________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1070 ) सन्नहनम् [सम् +नह + ल्युट्] 1. तैयार होना, सन्नद्ध | सनियोगः [ सम् +नि+युज्+घञ्] 1. मेल, अनुराग होना, शस्त्रास्त्र से सुसज्जित होना 2. तैयारी 2. नियुक्ति / / 3. कस कर बांधना 4. उद्योग, प्रयत्न सन्निरोधः[सम्+नि-+रुध+घा ] अड़चन, रुकावट / सन्नाहः सम् +नह+घञ] 1. आपने आपको शस्त्रास्त्र | सन्निवृत्तिः (स्त्री.) [सम् +नि+वृत्+क्तिन् ] 1. वापसी से सुसज्जित करना, युद्ध के लिए तैयार होना, कवच -श०६।१०, रघु० 8 / 49, 10 / 27 2. हटना रुकना पहनना 2. युद्ध जैसी तैयारी, सुसज्जा 3. कवच, 3. निग्रह, सहिष्णुता। बस्तर अस्मिन्कलौ खलोत्सृष्टदुष्टवाग्बाणदारण / सनिवेशः [सम्+नि+विश्+घञ्] 1. गहरी पैठ, कथं जीवेज्जगन्न स्यः सन्नाहा: सज्जना यदि ...कीर्ति० / उत्कट भक्ति या अनुराग, संलग्नता 2. संचय, 1136, कि० 16 / 12 / / समुच्चय, संघात 3. मेल, मिलाप, व्यवस्था - रमणीय सत्राह्यः [सम्+नह +ण्यत् ] युद्ध का हाथी। -एष वः सुमनसां सन्निवेशः मा० 119 4. स्थान, सन्निकर्षः [सम् +नि- कृष् +घञ्] 1. निकट खींचना, जगह, स्थिति, अवस्था--कु०७।२५, रघु० 6 / 19 -समीप लाना, 2. पड़ोस, सामीप्य, उपस्थित-उत्क- 5. पड़ोस, सामोप्य 6. रूप, आकृति--उद्दामशरीर पठते च युष्मत्सन्निकर्षस्य-उत्तर०६, 3 / 74, रघु० सन्निवेशः मा०३, निर्माणसन्निवेश:-का07. झोपड़ी, 78, 6.10 3. संबंध, रिस्तेदारी 4. (न्याय० में) रहने की जगह,--रघु० 14176 8. उपयुक्तस्थानों पर इंद्रिय का विषय से संबंध, (यह छ: प्रकार का है)। आसन देना, बिठाना-क्रियतां समाजसन्निवेश:-उत्तर० सनिकर्षणम् [सम्+नि+कृष् + ल्युट] 1. निकट लाना 71. बीच में रखना 10. नगर के निकट खुला मैदान 2. पहुँचना, समीप जाना 3. सामीप्य, पड़ोस / जहाँ लोग मनोरंजन, व्यायाम आदि के लिए एकत्र सनिकृष्ट (भू० क. कृ.) [सम् +नि+कृष् + क्त] | होते हैं। 1. समीप आया हुआ 2. समीपवर्ती, सटा हुआ, विक- सन्निहित (भू० क. कृ.) [सम्-+-नि-+धा+क्त] टस्थ,--ष्टम् सामीप्य, पड़ोस / 1. निकट रक्खा गया, पास पड़ा हुआ, निकटस्थ, सन्निचयः [सम् --नि-+-चि+अच्] संग्रह, संचय / सटा हुआ, पड़ौस का ---श० 42. निकट, समीप, सन्निधातु (पुं०)[सम् +नि-धा-तच ] 1. निकट लाने नजदीक 3. उपस्थित-अपि सन्निहितोऽत्र कुलपति:-श० वाला 2. जमा करने वाला 3. चोरी का माल लेने 1, हृदयसन्निहिते-श० 3 / 20 4. जमाया हुआ, वाला-- मनु० 9 / 278 4. न्यायालय में लोगों का रक्खा हुआ, जमा किया हुआ 5. उद्यत, तत्पर परिचय कराने वाला अधिकारी। मुद्रा०१6. ठहरा हुआ, अन्तर्वर्ती / सम०-अपाय सनिधानम्, सन्निधिः [सम्+निधा+ल्युट, कि वा ] (वि.) जिसका विनाश निकट ही हो, क्षणभंगर 1. मिलाकर रखना, साथ साथ रखना 2. सामीप्य, नश्वर, अस्थायी कायः सन्निहितापाय:-पंच० पड़ीस, उपस्थिति-नै० 2153 3. दृष्टिगोचरता 2 / 177 / दर्शन 4. आधार 5. ग्रहण करना, कार्य भार लेना, सन्न्यसनम् सम् +नि+अप्+ल्युट] 1. त्याग, (हथियार) 6. सम्मिश्रण, समष्टि / डाल देना 2. पूर्णवैराग्य, विरक्ति न च सन्न्यसनादेव सन्निपातः[सम्---मि-+पत्+घञ ] 1. नीचे गिरना, / सिद्धिं समधिगच्छति .. भग० 3 / 4 3. सौंपना, सुपूर्द उतरना, नीचे आना 2. एक साथ गिरना, मिलना, करना। -कि० 13158 3. टक्कर, संपर्क . मेल, संगम, सन्न्यस्त (भू० क. कृ.) / सम् +-नि+3 सम्मिश्रण, मिथण, विविध संचय धमज्योतिः सलिल 1. डाला हुआ, नीचे रक्खा हुआ 2. जमा किया हआ मरुतां सन्निपातः क्व मेघः-मेघ०५६. संघात, संग्रह, 3. सौंपा हुआ, सुपुर्द किया हुआ 4. एक ओर डाला, समच्चय, संख्या -नानारत्नज्योतिषां सन्निपातः कू० छोड़ा हुआ, त्यागा हुआ। 13 6. आना, पहुँचना 7. (वात, पित्त कफ) तीनों / सन्यासः [सम्+नि+अस+घञ] 1. छोड़ना, त्याग दोपों का एक साथ बिगड़ना जिससे कि विषम ज्वर करना 2. सांसारिक विषयों तथा अनुरागों से पूर्ण हो जाता है 8. संगीत में एक प्रकार का समय, ताल / वैराग्य, सांसारिक वासनाओं का परित्याग, भग० सम---ज्वरः तीनों दोषों के बिगड़ जाने पर उत्पन्न 612, 1802, मनु० 11114, 5 / 108 3. धरोहर, होने वाला भीषण ज्वर / / निक्षेप 4. खेल में शतं लगाना 5. शरीर त्यागना, सन्निबन्धः [सम्+नि- बन्ध+घञ ] 1. कस कर बांधना मृत्यु 6. जटामांसी, बालछड़। 2. संबंध, आसक्ति 3. प्रभावकारिता / सन्न्यासिन् (पुं०) [सम्+नि अस+णिनि ] 1. जो सन्निभ (वि.) [सम्+नि+भा-क] समान, सदृश, त्याग देता और जमा कर देता है 2. जो संसार और (समास के अन्त में प्रयुक्त) ऋतु० 1111 / इसकी आसक्तियों का पूर्णत: त्याग कर देता है, For Private and Personal Use Only