________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सौमित्रः, सौमित्रः [सुमित्रा+अण, इन वा] लक्ष्मण का .... भम् 1, सुगन्ध भामि० 1218, 121 2. केसर, विशेषण .... सौमित्ररपि पत्रिणामविषये तत्र प्रिये क्वासि जाफरान / भोः--उत्तर० 3 / 45 / सौरभेय (वि०) (स्त्री०-पी) [ सुरभि ढक् ] सुरभि सौमिल्लः (पुं०) कालिदास का पूर्ववर्ती एक नाटककार | से सम्बद्ध,-यः बल। _ -भासकविसौमिल्लकविमिश्रादीनाम - मालवि०१। | सौरभी, सौरभेयी सौरभ डीप, सौरभेय+कीषा सौमेचकम् (नपुं०) सोना, स्वर्ण / 1. गाय 2. 'सुरभि' नामक गाय की पुत्री-ता सौरसौमेधिकः [सुमेधा-+-ठक्] मुनि, ऋषि, अलौकिक बुद्धि भेयी सुरभिर्यशोभिः-रघु० 2 / 3 / सम्पन्न / सौरभ्यम् [ सुरभि+व्या ] 1. सुगन्ध, खुशबू, मधुरसौमेलक (वि.) (स्त्री०-की) [सुमेरु+कञ्] सुमेरु गन्ध-सौरभ्यं भुवनत्रयेऽपि विदितम् भामि० 1138, संबंधी, सुमेरु से आया हुआ, या प्राप्त,-कम् ---सोना, | पुनाना सौरभ्यः .. गंगा० 43, रघु० 5 / 69 2.रोचस्वर्ण। कता, सौन्दर्य 3. सदाचरण, प्रसिद्धि, कीर्ति, ख्याति / सौम्य (वि.) (स्त्री०-म्या,--म्यो) (सोमो देवतास्य | सौरसेनाः (पुं०, ब०व०) एक प्रदेश और उसके अधि तस्येदं वा अण] 1. चंद्र संबंधी, चन्द्रमा के लिए पावन | वासियों का नाम,--नी दे० शौरसेनी / 2. सोम के गुणों से युक्त 3. सुन्दर, सुखद, रुचिकर ! सौरसेयः [ सुरसा + ढक् ] स्कन्द का विशेषण / 4. प्रिय, मदुल, कोमल, स्निग्ध-संरम्भं मैथिलीहासःक्षण- | सौरसैन्धव (वि०) (स्त्री०-वी) [सुरसिन्धु-+अण ] सौम्यां निनाय ताम्-रघु० 12 // 36, (इसके संबोधन का आकाशगंगा सम्बन्धी शि० 13127, H सूर्य रूप 'सौम्य' शब्द 'श्रीमान जी' 'सम्मान्य' 'भला मानस' | का घोड़ा। अर्थों को प्रकट करता है-प्रीतास्मि ते सौम्य चिराय सौराज्यम् [ सुराज्य+प्य ] अच्छा प्रशासन या राज्य जीव--रघु० 14.59, सौम्येति चाभाष्य यथार्थवादी - एको ययौ चत्ररथप्रदेशान् सौराज्यरम्यानपरो -14144, मेघ० 49, कु० 4135, मा० 9 / 25 5. शुभ विदर्भान्-रघु० 5 / 6 / / -म्यः 1. बुधग्रह 2. ब्राह्मण को सम्बोधित करने का सौराष्ट्र (वि.) (स्त्री०-ष्ट्रा, ष्ट्री) [सुराष्ट्र-+-अण् / समुचित विशेषण--आयुष्मान भव सौम्येति वाच्यो सौराष्ट्र (सूरत) नामक प्रदेश सम्बन्धी या वहाँ विप्रोऽभिवादने - मनु०२२१२५3. ब्राह्मण 4. गुलर से प्राप्त, ष्ट्रः सौराष्ट्र प्रदेश, (पुं० ब०व०) सौराष्ट्र का पेड़ 5. लाल होने से पूर्व की दशा में रुधिर, प्रदेश के अधिवासी,--ष्ट्रम पीतल, कांसा / लसीका, रक्तोदक 6. अन्नरस जो पेट में जाकर जीर्ण | सौराष्ट्रकः [सौराष्ट्र-कन् ] एक प्रकार का कांसा, होकर बनता है 7. पृथ्वी के नौ खण्डों में से एक, फल। ---(पुं० ब० व०) 1. मृगशिरा के पांच नक्षत्रों का | सौराष्ट्रिकम् [ सुराष्ट्र+ठक ] 1. एक प्रकार का जहर / पुंज 2. पितृवर्ग विशेष-मनु० 3 / 199 / सम०-उप- सौरिः [सूरस्यापत्यं पुमान् इञ ] 1. शनिग्रह का नाम चारः शान्त उपाय, मृदु चिकित्सा,-कृच्छः, -छम् 2. असन नामक वृक्ष / सम० रत्नम् एक प्रकार एक प्रकार की धर्म साधना--तु० याज्ञ० 31322, का रत्न, नीलम। ----गन्धी सफेद गुलाब, ग्रहः शान्त और शुभ ग्रह, | सौरिक (वि.) (स्त्री०-की) [सुर (रा) (सुर)+ठक] --धातुः कफ, श्लेष्मा, - नामन् (वि.) जिसका 1. स्वर्गीय, दिव्य 2. मदिरासम्बन्धी, आसवीय नाम श्रुतिमधुर हो, सुखद हो-मनु० 3 / 10, वारः, ---वासरः बुधवार / 2. स्वर्ग, वैकुण्ठ 3. कलाल, मदिरा बेचने वाला। सौर (वि.) (स्त्री०-री) [ सूर+अण ] 1. सूरज सौरी [ सौर+ङीष् ] सूर्य की पली। सम्बन्धी, सौर्य 2. सूर्य को अर्पित या पावन 3.स्व- | सोरोय (वि०) (स्त्री०-यो) [ सूर-छण ] 1. सर्य र्गीय, दिव्य 4. मदिरासम्बन्धी, र: 1. सूर्योपासक सम्बन्धी 2. सूर्य के योग्य, सूर्य के उपयुक्त। 2. शनिग्रह 3. सौर्य मास 4. सौर्य दिन 5. तुम्बुरु | सौर्य (वि०) (स्त्री०-यो) [सूर्य+अण्] सूर्य से सम्बन्ध नाम का पौधा,--रम् (ऋग्वेद से उद्धत) सूर्यसम्बन्धी रखने वाला, सूर्य का। मन्त्रों का समूह / सम० नक्तम् एक विशेष व्रत | सोलभ्यम् [सुलभ -- प्या] 1. प्राप्ति की सुविधा 2. सूकजो रविवार को किया जाय, मासः सौर्य मास रता, सुलभता, सुगमता / (जिसमें तीस बार सूर्य उदय हो और तीस ही बार सौल्विकः [सुल्व+ठक्] ताम्रकार, कसेरा। अस्त हो),-लोकः सूर्य लोक / सौव (वि.) (स्त्री०--थो) स्व (स्वर)+अण,] 1. अपनी, सौरयः [ सुरथ+अण् ] शूरवीर, योद्धा। निजी सम्पत्ति से सम्बन्ध रखने वाला 2. स्वर्गीय या सौरभ (वि०) (स्त्री-भी) [सुरभि+अण् ] सुगन्धित, स्वर्ग सम्बन्धी,-वम् आदेश, राजशासन / आसवीय पर+अण् ] 1. सूरज-सौर स्वर्ग, वैकुण्ठ 3. कला कर, शुल्क, For Private and Personal Use Only