________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1138 ) स्त्री [स्त्यायेते शक्रशोणिते यस्याम . स्त्य-1-5प-+डी / स्त्री के रूप में मशीन या यन्त्र--स्त्रीयन्त्र केन लोके 1. नारी, औरत 2. किसी भी जानवर की मादा विषममृतमयं घमनाशाय सृष्टम् - पंच० 1 / 191, ---गज स्त्री, हरिण स्त्री आदि, श० 5 / 22 3. पत्नी -रञ्जनम् पान, ताम्बूल- रत्नम् श्रेष्ठ स्त्री स्त्री -स्त्रीणां भर्ता धर्मदाराश्च पुंसाम-मा०६।१८, मेघ० रत्नेषु ममोर्वशी प्रियतमा यथे तवेयं दशा--विक्रम 28 4. स्त्रीलिंग, या स्त्रीलिंग का कोई शब्द .. आपः ४।२५,-राज्यम् स्त्रियों द्वारा शासित राज्य या प्रदेश, स्त्रीभूम्नि-अमर०। सम०-अगारः,-रम् अन्तःपुर, जना- . लिगम 1. (व्या० में) स्त्रीवाचकता 2. स्त्रीयोनि, नखाना, -- अध्यक्षः कंचुकी, अभिगमनम् संभोग, -- वशः पत्नी के बस में होना, स्त्री की अधीनता, --आजीवः 1. अपनी स्त्री के सहारे रहने वाला --विधेय (वि.) पत्नी द्वारा शासित, जोरू-भक्त 2. स्त्रियों से वेश्यावृत्ति कराकर जीवनयापन कराने अपनी स्त्री को बेहद चाहने वाला, रघु० 1964, वाला,-कामः 1. स्त्रीसंभोग का इच्छक, स्त्रियों के ----विवाहः स्त्री के साथ विवाह, संसर्गः स्त्रियों का प्रति चाव 2. पत्नी की इच्छा,-कार्यम 1. स्त्रियों का साथ,-संस्थान (वि०) स्त्री की आकृति वाला-श० व्यवसाय 2. स्त्रियों की टहल, अन्तःपुर की सेवा, 5 / 39, संग्रहणम् 1. किसी स्त्री का बलात् आलिंगन -कुमारम् एक स्त्री और बच्चा, कुसुमम् रजःस्राव, 2. व्यभिचार, सतीत्वहरण,..- सभम् स्त्रियों की सभा, स्त्रियों म ऋतु-स्राव, -क्षीरम् माँ का दूध-मनु० 5 / 9, –सम्बन्धः 1. किसी स्त्री के साथ दाम्पत्य सम्बन्ध --- (वि.) स्त्रियों से संभोग करने वाला, गवी 2. वैवाहिक सम्बन्ध 3. स्त्री के साथ सम्बन्ध, दूध देने वाली गाय,-गरः दीक्षा या मन्त्र देने वाली या -स्वभावः 1. स्त्रियों की प्रकृति 2. हीजड़ा,-हत्या पुरोहितानी,-हम स्त्र्यगारम, दे०,--घोषः पौ स्त्री का वव या कतल,-- हरणम् 1. स्त्रियों का बलात् फ़टना, प्रभात, तड़का, -घ्नः स्त्रीघाती,-चरितम्, अपहरण 2. बलात् सम्भोग, जबरजिनाह / -त्रम् स्त्री के कर्म, -चिह्नम् 1. स्त्रीत्व की विशि- स्त्रीतमा, स्त्रीतरा (स्त्री०) कुलीन स्त्री, उत्तम जाति की ष्टता का कोई निशान 2. स्त्रीयोनि, भग,---चौरः सुसंस्कृत स्त्री। स्त्री को फुसलाने वाला, लम्पट, जननी केवल स्त्रीता, स्वम् [ स्त्री+तल+टाप, स्व वा] 1. नारीत्व कन्याओं को जन्म देने वाली स्त्री, जातिः (स्त्री) 2. पत्नीत्व 3. स्त्री होने का भाव, स्त्रैणता / स्त्रीवर्ग, मादा,-जित: स्त्री के वश में रहने वाला, स्त्रण (वि.) (स्त्री०--णी) [ स्त्रिया इदम् न ] जोरू का गुलाम-स्त्रीजितस्पर्शमात्रेण सर्व पूण्यं विन- 1. मादा, स्त्रीवाचक 2. स्त्रियोचित या स्त्री संबन्धी श्यति-शब्द०, मनु० ४।२१७,--धनम् स्त्री की 3. स्त्रियों में विद्यमान,--णिन् 1. स्त्रीत्व, स्त्रियों की निजी सम्पत्ति जिस पर उसका स्वतन्त्र अधिकार हो, प्रकृति, स्त्रीवाचकता-उत्तर० 4.11 2. मादा का -धर्म: 1. स्त्री या पत्नी का कर्तव्य 2. स्त्रीसम्बन्धी चिह्न, स्त्रीपना-तुणे वा स्त्रणे वा मम समदशो नियम 3. रजःस्राव, धर्मिणी रजस्वला स्त्री,---ध्वजः यांतु दिवसा:-भर्तृ० 3 / 113, इदं तत्प्रत्युत्पन्नमति किसी भी जानवर की मादा या स्त्रीलिंग, नाय स्त्रैणमिति यदुच्यते--श० 5, तस्य तणमिव लघवत्ति (वि०) स्त्री जिसकी स्वामिनी हो ,—निबन्धनम् स्त्रणमाकलयत:--का0 3 स्त्रियों का समूह / स्त्री का विशेष कार्य क्षेत्र, गाकर्म, गहिणी का कार्य स्त्रैणता, - त्वम् [ स्त्रैण+तल+टाप, त्व वा] 1. स्त्री -पण्योपजीविन् (पुं०) दे० ऊपर 'स्त्र्याजीव',--परः वाचकता, स्त्रीपना 2. स्त्रियों के प्रति अत्यधिक स्त्रियों से प्रम करने वाला, कामी, लम्पट, पिशाची रुचि। राक्षसी जैसी पत्नी,-पुंसौ (पुं०, द्वि० व०) 1. पति | स्थ (व.)/स्था--क (समास के अन्त में प्रयुक्त) और पत्नी 2. स्त्री और पुरुष-कु० 2 / 7, ..पुंसलक्षणा खड़ा होने वाला, ठहरने वाला, डटा रहने वाला, पुरुष के लक्षणों से युक्त स्त्री, मर्दानी स्त्री, ---प्रत्ययः विद्यमान, मौजूद, वर्तमान आदि- तटस्थ, अंकस्थ, (व्या० में) स्त्रीलिंग शब्द बनाने के लिए शब्द के. प्रकृतिस्थ, तटस्थ / अन्त में जुड़ने वाला प्रत्यय, -- प्रसङ्गः (अत्यधिक) स्थकरम् [-स्थगर, पृषो० ] सुपारी। संभोग,--प्रसः (स्त्री०) पुत्रियों को जन्म देने वाली / स्थग (भ्वा० पर० या प्रेर० स्थगति, स्थगयति) स्त्री-याज्ञ० २७३-प्रियः (वि०) जिसको स्त्रियाँ प्यार 1. ढांपना, छिपाना, गप्त रखना, परदा डालना करें (-यः) आम का पेड़,-बाध्यः स्त्री द्वारा परेशान -पराभ्यहस्थानान्यपि तनुतराणि स्थगयति---मा. किया जाने वाला, -बुद्धिः (स्त्री०) 1. स्त्री को समझ 1314 2. ढांपना, व्याप्त होना, भरना रवः श्रवण2. स्त्री का परामर्श, स्त्री द्वारा दिया गया उपदेश, भैरवः स्थगितरोदसीकन्दरः---काव्य०७ / -भोगः संभोग,---मन्त्रः स्त्रीकौशल, स्त्री की सलाह, / स्थग (वि०) [ स्थग-अच् ] 1. जालसाज, बेईमान - मुखपः अशोकवृक्ष,-यन्त्रम् यन्त्र की भाँति स्त्री, 2. परित्यक्त, निर्लज्ज, लापरवाह, गः धूर्त, छली। For Private and Personal Use Only