अच्छा स्वभाव, रोचक प्रकृति,-संसर्गः, सन्निअभिवादन 5. शुद्धिसंस्कार 6. अन्येष्टि संस्कार, धानम्, सङ्गः,-सङ्गतिः, समागमः, भले मनुष्यों औलदहिक क्रिया, .. गतिः (स्त्री०) (सदगतिः) का समाज या मण्डली, भले मनुष्यों का समाज या उत्तम स्थिति, आनन्द, स्वर्गसुख, गुण (वि०) अच्छे मण्डली, भले मनुष्यों की संगति-तथा सत्संनिधानेन गणों से युक्त, पुण्यात्मा, (णः) पूण्यकार्य, उत्तमता, मों याति प्रवीणताम् हि० 1- संप्रयोगः सही भलाई, नकी-चरित,-चरित्र (वि०) (सच्चरित प्रयोग,-सहाय (वि०) अच्छे मित्र जिसके सहायक -अ) सदाचारी, ईमानदार पुण्यात्मा, धर्मात्मा - सूनुः है, (यः) अच्छा साथी,सार (वि.) अच्छे रस सच्चरित:-भर्तृ० 2 / 25, (नपुं०) 1. सदाचार, वाला (रः) 1. एक प्रकार का वृक्ष 2. कवि पुण्याचरण 2. भद्रपुरुषों का इतिहास-श०१, चारा 3. चित्रकार,--हेतुः (सद्धेतः) निर्दोष अथवा वैध (सच्चारा) हल्दी,--चिद् (नपुं०) (सच्चिद्) पर कारण। मात्मा, अंशः सत् और चित् का भाग, आत्मन् सतत (वि.) [सम्+तन्-:-क्त, समः अन्त्यलोपः] निरंतर (पुं०) सत् और चित् से युक्त आत्मा आनन्दः नित्य, सदा रहने वाला, शाश्वत,-तम् (अव्य०) 'सत् या अस्तित्व, ज्ञान और हर्ष' परमात्मा का लगातार, अविच्छिन्न रूप से, नित्य, सदा, हमेशा विशेषण,---जनः (सज्जनः) भद्र पुरुष, पुण्यात्मा, --- सुलभाः पुरुषा राजन् सततं प्रियवादिनः-राम० / -पत्रम् कमल का नया पत्ता, पथः 1. अच्छा मार्ग सम०-गः----गतिः वायु-सलिलतले सततगतीनन्तः 2. कर्तव्य का सन्मार्ग, शुद्धाचरण, पुण्याचरण 3. शास्त्र- संचारिणः संनिगा शय्या कार्या-दश०, सततगास्तविहित सिद्धांत,-परिग्रहः योग्य व्यक्ति से (दान) तगानगिरोऽलिभिः शि०६५, नेत्रा नीताः सतत ग्रहण करना,-पशुः यज्ञ में दी जाने वाली बलि के गतिना यद्विमानाप्रभमीः मेघ०६९, यायिन् लिए उपयुक्त पशु, सुचारु यज्ञीय बलि,---पात्रम् योग्य (वि०) 1. सदैव गतिशील 2. क्षयशील। व्यक्ति, पुण्यात्मा, वर्षः योग्य आदाता के प्रति | सतर्क (वि०) [तर्केण सह- ब० स०] 1. तर्क करने में अनुग्रह की वर्षा, योग्यव्यक्ति के प्रति उदारता का निपूण 2. सचेत, सावधान / बर्ताव, वषिन् (वि०) पात्रता का विचार कर दान सतिः (स्त्री०) सम् + क्तिन मलोपः] 1. उपहार, दान आदि देने वाला,-पुत्रः 1. भला पुत्र, योग्य पुत्र 2. अन्त, विनाश / 2. वह पूत्र जो पितरों के सम्मान में सभी विहित | सती (स्त्री० [सत् + डीप] :. साध्वी स्त्री (या पत्नी) कर्मों का अनुष्ठान करे, प्रतिपक्षः (तर्क० में) कु. 1221 2. संन्यासिनी : दुर्गादेवी- कु० 1121 / पांच प्रकार के हेत्वाभासों में से एक, प्रति संतुलित | सतीत्वम् [ सतीत्व ] सती होने का भाव, सतीपन। हेत, वह हेतु जिसके विपक्ष में अन्य समकक्ष हेतु भी सतीनः [सती+नी+ड ] 1. एक प्रकार की दाल, हो, उदा. 'शब्द नित्य है क्यों कि यह श्रव्य है, | मटर 2. बाँस / शब्द अनित्य है क्योंकि यह उत्पन्न हुआ है',-फलः | सतीर्थः, - सतीर्थ्यः | समानः तीर्थः गुरुर्यस्य-ब० स०, अनार का पेड़, भावः (सद्धावः) 1. सत्ता, विद्य- तीर्थे गुरौ वसति इत्यर्थे यत् प्रत्ययः-समानस्य For Private and Personal Use Only