________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir एक विशेष रोग,...--लता-वल्लरी 1. सोम का पौधा / सौख्यम् |सुख+ष्यञ | सुख, प्रसन्नता, सन्तोष, सुविधा, 2. गोदावरी नदी, वंशः बुध द्वारा स्थापित राजाओं | आनन्द / का चन्द्रवंश, ----वारः, वासरः सोमवार, --विक्रयिन् / सौगतः [सुगत+अण्] बौद्ध (बद्ध या सुगत का अनुयायी) (पुं०) सोमरस विक्रेता,--- वृक्षः,--सारः सफेद खैर (बौद्धों के चार बड़े संप्रदाय हैं ---माध्यमिक, सौत्राका वृक्ष,-शकला एक प्रकार की ककड़ी,--संज्ञम् न्तिक, योगाचार और वैभाषिक)-सौगतजरत्परिव्राजकपूर, -सत् (पुं०) पितरों का विशेषवर्ग- मनु० कायास्तु कामन्दक्याः प्रथमां भूमिकां भाव एवाधीते ३।१९५,–सिन्धुः विष्णु का विशेषण, सुत् (पुं०) ---मा०१। सोमरस खींचने वाला,-सुता नर्मदा नदी तु० सोमो- सौगतिकः [सुगत- ठक] 1. बौद्ध 2. बौद्धभिक्षु 3. नास्तिक, द्भव, सूत्रम् शिव लिंग के स्नान का जल निकलने पाखंडी, अविश्वासी, कम् अविश्वास, पाखंडधर्म, की नाली, प्रदक्षिणा शिवलिंग की इस तरह परिक्रमा | नास्तिकता, अनीश्वरवाद / करना कि नाली लांघनी न पड़े। सौगन्ध (वि०) (स्त्री०-धी) [सुगन्ध-+ अण्] मधुरगन्धसोमन् (पु.) [सु-मनिन् | चन्द्रमा / युक्त, सुगन्धित, धम् 1. मधुरगन्धता, सुवास 2. एक सोमिन् (वि.) (स्त्री० -नी) [सोम+इनि] सोमयज्ञ का प्रकार का सुगन्धित तृण, कत्तृण / / _ अनुष्ठान करने वाला,-(पुं०) सोमयज्ञ का अनुष्ठाता। सौगन्धिक (वि.) (स्त्री०-का--की) [सुगन्ध+ठन] सोम्य (वि०) सोम+यत्] 1. सोम के योग्य 2. सोम मधुरगन्ध वाला, सुगन्धित, - कः 1. गन्ध द्रव्यों का की आहुति देने वाला 3. आकृति में सोम से मिलता- विक्रेता, गन्धी 2. गन्धक,-कम् 1. सफेद कुमद जुलता 4. मृदु, सुशील, मिलनसार / 2. नील कमल 3. एक प्रकार का सुगन्धित घास, सोल्लुण्ठः, सोल्लुण्ठनम् [उल्लुण्ठेन उल्लण्ठनेन वा सह-ब० कत्तृण 4. लाल। स०] व्यंग्य, ताना, चुटकी, ठम, नम (अव्य०) सौगन्ध्यम् [सुगन्ध ष्यन] गन्धमाधुर्य, सुगन्ध, सुवास। व्यंग्यपूर्वक, ताने के साथ-उत्तर० 5 / सौचिः, सौचिकः [सूचि+इञ , ठञ् ] दर्जी-- मन 4 / 214 सोष्मन् (वि०) [सह उष्मणा ब० स०] 1. गरम, तप्त | पर कुल्लक / 2. (व्या० में) ऊष्मा युक्त (पुं०) ऊष्मवर्ण / सौजन्यम् सुजन-+प्यञ] 1. नेकी, कृपालुता, भलाई सौकर (वि.) (स्त्री० री) [सकर+अण] सूअरसंबंधी, ! ... उत्तर० 3 / 13, मृच्छ० 8 / 38 2. महिमा, उदारता __ सूअर का कि० 12153 / 3. कृपा, करुणा, अनुकम्पा 4. मित्रता, सौहार्द, प्रेम / सौकर्यम् [सू (सु) कर+ष्य] 1. सूअरपना 2. आसानी, / सौण्डी [शुण्डा तदाकारोऽस्ति अस्याः .. शुण्डा+अण्+ डीप, सुविधा --सौकर्य च कार्यस्यानायासेन सिद्धया सांग- | पृषो०] गजपीपल। सिद्धया च बोध्यम 3. क्रियात्मकता, सुकरता 4. निपु- | सौतिः [सूत इञ ] कर्ण का नामान्तर / णता, कुशलता 5. किसी भोज्यपदार्थ या औषधि की सौत्यम् सूत+ष्यज] सारथि का पद,-नल०४।९। सरल तैयारी। सौत्र (वि.) (स्त्री०-त्री) सूत्र---अण] 1. धागे या सौकुमार्यम् [सुकुमार+ष्या] 1. मृदुता, सुकुमारता, डोरी से संबंध रखने वाला 2. सूत्रसंबंधी, सूत्र में कोमलता--शिरीषपुष्पाधिकसौकुमार्यों बार तदीया वणित, सूत्र में निर्दिष्ट,-त्रः 1. ब्राह्मण 2. कृत्रिम विति मे वितकं: कु. 1141. 2. जवानी। धातु जो केवल सूत्रों में वर्णित है, नियमित धातुओं सौषम्यम् [सूक्ष्म+ष्या] बारी की, महीनपना, सूक्ष्मता। की भांति उसकी रूपरचना नहीं होती, यौगिक शब्दों सौखशायनिकः, सौखशायिकः [सुखशयनं पृच्छति-सुखशय के निर्माण में ही उसका उपयोग होता है। (न)+ठक्] वह पुरुष जो किसी पुरुष से उसके सौत्रान्तिकाः (पं० ब० व०) बौद्धों के चार सम्प्रदायों में सुखसूर्वक सोने की बात पूछे - भग्वादीननगणन्तं से एक, तु० 'सौगत'। सौखशायनिकानुषीन्-रघु० 10 / 14 / / सौत्रामणी (सुत्रामा इन्द्रो देवता अस्याः -सुत्रामन्+अण् सौखसुप्तिकः [सुखसुप्ति सुखेन शयनं पृच्छति-ठञ ] 1. किसी | +की पूर्वदिशा चकोरनयनारुणा भवति दिक अन्य पुरुष से सुखपूर्वक सोने का हाल पूछने वाला | च सौत्रामणी विद्ध०४१। 2. चारण, भाट, बन्दी (इसका कार्य राजा या अत्यंत | सौदर्यम् (नपुं०) [सोदर+ष्य ] भ्रातृत्व, भाईपना / समद्धिशाली व्यक्ति को स्तुतिपाठ द्वारा जगाने का | सौदामनी) [सुदामा पर्बतभेदः तेन एका दिक, सुदामन् होता है)। सौदामिनी +अण्- डीप, पक्षे पृषो० साधुः] बिजली, सौखिक (वि०) (स्त्री० की), सौखीय (वि.) (स्त्री० | सौदाम्नी )-सौदामन्या कनक निकषस्निग्धया दर्शयोर्वीम -यो) [सुख+ठक, छण वा सुखसम्बन्धी, आनन्द- --मेघ० 39, सौदामिनीव जलदोदर संधिलीना दायक, हर्षप्रद / -- मृच्छ० 1135 / 142 For Private and Personal Use Only