________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उगा हआ 2. किणान्वित. घाव भरा हुआ. जैसा कि / कर बातें करना.2.समाचार देना 3. परीक्षण, खयाल 'संख्ढवण' में 3. फूटा हुआ, अंकुर निकला हुआ, करना 4. जादू मंत्र के द्वारा वश में करना 5. मन्त्र, मुकुलित, उपजा हुआ- रघु०६/४७ 4. पक्का जमा ताबीज। हुआ, जिसकी जड़ दृढ़ हो गई हो 5. साहसी, |संबरः [ सम्++अप् वा अच् ] 1. ढक्कन 2. समास भरोसे का। 3. संपीडन, संकोचन 4. बांध, सेतू, पुल 5. एक प्रकार संरोषः [सम्+रुध+धा ] 1. पूरी रुकावट या विघ्न, का हरिण 6. एक राक्षस का नाम-- पांबर,-रम अड़चन, रोक, रोक थाम 2. घेराबंदी, घेरना 3. बंधन, 1. छिपाव 2. सहनशीलता, आत्मनियंत्रण 3. जल बेड़ी 4. फेंकना, डालना। 4. बौद्धों का एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान / संरोधनम् [ सम् + + ल्युट् ] रुकावट, ठहराना, | संबरणम् [सम्--+ल्युट् ] 1. आवरण, आच्छादन रोकना / 2. छिपाव, दुराव-मा० 1 3. बहाना, छप्रवेश संलक्षणम् [ सम्+ल+ल्यूट ] निशान लगाना, पहचा- ___-. दे० 'संवर' भी। नना, चित्रण करना / संवर्जनम् [ सम् + ल्युट् ] 1. आत्मसात्करण 2. उपसंलग्न (भू० क. कृ०) [सम्+लग्+क्त ] 1. घनिष्ठ, भोग करना, खा जाना / सटा हुआ, संहत, जुड़ा हुआ 2. गुत्थमगुत्था होना, | संवर्तः [ सम् +वृत्+धम ] 1. मुड़ना 2 धुलना, विनाश भिड़ जाना। 3. संसार का नियतकालिक प्रलय-महावीर० 6 / 26 संलयः [ सम्+ली+अच् ] 1. लेटना, सोना 2. घुल 4. बादल 5. (जल से भरा हुआ) बादल 6. संसार जाना 3. प्रलय / में प्रलय होने पर उठने वाले सात बादलों में से एक संलयनम् [ सम् +ली+ल्युट ] 1. जुड़ जाना, चिपक | 7. वर्ष 8. संग्रह, समुच्चय / जाना 2. घुल जाना। संवर्तकः [ सम् +वृत्+णिच् +ण्वुल ] 1. एक प्रकार का संललित (भू० क० कृ०) [ सम् +लल+क्त ] लाड बादल 2. प्रलयाग्नि, विश्वप्रलय के समय संसार को लगाया हुआ, प्यार किया हुआ। भस्म करने वाली आग-इतोऽपि वडवानलः सह संलापः [सम+लपु+घन। 1. समालाप, बातचीत, समस्तसंवर्तक:-भत० 2176 3. बड़वानल 4. बल प्रवचन 2. गोपनीय या गप्त बातें, अंतरंग वार्तालाप, राम का नाम / ____3. (नाटकों में) एक प्रकार का संवाद, सम्भाषण / संवर्तकिन् (पुं०) [ संवर्तक-+इनि ] बलराम का नाम / संलापकः [संलाप+कन् ] एक प्रकार का उपरूपक, संवा- संतिका [ संवर्तक+टाप, इत्वम् ] 1. कमल का नया दात्मक प्रकार का, -- दे० सा० द० 549 / पत्ता 2. पराग केशर के पास की पंखड़ी 3.दीप संलोढ (भू० क० कृ०) [ सम्+लिह,+ क्त ] चाटा शिखा आदि (दीपादे: शिखा-तारा०)। हुआ, उपभुक्त। संवर्धक (वि.) (स्त्री०-धिका) [सम्+बुध+णिच संलीन (भू० क० कृ.) [सम्+ली+क्त] 1. चिपका +बुल ] 1. पूर्ण विकसित करने वाला, बढ़ाने वाला हुआ, जुड़ा हुआ 2. साथ साथ मिलाया हुआ 2. सत्कार करने वाला, स्वागत करने वाला (अम्या3. छिपाया हुआ, गुप्त रक्खा हुआ 4. दहला हुआ गतों का), आतिथ्यकारी। 5. सिकुड़ा हुआ, शिकन पड़ा हुआ। सम०-कर्ण संबंधित (भू० क. कृ०) [ सम् +वृष+णि+क्त ] (वि०) जिसके कान नीचे लटके हों,-मानस (वि०) 1. पाला-पोसा हुआ, पालन-पोषण किया हुआ खिन्नमना, उदास / संलोडनम् [ सम् + लोड्+ल्युट ] बाधा डालना, गड़बड़ | संवलित (भू० क० कृ.) [ सम्+वल्+क्त ] 1. साय करना। मिला हुआ, मिलाया हुआ, मिश्रित मा० 65 संवत् (अव्य०) [ सम्+वय +क्विप्, यलोपः तुक् च] / 2. तर किया हुआ, मा० 4 / 9 3. संबद्ध, संयुक्त 1. वर्ष 2. विशेष कर विक्रमादित्य वर्ष, (जो खीस्ताब्द] 4. टूटा हुआ उदितोपलस्खलनसंवलिताः (ध्वनयः) से 56 वर्ष पूर्व आरम्भ हुआ था। -कि०६।४। संवत्सरः [ संवसन्ति ऋतवोऽत्र-संवस्+सरन् ] 1. वर्ष | संबल्गित (वि.) [ सम्+वल्ग्+क्त ] पददलित किया 2. विक्रमादित्यान्द 3. शिव / सम० .. करः शिव का | हुआ, तम् ध्वनि मा० 5 / 19 / विशेषण, भ्रमि (वि.) एक वर्ष में पूरा चक्कर | संवसपः [ सम्+वस्+अथच् ] मिलकर रहने का स्थान, करने वाला (सूर्य),-- रथः एक वर्ष में पूरा होने वाला प्राम, बस्ती। मार्ग / | संवहः [ सम्+वह +अच् ] वायु के सात मागों में से संवदनम् [ सम्+व+ल्युट् ] 1. वार्तालाप करना, मिल! तीसरा मार्ग / +क्त ] हुआ, पालन-पो .2. बढ़ाया For Private and Personal Use Only