________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1010 ) शरीर के हाथ, कन्धा आदि छोरों म सूजन,-भत् | शाण्डिल्यः [ शण्डिल+या 11. एक ऋषि जिसने विधि(पुं०) वृक्ष, भेवः (वेद की) शाखाओं का अन्तर, शास्त्र पर प्रन्थ लिखा 2. बिल्ववृक्ष, बेल का पेड़ -मग: 1. बन्दर, लंगूर 2. गिलहरी, रण्डः अपनी / 3. अग्नि का रूप। सम० गोत्रम् शांडिल्य का शाखा के प्रति द्रोह करने वाला, वह ब्राह्मण जिसने परिवार। अपनी वैदिक शाखा को बदल दिया है,- रथ्या गली, | शात (भू० क. कृ०) [शो+क्त ] 1. तीक्ष्ण किया हआ, वीथिका। पनाया हुआ 2. पतला, दुबला 3. दुर्बल, कमजोर शाखालः [शाखा+ला+क] एक प्रकार का बेंत, वानीर / 4. सुन्दर, मनोहर 5. प्रसन्न, फलता-फूलता, तःधतूरे शाखिन् (वि.) [शाखा+इनि] 1. शाखाधारी आलं. से का पौधा,-तम् आनन्द, प्रसन्नता, खुशी मानिनी भी) 2. शाखाओं से युक्त, शाखामय 3. (वेद के) जनजनितशातम्-गीत०१०। सम०-उदरी कृशोदरी, किसी सम्प्रदाय विशेष से सम्बन्ध रखने वाला-(पं०) पतली कमर वाली स्त्री शि० 5 / 23, रघु० 10 // 1. वृक्ष श० श१५ 2. वेद 3. वेद की किसी भी ६९,--शिख (वि.) तेज़ नोक वाला, तीक्ष्ण नोकदार। शाखा का अनुयायी। शातकुंभम् [शतकुंभे पर्वते भवम् अण् ] 1. सोना,-शि० शाखोटः, शाखोटक: [शाख्+ओटन, शाखोट+कन] एक 9 / 9, नै० 16 / 34 2. धतूरा। वृक्ष, पेड़-कस्त्वं भोः कथयामि दैवहतकं मां विद्धि शातकौम्भम् [ शतकुम्भ+अण् ] सुवर्ण, सोना। शाखोटकम्---काव्य०१०। शातनम् [शो+णिच+त+ल्यट] 1. पैनाना, तेज शाङ्करः [शङ्कर+अण्] बैल / करना 2. काटने वाला, विनाशकर्ता रघु० 3 / 42 शाकुरिः शङ्कर+इञ] 1 कार्तिकेय 2, गणेश 3. अग्नि। 3. गिराना या नष्ट करना 4. कुम्हलाहट पैदा करना शालिकः [शल ठिक] 1. शल्लकार, शक्ल को काट कर 5. पतला या छोटा होना, पतलापन 6. मुर्माना, उसकी चीजें बनाने वाला 2. एक वर्णसङ्कर जाति कुम्हलाना। 3. शङ्ख बजाने वाला-शि० 1572 / शासपत्रकः,-को [शतपत्र- अण्+कन ] चाँद का प्रकाश / शाटः, शाटी [शट्+घा, शाट+ङीष् ] 1. वस्त्र, | शातभीरः [शाताः दुर्बलाः पान्थाः भीरवो यस्या:-ब० स०] कपड़ा 2. अधोवस्त्र, साड़ी। एक प्रकार की मल्लिका। शाटकः, कम [ शाट+कन 11, वस्त्र, कपड़ा, अधोवस्त्र, | शातमान (वि०) (स्त्री० नी) [ शतमानेन क्रीतम साड़ी-पंच० 2144 / अण् ] एक सौ में मोल लिया हुआ। शाठयम् [शठ+या ] बेईमानी, छल, कपट, चालाकी, शात्रव (वि.) (स्त्री०--बी) [ शत्रु+अण् ] 1. शत्रुसंबंधी, जालसाज़ी, दुष्कर्म-आजन्मनः शाव्यमशिक्षितो यः --रघु० 4 / 42 2. विरोधी, शत्रुतापूर्ण, वः दुश्मन --श० 5 / 25, मुद्रा० 1 / 1 / / .....शि० 14 / 44, 18120, वेणी० 5 / 1, भट्टि० 5 / शाण (वि.) (स्त्री०–णी) [शणेन निवृत्तम् -अण् ] 81, कि० 14 / 2, मुद्रा० 215, - वम् 1. शत्रुओं का सन का बना हुआ, पब्सन का बना हुआ,--ण: समूह 2. शत्रुता, दुश्मनी-त्रयीशात्रवशत्रवे----रस० / 1. कसौटी-भामि० 1173, भर्तृ० 2 / 44, 2. सान | शात्रवीय (लि.) [ शत्रु+छ ] 1. शत्रुसंबंधी 2. विरोधी, रखने वाला पत्थर 3. आरा 4. चार माशे की तोल, शत्रुतापूर्ण। -णम् 1. मोटा कपड़ा, बोरे या थैले आदि बनाने शावः [शद्-+घञ ] 1. छोटी घास 2. कीचड़। सम० का कपड़ा 2. सन का बना वस्त्र --मनु० 2 / 41 --हरितः-तम् नये घास के कारण हरियाली भूमि, 1087 / सम०-आजीवः शस्त्रनिर्माता, सिकलीगर / वह भूमि जिस पर हरियाली छा गई है। पाणिः [शण +इण ] एक पौधा जिसके रेशों से वस्त्र शाद्वल (वि.) [शादाः सन्त्यत्र दलच ] 1. तणयक्त बनता है, पटुआ। 2. जहाँ नई घास, या हरी हरी घास उग आई हो शाणित (भू० क. कृ.) [शण्+णिच्+क्त ] सान पर। 3. हरा भरा, सब्ज, हरियाली से युक्त,--लः, -- लम् रक्खा हुआ, पीसा हुआ, (शाण पर * रख कर) घास से युक्त भूमि, हरियाली, चरागाह-शय्या पेनाया हुआ। शाद्वलम् - शान्ति / शाणी [शण+डीप्] 1. कसौटी 2. सान 3. आरा 4. सन शान् (भ्वा० उभ० शीशांसति-ते-निश्चित रूप से 'शान' का बना वस्त्र 5. फटा कपड़ा, चिथड़ा 6. छोटा पर्दा का इच्छा० रूप, मूल अर्थ में प्रयुक्त- तेज करना, या तंब 7. अंगविक्षेप, हाथ या आँख आदि से संकेत पैनाना। करना। शानः [शान्+अच् ] 1. कसौटी 2. सान का पत्थर / शानीरम् [शण+ईरण ] शोण नदी का तट, शोण नदी सम०-वावः 1. चन्दन पीसने का पत्थर 2. पारिका भूभाग। यात्र पर्वत / For Private and Personal Use Only