________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शान्त (भू० क. कृ०) [शम्+क्त] 1. प्रसन्न किया हुआ, | शान्तिक (वि.) (स्त्री०-को) [शान्ति-कन्] प्रायश्चि दमन किया हुआ, धीरज दिलाया हुआ, सन्तुष्ट किया तात्मक, सान्त्वनाप्रद, तुष्टिकर,-कम् संकट को दूर हुआ, प्रशान्त-रघु० 12 / 20 2. चिकित्सित, सान्त्वना | करने के लिए किया गया अनुष्ठान / दिया हुआ-शान्तरोगः 3. घटाया हुआ, कम किया | शान्त्व दे० 'सान्त्व्।। हुआ, समाप्त किया हुआ, हटाया हुआ, बुझाया हुआ | शापः [शप्+घञ्] 1. अभिशाप, अवक्रोश, फटकार ... शान्तरथक्षोभपरिश्रमम्---रघु० 258, 5 / 47, -शापेनास्तं गर्मितमहिमा वर्षभोग्येण भर्तुः----मेघ०१, शाताचिषं दीपमिव प्रकाशः ----कि० 17.16 4. विरत, 92, रघु० 1178, 5 / 56, 59, 11 / 14 2. सौगन्ध, ठहराया हुआ-कु० 3 / 42 5. मत, उपरत 6. शान्त शपथोक्ति 3. दुर्वचन, मिथ्या आरोप / सम-अन्तः किया हुआ, दबाया हुआ 7. सौम्य, चुपचाप, बाधाहीन, .-अवसानम्,-निवृत्तिः (स्त्री० ) अभिशाप की निस्तब्ध, मूक, मौन --शान्तमिदमाश्रमपदम् श० समाप्ति, मेघ० 110, रघु०८1८२,- अस्त्रः 'अभि१२१६, 4 / 19 8. सधाया हुआ, पाला हुआ-रघु० शाप को ही जिसने अपना आयुध बनाया है' ऋषि, 14179 1. आवेशरहित, आराम से, सन्तुष्ट 10. छाया- महात्मा- रघु०१५।३,-उत्सर्गः अभिशाप का उच्चादार 11. पवित्रीकृत 12. शुभ (शकून)--(शान्तं रण,--उद्धारः,–मुक्तिः ,-मोक्षः अभिशाप से छुटपापम् 'अहो ! नहीं, यह कैसे हो सकता है, भगवान् कारा, -ग्रस्त (वि.) अभिशाप से दबकर परिश्रम करे ऐसी अशुभ या दुर्भाग्यपूर्ण घटनान घटे'-. श० करने वाला,-मुक्त (वि.) अभिशाप से जिसने 5, मुद्रा० १),-त: 1. वैरागी, संन्यासी 2. शान्ति, छुटकारा पा लिया है, यन्त्रित ( वि. ) अभिशाप निस्तब्धता, मौनभाव, सांसारिक विषय वासनाओं के के कारण नियन्त्रणपूर्ण / प्रति तटस्थता की प्रभावना, दे० निर्वेद और रस, तम् | शापित (भू० क० कृ०) [शप्+णिच्+क्त] 1. सौगन्ध (अव्य०) बस, और नहीं, ऐसा नहीं, शर्म की बात है, से बंधा हुआ, शपथपूर्वक उक्त 2. गृहीशपथ, जिसने चुप रहो, भगवान् न करे-शान्तं कथं दुर्जना: पौर शपथ ले ली है। जानपदाः -उत्तर० 1, तामेव शान्तमथवा किमिहोत्त शाफरिकः शिफरान् हन्ति-शफर+ठक] मछुआ, मछली रेण–३।२६। सम० आत्मन्,-चेतस् ( वि०) पकड़ने वाला। सौम्य, शान्तमना, धीर, स्वस्थमना,-तोय (वि.) / शाव (ब) र (वि.) (स्त्री०-री) [शब (व) र+अण] जिसका पानी स्थिर हो,-रसः मौनभाव-दे० ऊ० 1. असभ्य, जंगली 2. नीच, कमीना, अधम-रः शान्तम् / 1. अपराध, दोष 2. पाप, दुष्टता 3. लोध्र नामक शान्तनवः [शन्तनु+अण्] शन्तनु का पुत्र भीष्म। वृक्ष-री प्राकृत बोली का एक निम्नरूप (पहाड़ी शान्ता [शान्त+टाप्] दशरथ की पुत्री जिसे लोमपाद लोगों से बोला जाने वाला / सम० ... भेदाख्यम् ऋषि ने गोद ले लिया था तथा जो ऋष्यशृङ्ग को (भेदाक्षम् भी) तांबा।। ब्याही गई थी। दे० उत्तर० 114, 'ऋष्यशृङ्ग' भी। शाब्द (वि०) (स्त्री०-दी)[शब्द+अण] 1. शब्द संबंधी शान्तिः (स्त्री०) [शम् / क्तिन्] 1. प्रशमन, निराकरण, या शब्द से व्युत्पन्न 2. ध्वनि पर निर्भर या ध्वनि सान्त्वना, हटाव-अध्वरविघातशान्तये - रघु०११११, सम्बन्धी (विप० आर्थ)3. शाब्दिक, मौखिक 4.ध्वनन६२ 2. धैर्य, प्रशान्तता, निःशब्दता, अमन-चैन, शील, मुखर,-दः वैयाकरण। सम० --बोधः शब्दों विश्राम-कु० 4 / 17, मात 61 3. वैरनिरोध के अर्थ का अवबोध या प्रत्यक्षीकरण,—व्यंजना शब्दों ... -भामि० 125 4. विराम, निवृत्ति 5. आवेश का पर आधारित व्यंग्योक्ति / अभाव, मौनभाव, सभी सांसारिक भोगों के प्रति पूर्ण शाब्दिक (वि.) (स्त्री-की) शब्द-Fठक ] 1. ज़बानी, उदासीनता-रघु० 771 6. सान्त्वना, ढाढस 7. साम- मौखिक 2. निनादी,--क: वैयाकरण / जस्यविधान, विरोधोपशमन 8. भूख की तृप्ति शामनः [शमन+अण् ] यमनम् 1. हत्या, बध 9. प्रायश्चित्त अनुष्ठान, पाप को दूर करने के लिए 2. शान्ति, अमन-चैन 3. अन्त, - नी दक्षिण दिशा। तुष्टिप्रद अनुष्ठान 10. सौभाग्य, बधाई, आशीर्वाद, शामियम् [शम्+णिच् +इत्रच् ] 1. यज्ञ करना 2. मेघ, माङ्गलिकता 11. दोषमार्जन, कलंक से मुक्ति, / यज्ञ में पशुवध करना 3. यज्ञ के लिए बलिपशु बांधना परिरक्षण। सम०-उदम्,-उदकम्,-जलम् शान्ति- | 4. यज्ञीय पात्र / कर तथा प्रसादपूर्ण जल -श० ३,-कर, -कारिन् शामिलम् [ शमी+लञ् ] भसा, राख / (वि०) सान्त्वक, प्रशामक, - गृहम् विश्रामकक्ष,-होमः | शामिली [ शामिल+ङीष् ] यज्ञीय खुवा, मुच् / पाप का निस्तारण करने के लिए यज्ञ करना-मनु० शाबरी [ शम्बर+अण्+ङीप ] 1. बाजीगरी, जादूगरी 4 / 150 / 2. जादूगरनी। For Private and Personal Use Only